मऊ उत्तर प्रदेश के जावेद अखतर ने हमें जो पत्र लिखा है , वह आप के सामने है , आप का टाइप में लिखा गया पत्र बहुत सुन्दर और स्पष्ट दिख रहा है । पढ़ने में बड़ी सुविधा मिलती है । आप ने पत्र में कहा कि आप का कार्यक्रम इतने अच्छे अंदाज में पेश किया जाता है और आवाज इतनी साफ होती कि मानो हम आप के सामने बैठे हों और आप एक एक शब्द हमें समझाने का प्रयत्न कर रहे हों । कार्यक्रम सुन कर दिल खुश हो जाता है । चाहे चीन का भ्रमण हो या चीन का संक्षिप्त इतिहास , खेल जगत हो या सवाल का जवाब, और विशेष कर शिक्षा , स्वास्थ्य और विज्ञान तो ऐसे कार्यक्रम है , जिसे आप के पूरे कार्यक्रम का कंकाल तंत्र कहा जाए ,तो गलत न होगा । अलबत्ता आप की पसंद के स्थान पर कोई ऐसा कार्यक्रम पेश किया जाए , जिस में महापुरूषों एवं वैज्ञानिकों के जीवन संबंधी कथाएं चलायी जाएं तो नयी पीढ़ी के युवाओं को आगे बढ़ने में काफी सहायता मिलेगी ।
केसिंगा उड़ीसा से जो सुरेश अग्रवाल का पत्र आया है , वह इस समय आप के सामने है । श्री सुरेश अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा कि आप धन्यावाद के पात्र है कि श्रोताओं के पत्र जल्द से जल्द आप तक पहुंचने हेतु हवाई डाक वाले जवाबी लिफाफे उपलब्ध कराते हैं , परन्तु पत्रों के उत्तर में अपेक्षाकृत काफी विलंब होती है , यही स्थिति ई-मेल पत्रों की है और इस में सुधार लाया जाना आवश्यक है ।
आज के जीवन और समाज के अन्तगर्त पेइचिंग स्थित विश्व ग्राम तथा पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी सुश्री देंग श्याओ ई के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा । 180 हैक्टर क्षेत्र में फैले पेइचिंग विश्व ग्राम में उर्वरकों के इस्तेमाल बिना सब्जियां उगायी जाती है , सुश्री देंग रंगीन टीवी नहीं देखती , लिफ्ट का उपयोग नहीं करती , कार आदि के इस्तेमाल से भी बचती हैं , जान कर आश्चर्य हुआ कि अमेरीका से लौटी उच्च शिक्षित इन महिला को भौतिकता छू तक नहीं पायी , मैं उन की सादगी के समक्ष नतमस्तक हूं ।
सुरेश अग्रवाल को बहुत ही धन्यावाद है कि आप ने पत्र में सी .आर.आई के हिन्दी कार्यक्रम पर अपनी रायें बताने के अलावा सामग्री और लिफाफा भेजने तथा पत्रों के जवाब के बारे में सुझाव भी दिए , हम जरूर ध्यान देंगे ।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के श्रोतागण हमारे सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण के सक्रिय और नियमित श्रोता हैं . आजमगढ़ के श्रोता मोहम्मद शाहिद आजमी हमारे पुराने श्रोता है , उन्हों ने अकसर पत्र लिख कर विभिन्न विषयों पर अपनी रायें और सुझाव भेजे हैं , इस के लिए हम आप के आभारी हैं । अब जो आप का पत्र सामने है , उस में आप ने यह लिखा है कि आप का हिन्दी प्रसारण धीरे धीरे लोकप्रियता के चरम पर पहुंच गया । सी. आर .आी हिन्दी सेवा केवल एक प्रसारण सेवा नहीं है , बल्कि भारत चीन के बीच दोस्ती की पहचान और सेतु है । मैं ने चीन के बारे में जो कुछ भी जाना है , वह केवल सी .आर .आई के माध्यम से ही जाना है । चीनी लोग भारत के बारे में क्या सोट रहे हैं , चीनी लोग हम भारतियों से कितना प्यार करते हैं , सब कुछ सी .आर .आई हिन्दी सेवा के कार्यक्रमों से जानने को मिला है । भारत चीन संबंधों की सच्चाई से भी सी .आर.आई ने ही अवगत कराया है , मन की सभी भ्रांतियों को सी .आर .आई ने दूर किया ,आज जो भी सी .आर .आई का हिन्दी प्रसारण सुनता है , वह चीन के बारे में सकारात्मक सोच रखता है , चीन को अपना भाई समझता है । वह समय फिर आ गया कि जब हिन्दी चीनी भाई भाई का नारा बुलंद किया जाए । हमारे मन से चीन के प्रति सभी भ्रांतियां वर्षों पहले दूर हो चुकी है . हम तो चीन को अपना सब से निकटस्थ दोस्त और भाई मानते हैं । मैं ने चीन का भ्रमण कर बहुत कुछ अनुभव किया , मेरे चीन भ्रमण ने मेरी चीन के प्रति सकारात्मक सोच समझ कर सच्चाई मोहर लगा दी है ।
वर्ष 2006 भारत चीन मैत्री वर्ष के रूप में मनया जा रहा है । हम ने भी दो बड़े भारत चीन मैत्री के कार्यक्रम की योजना बनायी , आयोजन के माध्यम से चीन के बारे में अधिक से अधिक लोगों को अवगत कराया जाएगा , भारत चीन मैत्री की बातें बतायी जाएगी ।
मोहम्मद शाहिद आजमी का यह पत्र पढ़ कर हमें बड़ी खुशी हुई । आप ने चीन भारत दोस्ती को बढ़ाने में सी .आर .आई की भूमिका का व्याख्या किया और अपनी चीन यात्रा पर अनुभव बताया और अपनी तरफ से कुछ हितकारी काम करने की भी सोची । हमें आशा है कि आप की योजना सफल होगी , जिस से चीन भारत मैत्री के विकास के लिए कुछ योगदान भी हो सकेगा ।

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