पश्चिमी सिन्चांग में आबाद कजाख जाति घोड़े पर सवार जाति के नाम से मशहूर है , कजाख लोग अपने असाधारण श्रेष्ठ व्यक्ति को बहादूर बाज का संबोधन देना पसंद करते हैं । सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के ईली कजाख जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर के तहत शिन्युन काऊंटी के अरेलटोबिए कस्बे के निवासियों के दिल में जो एक ऐसा बहादूर बाज सम्मानित है , वे वहां के सार्वजनिक सुरक्षा बल के पुलिसकर्मी श्री असिहार हैं ।
इस साल के जून माह में सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के उच्च जन न्यायालय ने देश के एक सब से बड़े पुश चोरी मामले पर फैसला सुनवाया , इस मामले के अभियुक्तों की संख्या 123 है , जिन्हों ने कुल 395 अपराध कर एक हजार से ज्यादा पशु की चोरी की थी , अदालती फैसला के मुताबिक सभी 123 अपराधियों को जेल काटने की सजा दी गई । इस मामले के निपटारे का स्थानीय लोगों ने दिल खोल कर स्वागत किया और मामले का भंडाफोड़ करने में उल्लेखनीय योगदान किए पुलिस कर्मी श्री असिहार की खूब तारीफ की गयी और वे वहां के सर्वविदित वीर बन गए ।
इस साल 30 वर्षीय असिहार जाहेफु ईली कजाख जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर की शिन्युन काऊंटी के अरेलटोबिए कस्बे के पुलिस थाने के थानेदार हैं , विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद वे पुलिस थाने में आए , अब तक आठ साल गुजर गये हैं ।
पिछले आठ सालों में वे हमेशा अपने अधीनस्थ इलाके के निवासियों से सगे परिवारजनों की भांति स्नेहपूर्ण व्यवहार करते आए हैं । शिओरबुलाक कस्बे के थानेदार के कार्यकाल में वहां एक गरीब परिवार रहता था , जिन के दो बुजुर्ग दंपति के एक लिकलांग बेटा था । उन की मदद करने के लिए श्री असिहार समय समय पर उन के घर जाते थे। एक रात जब सुना कि इस परिवार की वृद्धा को बीमारी लगी , तो श्री असिहार ने तुरंत उसे अपने पीठ पर लादे अस्पताल पहुंचाया , और समय रहते ही बीमार बुढिया का इलाज करवाया और उन की जान बच गयी । श्री असिहार के कार्यक्षेत्र में दो कजाख अनाथ हैं , उन का सभी स्कूली खर्च श्री असिहार ने उठा लिया और वे अकसर दोनों अनाथों की देखभाल भी करते हैं ।
सार्वजनिक सुरक्षा क्षेत्र में कार्यरत पुलिसकर्मी होने के नाते श्री असिहार दुष्ट अपराधियों से गहरा द्वेष रखते हैं और अपनी जान पर हथेली पर रख कर बदमाशों के साथ संघर्ष करते हैं । वर्ष 2004 के मार्च में एक हत्यारे ने एक सब्जी बगिचे के बुजुर्ग माली की हत्या की और फरार हो कर बर्फीली पहाड़ी में जा छुपा , श्री असिहार ने कुछ पुलिसकर्मियों को ले कर बर्फ से ढंके पहाड़ी क्षेत्र में पांच दिन रात तक पीछा किया और अंत में अपराधी को दबोच कर पकड़ा । इस पर उन्हों ने कहाः
हम पुलिस कर्मियों के लिए सब से अहम काम अपराधिक मामलों का निपटारा करना है । पिछले साल के जून की 25 तारीख को एक हत्या कांड हुआ । सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने निश्चित अवधि में हत्या कांड का भंडाभोड़ करने का आदेश दिया , हम ने सात दिन सात रात काम करते हुए इस मामले का पूरी तरह निपटारा किया । इस पर हमें बड़ी खुशी हुई ।
वर्ष 2004 के जुलाई में श्री असिहार अरेलटोबिए कस्बे के थानेदार पर नियुक्त हुए । उस समय कस्बे की सार्वजनिक स्थिति अच्छी नहीं थी , आए दिन झगड़ा , चोरी व जुए के मामले हुआ करते थे । इस बुरी स्थिति को दूर करने के लिए श्री असिहार के नेतृत्व में पुलिस कर्मी गश्त लगाने लगे और जन समुदाय में पुलिस थाने के रिपोर्ट ग्रहण तेलीफोन नम्बर और उन का अपना फोन नम्बर अंकित तीन हजार पर्चियां वितरित की गयीं , ताकि अपराधिक मामला परपाने पर पुलिस थाने को समय पर सूचना देने की सुविधा हो । उन्हों ने पहाड़ी क्षेत्रों में बिखरे बसे घरों में जा जा कर वहां की सुरक्षा स्थिति का साफ पता लगाया । श्री असिहार व उन के थाने के साथियों के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप कस्बे की सार्वजनिक सुरक्षा स्थिति बहुत सुधर गयी और सार्वजनिक सुरक्षा संबंधी मामलों की संख्या घट कर महीने में सिर्फ एक या दो रह गयी । स्थानीय लोगों का कहना हैः
