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(GMT+08:00) 2006-10-20 15:21:24    
प्यार स्नेह से भरा अस्पताल प्रधान श्री वांग फा श्येंग

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सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश का जन अस्पताल प्रदेश का सब से बड़ा बहुमुखी अस्पताल है । अस्पताल के नेता , अस्पताल प्रधान श्री वांग फा श्येंग ने सक्रिय रूप से देश विदेश के समुन्नत चिकित्सा तकनीकों तथा सेवा के सिद्धांतों का आयात कर सिन्चांग की चिकित्सा सेवा के निरंतर विकास में असाधारण योगदान किया , उन्हों ने कमजोर जन समूहों के लोगों को सहायता देने में भी उल्लेखनीय काम किए , जिस से वे प्यार स्नेह से भरा अस्पताल प्रधान की उपाधि से सम्मानित किये गए ।

तीन अगस्त को सिन्चांग जन अस्पताल के प्रधान श्री वांग फा श्येंग तपती धूप में हम से मिलने आए , 50 वर्षीय श्री वांग कद में ज्यादा ऊंचे नहीं हैं और देखने में बहुत दयालु , विनम्र और सुशील नजर आते हैं ।

श्री वांग फा श्येंग की बालावस्था गरीब गांव में गुजरी थी , आम लोगों से ज्यादा वे गरीब रोगियों की दुख, परेशानी और विवशता समझ सकते हैं । जन अस्पताल के प्रधान का पद संभालने से पहले वे दक्षिण सिन्चांग के आकसू प्रिफेक्चर के एक काऊंटी स्वास्थ्य ब्यूरो के उप प्रधान रह चुके थे , इसलिए उन्हें बुनियादी स्तर के कामकाज के बारे में अच्छे अच्छे अनुभव हासिल हुए है । हमारे साथ बातचीत में उन्हों ने कहाः

उस दौरान मैं ने रोग नियंत्रण काम के लिए काऊंटी के 128 कस्बों व गांवों का चप्पा चप्पा दौरा किया था , मुझे पता चला कि बहुत से किसान और चरवाहे इस कदर गरीब हुए थे कि उन के पास बीमारियों के इलाज के लिए पैसा नहीं है । गांवों में स्वास्थ्य व चिकित्सा की सुविधा भी बेहतर नहीं थी । तब मैं ने ठान ली कि यदि मैं अस्पताल के प्रधान बनूं , तो मैं अवश्य ही अपनी चिकित्सा हुनर से व्यापक किसानों व चरवाहों के रोग निवारण में चिकित्सकों की रहनुमाई करूंगा ।

वर्ष 1998 में श्री वांग फा श्येंग सिन्चांग स्वायत्त प्रदेश के जन अस्पताल में नियुक्त किए गए । पिछले आठ सालों में अस्पताल के उप प्रधान व प्रधान के पद पर उन्हों ने आम लोगों की सेवा को बेहतर करने पर ज्यादा जोर दिया । उन्हों ने कहाः

अस्पताल के नेता और प्रबंधक के नाते मैं अपने श्रेष्ठ आचार और आदर्श मिसाल के जरिए अस्पताल के सभी सदस्यों को जनता की निस्वार्थ सेवा करने के लिए गोलबंद करता हूं और अपनी अच्छी छवि दिखा कर लोकप्रिय चिकित्सक बनने केलिए प्रेरित करता हूं ।

बचपन का जीवन गांव में बीतने के कारण श्री वांग फा श्येंग के दिल में व्यापक किसानों और चरवाहों से गाढ़ा प्यार और स्नेह भरा हुआ है । बड़े शहर में आने के बाद भी वे हमेशा गांवों के लोगों की रोग इलाज समस्या पर ध्यान देते हैं । किसानों और चरवाहों की चिकित्सा कठिनाइयों को दूर करने के लिए वे समय समय पर चलता फिरता चिकित्सक दल भेज देते हैं और नियमित रूप से सिन्चांग के विभिन्न अस्पतालों में जा कर समुन्नत उपचार तकनीकों का आदान प्रदान करते हैं ।

