फिरोज अख्तर अन्सारी का पत्र पेश होगा , जो आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से आया है ।
श्री फिरोज अख्तर अंसारी ने अपने पत्र में जो चर्चा की है , वह इस प्रकार हैः मैं सी .आर .आई हिन्दी विभाग का एक पुराना एवं नियमित श्रोता हूं । मैं चारों प्रसारणों को सुनता हूं । खास कर प्रातःकालीन सभा नियमित रूप से सुनता हूं । क्योंकि यह सभा काफी साफ सुनाई दे रही है ।
चीन का संक्षिप्त इतिहास तथा चीन का भ्रमण आदि कार्यक्रम नियमित रूप से सुनता हूं । कार्यक्रम आप का पत्र मिला में हमारे पत्र प्रसारित नहीं कर रहे हैं , अखिर क्या वजह है।
खेल जगत और सवाब जवाब कार्यक्रम ज्ञानवर्धक होते हैं । मैं श्रोता दोस्तों से पत्राचार करना चाहता हूं , इसलिए आप मेरा पता कार्यक्रम में प्रसारित कर दें , मैं आप का आभारी हूं ।
श्री फिरोज अख्तर अंसारी के अनुरोध पर अब उन का पता यहां प्रसारित होगा , जो इस प्रकार हैः
फिरोज अख्तर अंसारी , उपाध्यक्ष अंसार रेडियो लिस्नर्स क्लब , पुरा दुलहन , मुबारकपुर , जिला—आजमगढ़ उत्तर प्रदेश , पिन कोड—276404 .
हमारी भी आशा है कि जिन श्रोताओं को पत्राचार में दिलचस्पी होती है , वे फिरोज अख्तर अंसारी के साथ पत्र व्यवहार कर सकेंगे ।
अब प्रस्तुत है आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के अंसार रेडियो लिस्नर्स क्लब के एक दूसरे सदस्य श्री मुहम्मद अजमल अजहरी का पत्र ।
उन्हों ने पत्र में कहा कि मैं सी .आर .आई का एक पुराना श्रोता हूं और समय समय पर आप को पत्र भी लिखा करता हूं । दीदी जी , जो मुझे बहुत खुशी है कि आप लोग मेरे पत्र को कार्यक्रम में शामिल कर मेरा होसला बढाती हैं । आप के सभी कार्यक्रम लाजवाब होते हैं । आप की ताजा रिपोर्ट बहुत अच्छी लगती है । चीन एक महान देश है , उस ने प्राकृतिक विपत्ति के वक्त पर तबाह देशों को भरपूर सहायता देता है । दीदी जी , आप को जान कर खुशी हुई होगी कि हमारे क्लब ने सुनामी जैसी आपदाओं के समय संकट प्रभावित शहरों के लिए भी चंदा किया था और उस रूपए को जिला अधिकारी को दे दिया था ।
सामाजिक कल्याण कार्य में भी हाथ बंटाने के लिए विभिन्न श्रोता मित्रों की कोशिश वाकई सराहनीय है , मानवता इंसान की गुणवत्ता है , जो हर क्षेत्र में व्यापक रूप से विकसित किया जाना चाहिए । अंसार रेडियो लिस्नर्स क्लब की कोशिश को बधाई हो ।
देवघर झाड़खंड के नीतिश कुमार ने हमें लिखे पत्र में कहा कि मुझे सी .आर .आई के बारे में जानकारी हमारे विद्यालय के निदेशक श्री प्रताप सनातन से मिली । वे इस की बहुत प्रशंसा करते हैं । पहली बार मैं ने जब ये कार्यक्रम को सुना , तो मुझे यह इतना पसंद आया है कि मैं अब इस का नियमित श्रोता बन गया हूं । मैं हमेशा इस का अनोखे कार्यक्रम का इंतजार करता हूं । क्योंकि मुझे इस से अत्यन्त खुशी एवं प्रसन्नता होती है । हमें यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय संस्कृति एवं भाषा का गौरव सिर्फ भारतवर्ष में ही नहीं , अपितु चीन जैसे विकसित राष्ट्र में भी है । इस कार्यक्रम से हमें सी .आर .आई और चीन के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलता है ।
मैं आशा करता हूं कि आप हमें वहां के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देंगे , ताकि आप की और हमारी दोस्ती हमेशा बनी रहेगी ।
हम श्री नीतिश कुमार का सी .आर .आई हिन्दी सेवा के नए श्रोता के रूप में हार्दिक स्वागत करते हैं और आशा भी करते हैं कि आप आगे भी नियमित रूप से सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रम सुनते रहेंगे और चीन के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने की कोशिश करेंगे , यदि आप चीन के बारे में अपनी रूचि वाला विषय जानना चाहते हैं , तो आप हमारे कार्यक्रम सवाल जवाब के लिए लिख कर सवाल पूछ सकते हैं , हमारे इस कार्यक्रम में विभिन्न श्रोताओं के रूचि वाले सवालों का यथासंभव प्रयास किया जाएगा । आप के नए पत्र के इंतजार में ।
मोलावी बाजार बंगलादेश के हमारे श्रोता श्री फानेम आन्कार का पत्र भी मिला , बंगलादेश का अहिन्दी भाषी श्रोता होने के कारण उन का पत्र छोटा संक्षिप्त तो सही , किन्तु उसे हमारे कार्यक्रम में शामिल करना ज्यादा बेहतर होगा ।
फानेम ने अपने पत्र में लिखा है कि पत्र के लिए हार्दिक धन्यावाद । पत्र के माध्यम से आप से परिचित हो कर बहुत खुशी हुई है । मेरी मातृभाषा बंगाली है । लेकिन हिन्दी भाषा में कुछ कुछ जानता हूं । लेकिन मैं हिन्दी में पढ़ नहीं सकता हूं । ऐसा हिन्दी भाषा बहुत बहुत प्रिय लगती है और हिन्दी लिपि बहुत सुन्दर है । सी .आर .आई हिन्दी सेवा में बहुत ज्ञान प्राप्त होता है , श्रोता वाटिका का नया अंक हमें प्राप्त हुआ है , इसे पढ़ कर बहुत ही अच्छा लगा है । आप का प्रोग्राम बड़ी ध्यान से सुनता हूं ।
हम श्री फानेम आन्कार को लाख धन्यावाद देते हैं कि बंगाली देश का निवासी होने के बावजूद सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण को सुनते हैं और हिन्दी भाषा में काफी दिलचस्पी होती है । आप ने हिन्दी का पत्र जो लिखा है , सरल तो सही , पर अच्छा ही लिखा है । जाहिर है कि आप हिन्दी पढ़ भी सकते हैं और लिख भी सकते । इसलिए आप को बधाई है । हम आप के नए पत्र की प्रतीक्षा कर रहे हैं और सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण के बारे में आप की राय भी सुनना चाहते हैं ।

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