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2006-11-08 14:05:32
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छुंग शंग मंदिर दक्षिण चीन समेत दक्षिण पूर्व एशिया का बौद्ध धार्मिक केंद्र रहा
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प्रिय मित्रो , जैसे आप जानते हैं कि दक्षिण पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत के ता ली पाई जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर में स्थित छुंग शंग मंदिर कोई एक हजार वर्ष से अधिक पुराना है और हाल ही में इसी मंदिर में चीन , दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया से आये 108 उच्च स्तरीय भिक्षुओं की सह अध्यक्षता में भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थापित करने का भव्य समारोह हुआ था । क्योंकि इतिहास में छुंग शंग मंदिर दक्षिण चीन , यहां तक कि दक्षिण पूर्व एशिया का बौद्ध धार्मिक केंद्र रहा है। दक्षिण पूर्व एशिया के बौद्ध धर्म के निष्ठावान अनुयायी इस मंदिर को बौद्ध धर्म की राजधानी मानते हैं । छुंग शंग मंदिर में आयोजित भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थापित करने के समारोह में चीन , कोरिया गणराज्य , सिंगापुर , इंडोनेशिया , जापान , थाईलैंड , म्येन्मार , वियतनाम , लाओस और कम्बोडिया जैसे देशों से आये 108 उच्च स्तरीय भिक्षुओं ने बौद्ध सूत्र सुनाया और बुद्ध की मूर्ति की स्थापना के लिये विभिन्न प्रकार वाली धार्मिक गतिविधियां भी चलायीं । समारोह में हम ने देखा कि इन उच्च स्तरीय भिक्षुओं ने मुंह में बौद्ध सूत्र गुनगुनाते हुए देवदार पेड़ की छड़ियों से शकुन व पवित्रता के लिये सब से पहले बुद्ध भवन की ओर पानी छिड़का , फिर हवा में कई बार पानी छिड़का । बौद्ध सूत्र सुनाने के बाद इन भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध की मूर्ति के सामने खड़े होकर विशेष तौर पर रखे गये आइने को तीन सौ साठ डिग्री घुमा दिया , इस का मतलब है कि भगवान बुद्ध की मूर्ति में मंदिर में स्थापित करने की रस्म संपन्न हो गयी है । पैंसठ वर्षीय महिला ली इंग एक श्रद्धालु बौद्ध धार्मिक अनुयायी है, वे ठीक समय पर छुंग शंग मंदिर में बुद्ध मूर्ति के स्थापना समारोह में भाग लेने के लिये दो दिन पहले विमान द्वारा ता ली शहर आयीं । उन्हों ने भावावेश में आकर हम से कहा कि यह उन की जिंदगी में एक बड़ा सौभाग्यशाली अवसर है कि उन्हों ने बुद्ध की मूर्ति मंदिर में स्थापित करने के भव्यदार समारोह में शरीक होकर इतने अधिक उच्च स्तरीय देशी विदेशी भिक्षुओं को देखा । मुझे बड़ा गर्व महसूस हुआ है कि मुझे देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये इतने अधिक आचार्यों और चीनी बौद्ध धर्म संघ के अध्य़क्ष को देखने का अवसर मिला है । साथ ही उन के साथ फोटो खिंचवाने का मौका भी मिला , यह मेरे लिये एक अविस्मरणीय सुखद घटना ही है । छुंग शंग मंदिर में उमड़ने वाले अनगिनत श्रद्धालु बौद्ध अनुयायियों को भिन्न-भिन्न बोलियों में बातचीत करते हुए देखकर हम भी बहुत प्रभावित हुए और यहां के साफ पर्यावरण से भी एकदम मोहित हो गये । इसी वक्त साइप्रस से आए जेक्सन नामक एक पर्यटक से हमारी मुलाकात हुई । बातचीत में उन्हों ने अपना अनुभव हमें बताते हुए कहा कि यह मंदिर बहुत खूबसूरत है। इतने बड़े मंदिर को देखकर मुझे बेहद आश्चर्य हुआ है । मैं यहां पहली बार आया हूं , पर मैं चीन पांच बार आ चुका हूं । पहले मेरी पत्नी ने मुझे इस मंदिर के बारे में कुछ बताया था । मेरी पत्नी चीनी है । यह मंदिर सचमुच बहुत बढ़िया है । श्री जेक्सन ने कहा कि वे अपनी पत्नी व बेटे के साथ ता ली के दौरे पर आये हैं । ता ली आने के बाद उन्हें छुंग शंग मंदिर में भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थापित करने का भव्य समारोह आयोजित होने की खबर सुनी। इसलिये वे अपनी पत्नी व बेटे के साथ आज यहां आये हैं । उन्हों ने कहा कि छुंग शंग मंदिर का जो जीर्णोधार किया गया है , वह सरकार द्वारा विशाल बौद्ध अनुयायियों के लिये किया गया एक नेकनीयत काम है । उन्हें विश्वास है कि हजार वर्ष प्राचीन यह छुंग शंग मंदिर भगवान बुद्ध की मूर्ति की स्थापना के बाद एक बार फिर अपनी शोभा से सभी को मोहित कर देगा । पर्यटक यहां के शानदार छुंग शंग मंदिर के दर्शन करने के साथ-साथ चीनी अल्पसंख्यक जातियों में से एक पाई जाति का परम्परागत निवास-स्थान व रीति-रिवाज भी देख सकते हैं ।
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