अब वहां के कजाख व हान जाति के सभी लोग कहते हैं कि जब श्री असिहार आ गए , हमारे कस्बे की सार्वजनिक सुरक्षा प्रबंध सुव्यवस्थित हो गया और वे न्याय के साथ काम लेते हैं ।
अरेलटोबिए कस्बे का एक विशाल पशु व्यापार बाजार है , अतीत में अनेक चोर डकैत आसपास के गांवों से पशु चोर चोर कर बाजार में बेच देते थे। श्री असिहार ने इस गंभीर समस्या को हल करने की ठान ली । पशु की चोरी आम तौर पर रात को होने की विशेषता को ध्यान में रख कर उन्हों ने पुलिस कर्मियों को ले कर रात भर मैदान में घात लगायी और चोरों का पीछा किया । उन्हों ने कहाः
उस समय आम लोग चोरों व डकैतों से बहुत डरते थे , उन्हें अपराधिक मामलों का सुराग बताने का साहस नहीं था । हम ने लगातार दो मामलों का निपटारा किया , तभी आम लोगों को हमारी पुलिस थाने पर विश्वास बढ़ा और सुराग पाने में हमें मदद देने लगे । हमारा काम जन समुदाय की मदद पर निर्भर करता है ।
कस्बे में तालिहाटी नाम का एक संदिग्ध अपराधी था , इस पर श्री असिहार को बहुत पहले ही शक हुआ था, लेकिन अपराध को साबित करने का सबूत नहीं मिला । वर्ष 2005 के जनवरी में जन साधारण ने यह सूचना दी कि तालिहाटी के घर में दो अज्ञात हालत वाले घोड़े आए । श्री असिहार ने तालिहाटी को थाने में बुलाया और पूछताछ पर तालिहाटी ने कबूल किया कि दोनों घोड़े चोरी से लाए गए हैं ।
इसी के आधार पर श्री असिहार ने मामले की गहराई में तहकीकात की और अंत में एक बड़े पशु चोरी अपराधी गिरह का भंडाफोड़ किया और एक के बाद एक अपराधी को गिरफ्तार किया । आधे साल के समय में कस्बे के आसपास और पड़ोसी काऊंटियों में से तीन अपराधी गिरहों का पता चला और 123 संदिग्ध अपराधियों को पकड़ा गया । इस सफलता की चर्चा में कस्बे के निवासी , ह्वी जाती के लोग श्री मा चुंग ई ने कहाः
मन की बात कहूं , पहले मुझे श्री असिहार की कार्यक्षमता पर संदेह था । लेकिन उन की कोशिशों से यहां घोड़ा चोरने वाले अपराधियों का सफाया किया गया , अतीत के 20 से ज्यादा सालों में खुले में घोड़ा चराने की हिम्मत नहीं थी , अब हम निडर से बाहर मैदान में पशु चरा सकते हैं । खास कर इस साल में पशु की चोरी का मामला ही नहीं हुआ ।
सिन्चांग के इतिहास में सब से बड़ा पशु चोरी मामले का निपटारा किया गया है । स्थानीय लोगों ने श्री असिहार को तहेदिल से धन्यावाद दिया । आसपास के पांच कस्बों के लोगों ने संयुक्त पत्र लिख कर श्री असिहार को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित करने की पेशकश की , मस्जिद के इमाम ने भी उन्हें प्रशस्ति पताका भेंट किया और उन की यह कह कर सराहना की कि उन्हों ने मुसमानों के लिए एक आफत दूर करने का अहम काम किया है ।
श्री असिहार अपने पुलिस केरियर को बहुत प्यार देते हैं । पुलिस थाने में काम करने का समय घर में ठहरने के समय से भी ज्यादा है । उन की पत्नी एक दूसरे कस्बे में काम करती हैं , दोनों में कभी कभी महीनों में एक बार मुलाकात होती है । उन का नया घर खरीदे अब कई साल हो गये , अब तक भी खाली रहा है । शिन्युन काऊंटी के सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो के कमिशनर श्री ताबाई यीदिलिसिबाइक ने कहाः
श्री असिहार बुनियादी स्तर के पुलिस थाने में काम करते हैं , उन का परिवार जब कठिनाई में पड़ा , तभी भी वे एक शब्द भी नहीं बोलते और काम पर टडे रहे । घास मैदान में मुश्किल से एक ऐसे श्रेष्ठतम पुलिसमान निकले हैं ।
अब अरेलटोबिए कस्बे में विभिन्न जातियों के निवासी रात में निश्चिंत सो सकते हैं , क्यों कि उन्हें फिर अपने पशु की सुरक्षा पर कोई चिंता नहीं रही । कस्बे की सार्वजनिक सुरक्षा स्थिति दिनोंदिन बेहतर होती गयी और सभी लोग अमनचैन की बंसी बजाते हैं ।
स्थानीय लोगों की नजर में श्री असिहार घास मैदान का एक बहादुर बाज हैं , उन की पहेरी में घास मैदान के सभी लोगों की जानी माली सुरक्षा हमेशा सुनिश्चित रहेगी ।
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