पहले चीनी लोगों के लिए पारिवारिक लेखा-जोखा एक बहुत अपरिचित शब्द रहा है, लेकिन, अब यदि आप चीन के विभिन्न शहरों की सड़कों पर ध्यान देंगे , तो आप पारिवारिक लेखे-जोखे से संबंधित अनेक उत्पादों के विज्ञापनों का पता लगा सकेंगे। समाज के विकास और समृद्धि के बढ़ने के साथ-साथ, किस तरह अपनी कमाई का प्रबंध किया जाए, अनेक चीनी लोगों के लिए यह एक ध्यानाकर्षक सवाल बन गया है।
अखिल चीन महिला संघ के संयुक्त चीन नामक बैंक ने राजधानी पेइचिंग में एक लेखा-जोखा प्रशिक्षण कक्षा खुली है। प्रशिक्षण कक्षा में भाग लेने वाले लोग सभी विभिन्न तबकों से आयी महिलाऐं हैं।
पेइचिंग की एक सरकारी संस्था में कार्यरत सुश्री जू व्यू जींग भी यहां आकर कक्षा में हिस्सा लेती हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पहले वे मनमाने ढंग से खर्च करती थीं, लेकिन, विवाह होने के बाद वे अक्सर अपनी सास के साथ बाहर जा कर खरीददारी करती हैं। उस ने देखा कि हर बार घर वापस लौट कर उन की सास अपने खर्च को एक छोटी नोटबुक में लिखती है। उसे खुद भी ऐसा करना दिलचस्प लगा। इसलिए, उस ने भी अपने खर्च को नोटबुक में लिखना शुरु किया। इस से उसे पता लगा कि वे अक्सर अनावश्यक खर्च करती है, इसलिए, बाद में खरीददारी करते समय उसने ध्यान से सोच-समझ कर खर्च करना शुरु किया।
सुश्री जू का मानना है कि पहले उन के पास लेखे-जोखे की तकनीक बहुत कम थी, इसलिए, वे और अधिक जानकारी हासिल करना चाहती हैं। इसलिए, उन्होंने इस प्रशिक्षण कक्षा में भाग लिया।
पहले हम केवल जीवन में लेखे-जोखे की सरल जानकारियों से ही परिचित थे। मैं आशा करती हूं कि लेखा-जोखा के विशेषज्ञों की कक्षा में भाग लेने से हम और ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते हैं।
सुश्री जू जैसे लोगों की लेखा-जोखा के प्रति मांग वास्तव में चीनी लोगों की आमदनी में परिवर्तन की सूचक है। पहले चीन योजना के आर्थिक काल में रहा था, और आम नागरिकों के हाथों में ज्यादा पैसे नहीं थे, इसलिए, पारिवारिक लेखे-जोखे की समस्या नहीं थी। अब चीन के अर्थतंत्र में तेज़ विकास आने के साथ-साथ, आम चीनी नागरिकों की आमदनी में भी भारी वृद्धि आयी है।
40 की उम्र वाले ल्यू येन पिन चीनी लेखा-जोखा की विशेष कमेटी के महा सचिव हैं। उन्हें याद है कि बचपन में उन के मां-बाप की कम आमदनी होने की वजह से घर में कोई भी अतिरिक्त पैसे नहीं होते थे। लेकिन, अब स्थिति में परिवर्तन आया है। उन की व उन की पत्नी की आमदनी में से परिवार के तीन सदस्यों के दैनिक खर्च के अलावा, उन के घर में अतिरिक्त पैसे बचने लगे हैं। इसलिए, पारिवारिक लेखा-जोखा तो एक बहुत आवश्यक्त कार्य बन गया है। श्री ल्यू के अनुसार,जब हम छोटे थे, मेरे मां-बाप हर महीने केवल बीस य्वान कमाते थे। जबकि अब आमदनी में भारी वृद्धि हुयी है, इसलिए, मैं सोच रहा हूं कि मैं किसी तरह पूंजी-निवेश करुं, और किस तरह अपने जीवन को और स्थिर बना सकूं।
