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चीन की अल्पसंख्यक जाति

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सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2006-11-07 19:23:27    
रंगबिरंगा हाता सांस्कृतिक समारोह में बर्फीले पठार के विकास की ध्वनि की गूंज 

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चीन एक बहुजातीय देश है । हान जाति के अलावा चीन में अन्य 55 अल्पसंख्यक जातियां हैं । चीनी अल्पसंख्यक जाति की जनता नाच-गान की शौकीन है और अल्पसंख्यक जातियों की संस्कृति विविधतापूर्ण ही नहीं, रंगबिरंगी भी है । कुछ समय पूर्व तीसरी राष्ट्रीय जातीय सांस्कृतिक कला-प्रदर्शनी चीन की राजधानी पेइचिंग में आयोजित हुई । समूचे देश के विभिन्न स्थलों से आए अल्पसंख्यक जातीय कलाकारों ने पेइचिंग वासियों के समक्ष तीस से ज्यादा कार्यक्रम प्रस्तुत किए । चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के कला प्रतिनिधि मंडल ने इस दौरान तिब्बती विशेषता वाली प्रस्तुति पेश की , जिसने दर्शकों की वाहवाह लूटी ।

नृत्य धुन---《रंगबिरंगे हाता》

तिब्बती कला प्रतिनिधि मंडल द्वारा प्रस्तुत नृत्य《रंगबिरंगे हाता》नामक नृत्य एक बहुत सुन्दर कार्यक्रम है । हाता तिब्बती जाति की एक हस्तकला वस्तु है , जो रेशम से बुना जाता है । आम तौर पर तिब्बती लोग आदरणीय मेहमानों का सम्मान करने के लिए हाता प्रदान करते हैं। इस गीत के बोल हैं --मेरे हाथों में है सफेद हाता, आकाश में सफेद बादल हैं, जंगल में रंग-बिरंगे फूल हैं और झील का कलकल करता पानी है । यह हमारी सदिच्छा है और नये तिब्बत की शुभकामना भी है । हम यह हाता दोस्तों को प्रदान करेंगे, कामना है कि दोस्त सुखमय हों । हम यह हाता माता जी को प्रदान करेंगे, कामना है कि माता स्वस्थ हों । हम यह हाता मातृभूमि को प्रदान करेंगे, कामना है कि मातृभूमि समृद्ध हो । हम यह हाता विश्व को प्रदान करेंगे, कामना है कि विश्व के हर कोने में शांति हो।

सफेद हाते से लोगों को सुनहरी शुभकामनाएं पहुंचाई जाती हैं । तिब्बती प्रतिनिधि मंडल की इस कला प्रदर्शनी के कार्यक्रमों का मकसद है तिब्बती जाति के रंगबिरंगे सांस्कृतिक जीवन को तिब्बत से प्रेम करने व तिब्बत पर ध्यान देने वाले लोगों तक पहुंचाया जाना, साथ ही तिब्बती जनता की शुभकामनाएं दर्शकों तक पहुंचाना । तिब्बती सांस्कृतिक कलात्मक प्रदर्शनी के प्रतिनिधि मंडल के नेता, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग के उप निदेशक श्री जाशी डोर्चे ने इस प्रदर्शनी की जानकारी देते हुए कहा

"मौजूदा प्रदर्शनी प्रतिनिधि-मंडल ने तिब्बत की राष्ट्रीय जातीय सांस्कृतिक प्रदर्शनी में भाग लेने का यह एक रिकार्ड बनाया है । कुल 230 व्यक्तियों ने इस कला-प्रदर्शनी में भाग लिया । हमारे सांस्कृतिक समारोह का नाम है《रंगबिरंगा हाता》, जिस का मतलब है कि इन प्रस्तुतियों के जरिए तिब्बत में हुए नए परिवर्तन, नए जीवन और नए विकास को दिखाया जाएगा । इस के साथ ही इस सांस्कृतिक समारोह से हमारी तिब्बती जाति के रंगबिरंगे नृत्य-गान और कला भी दिखाई जाएगी । दर्शक हमारी प्रस्तुतियों से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अली प्रिफैक्चर, नाछ्वू प्रिफैक्चर तथा लिन ची प्रिफैक्चर आदि क्षेत्रों की संस्कृति व विशेषताओं को देख सकते हैं ।"

गीत---《स्वर्ण धुन》

अब आप सुन रहे हैं तिब्बती कला प्रतिनिधि मंडल के कलाकारों द्वारा गाया गया"श्ये छिन"शैली वाला गीत《स्वर्ण धुन》। तिब्बती भाषा में"श्ये छिन"का मतलब है कि महा गीत । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग के उपनिदेशक श्री जाशी डोर्चे ने जानकारी देते हुए कहा

"'श्ये छिन'तिब्बती भाषा का शब्द है , अगर इस का अनुवाद चीनी भाषा में किया जाए, तो श्ये छिन का मतलब होगा महा गीत । इस का इतिहास बहुत पुराना है , जो कोई 1300 वर्षों से अधिक । तिब्बत की राजधानी स्थित पोताला महल के भित्ति चित्रों व जोखान मठ के भित्ति चित्रों में श्ये छिन की प्रस्तुति के दृश्य दिखाए गए हैं । आम तौर पर भव्य समारोहों व महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में इस की प्रस्तुति की जाती है ।"

श्री जाशी डोर्चे ने जानकारी देते हुए कहा कि"श्ये छिन"की प्रस्तुति आम तौर पर महिलाओं की आवाज़ और पुरूषों की आवाज़ से मिल कर प्रस्तुत की जाती है, जिस की धुन की गति धीमी होती है और लय के साथ गीत की गति धीरे-धीरे तेज़ होती जाती है और अंत में इस की लय तेज़ गति पर पहुंचती है ।"श्ये छिन"की प्रस्तुति के दौरान कलाकार नाचते भी हैं , इस तरह "श्ये छिन"तो गाने को प्रधानता देने वाली मिश्रित कला है ।

तिब्बती प्रतिनिधि मंडल के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति में पुरानी कला के "श्ये छिन"को नए ढंग व शैली में दिखाया । मंच पर सुन्दर तिब्बती वस्त्र पहने वाले तिब्बती अभिनेता-अभिनेत्री प्राचीन तिब्बती लोकगीत गा रहे हैं । मधुर आवाज़ ने दर्शकों को हज़ार वर्षों पूर्व के बर्फीले पठार में पहुंचा दिया है, दर्शकों को तिब्बत के प्राचीन रहस्यमय अनुष्ठानों की गूंजें सुनाई दे रहीं हैं। तिब्बती कलात्मक शैली"श्ये छिन"हिमालय पर्वत की तरह और यालुचांबू नदी (भारत में ब्रह्मपुत्र) की तरह महान है और शानदार भी। लगता है कि यह धुन प्राचीन समय से ही आज तक हज़ारों वर्षों में तिब्बत के बर्फीले पठार में गूंज़ रही है । यह है तिब्बती जनता का महागीत, जिस में सूर्य व चांद का ज़िक्र है, जिस में पहाड़ों व नदियों का ज़िक्र आता है, जिस में भूमि का ज़िक्र आता है और जीवन का ज़िक्र आता है, यह तिब्बती जाति की महानता दिखाता है ।

लाची कांउटी के किसानों द्वारा गाया गया गीत