विशेषज्ञों का कहना है कि लेखा-जोखा की मांग भी चीन के सामाजिक विकास की एक मांग है। पहले योजना अर्थतंत्र की व्यवस्था में चीनी लोगों की चिकित्सा-सेवा आदि समस्याएं सभी सरकार द्वारा हल की जातीं थीं। पिछली शताब्दी के 90 के दशक से चीन में बाजारु अर्थतंत्र के विकास के साथ-साथ, चिकित्सा सेवा और वृद्धों को भत्ता देना आदि कदम समाज द्वारा निभाए जाने लगे हैं। सरकार केवल बुनियादी गारंटी प्रदान करती है। यदि लोग उच्च गुणवत्ता वाला वृद्ध-जीवन बिताना चाहते हैं, तो उन्हें खुद ही योजना बनानी पड़ेगी। इस के अलावा, समाज के विकास से भी चाहे मानसिक या भौतिक क्षेत्रों में लोगों के पास और ऊंची अभिलाषा होती है। इसलिए, पारिवारिक लेखा-जोखा तो इस लक्ष्य को साकार करने का कारगर माध्यम बन सकता है।
चीनी राष्ट्रीय लेखा-जोखा विशेष कमेटी के कर्मचारी श्री ल्यू येन पिन ने कहा,किस तरह अपने पैसों का प्रबंध करना है इस से आप के जीवन की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। लेखा-जोखा हर एक व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
लेखा-जोखा के विशेषज्ञ होने के नाते, श्री ल्यू को महसूस हुआ कि इस क्षेत्र में कुछ चीनी लोगों की क्षमता ऊंची नहीं है। संपत्ति का उचित प्रबंध न करने से कुछ परिवारों की पारिवारिक वित्तीय स्थिति अस्वस्थ रही है। उदाहरण के लिए वे मनमाने तरीके से खर्च करते हैं, अचल संपत्ति में पूंजी डालते हैं, परिणामस्वरुप वे लोग भारी कर्ज में डूब कर बहुत कठिनाई से जीवन बिताते हैं। इसलिए, चीनी राष्ट्रीय लेखा-जोखा विशेष कमेटी अनेक गोष्ठियां आयोजित करके नागरिकों को लेखा-जोखा की जानकारी देने में मदद कर रही है।
हाल ही में चीन की कुछ वित्तीय संस्थाएं भी अनेक गतिविधियों का आयोजन करके उपभोक्ताओं को अपनी कमाई का प्रबंधन सिखाती हैं और विभिन्न वर्गों के उपभोक्ताओं की मांग में भिन्न-भिन्न सेवाएं भी देती हैं। चीनी निर्माण बैंक के निजी वित्तीय विभाग के उप मैनेजर, वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुश्री मा मेई छिन ने संवाददाताओं से कहा कि निर्माण बैंक न केवल परम्परागत पैसे जमा करने की सेवा देता है, बल्कि उपभोक्ताओं को सुविधा देने के लिए कोष, ट्रस्ट, स्वर्ण और विदेशी मुद्रा आदि की सेवा भी देता है। बैंक की इन सेवाएं का उपभोक्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया है। सुश्री मा मई छिन ने कहा,अब बैंक की नयी सेवाओं के प्रति उपभोक्ताओं में बड़ा जोश है। हर वर्ष नये-नये उपभोक्ता हमारे यहां नयी सेवा पाने के लिए आवेदन देते हैं। आजकल ज्यादा से ज्यादा चीनी लोग पारिवारिक लेखे-जोखे पर ध्यान देने लगे हैं।
चीन में पारिवारिक लेखा-जोखा की मांग से लेखा-जोखा के विशेष कर्मचारी भी उत्पन्न हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, हाल ही में चीन में औसत वार्षिक आमदनी पांच लाख चीनी य्वान पाने वाले लगभग एक करोड़ से ज्यादा परिवार हैं। यदि हर एक लेखा-जोखा कर्मचारी सौ परिवार की सेवा करे, तो 10 लाख से ज्यादा ऐसे कर्मचारी चाहिएं। जबकि चीन में अब केवल लगभग 9 लाख लोग पारिवारिक लेखा-जोखा का काम करते हैं।
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