एक बार की बात थी , वांग फा श्येंग सिन्चांग के हथ्येन से किसी काम से निबटने के बाद ऊरूमुची लौटने के रास्ते में विमान में एक वेवूर जातीय दंपति से मिले , हथ्येन के इस पति पत्नी के तीन साल के बेटे का एक पांव मोटर साइकिल के कुचलने से टूट पड़ा, उसे टूटे पांव के प्रत्यारोपण हेतु ऊरूमुची के बड़े अस्पताल में ले लिया जा रहा था , मेडिकल सिद्धांत के अनुसार टूटे पांव का प्रत्यारोपन दस घंटे के भीतर होना है । लेकिन जब श्री वांग फा श्येंग वेवूर दंपति से मिले , तो उन के बेटे के पांव टूटे दो घंटा बीत गए, बेटे के लिए शेष समय ज्यादा नहीं थे ।

श्री वांग ने कहा कि मैं ने तुरंत अस्पताल के उप प्रधान को तेलीफोन कर एंबुलेंस गाड़ी को फटाफट सीधे हवाई अड्डे में भेजवाया और विमान से उतरने के बाद मैं ने खुद रोगी के साथ अस्पताल में आ कर उसे भर्ती करवाया और समय रहते ही बच्चे का आपरेशन किया , इस तरह 13 घंटों तक धमनियों की सिलाई तथा टूटी हड्डी के प्रत्यारोपन में सफलता प्राप्त हुई और बच्चे के पैर पांव बच गये । चूंकि इस दंपति की आर्थिक हालत कठिन है , हम ने उन की बहुत से इलाज फीस को भी माफ कर दिया ।

श्री वांग फा श्येंग मीडिया में दी गई गरीब रोगियों की खबरों पर भी ध्यान देते हैं । एक बार उन्हों ने प्रांतीय अखबार में जब यह पढ़ा कि मां बाप से छोड़े गए हान जाति की दो बीमार बच्ची अरिबुलाक और जिनेटिगुली को वेवूर जातीय दंपति ने गोद लिया , लेकिन गरीब होने के कारण इन दो बच्चों का इलाज नहीं हो पाया, तो उन की आंखों में आंसू भर आयी । उन्हों ने कहा कि इस घटना से अनुभव हुआ कि अल्पसंख्यक जाति के मां बाप और हान जाति के बच्चे सगे रिश्ते से ज्यादा घनिष्ठ बंधे हुए हैं , यह दुख में दुखी और सुखी में सुख होने की सच्ची भावना है । उन्हों ने इस वेवूर दंपति की इच्छा को पूरा करने का निश्चय किया ।

श्री वांग फा श्येंग ने तुरंत दो बच्चों को दूरदराज गांव से अपने अस्पताल में भर्ती करवाया और श्रेष्ठ विशेषज्ञों को दोनों का इलाज करने में लगाया । उन्हों ने इस परिवार को रोज स्वादिष्ट खाना खाने का भी प्रावधान किया । बच्चों के सेहतमंद होने के बाद उन का चिकित्सा खर्च थोड़ा कुछ सामाजिक चंदे से अदा करने के बाद अधिकांश अस्पताल द्वारा उठाया गया ।

शाबत आयी कजाखस्तान का एक मस्तिष्क रोगी है , जो बहुत कम देखने को मिला है । इस साल के शुरू में उस की बोलने की शक्ति अचानक खोयी और दाईं हाथ ने भी काम आने का जवाब दिया । उस ने सुना कि चीन के सिन्चांग के जन अस्पताल ने किसी रोगी की ऐसी समान बीमारी का सफल उपचार किया था , तो वे विशेष तौर पर कजाखस्तान से सिन्चांग के जन अस्पताल आया । और यहां पर उस की बीमारी का अच्छी तरह इलाज किया गया । उन्हों ने कहाः

मेरे देश के डाक्टर ने मुझे मास्को में इलाज करवाने जाने की सलाह दी थी , लेकिन मेरे दोस्तों ने बताया कि चीन का चिकित्सा स्तर काफी विकसित है । किसी काम के लिए मैं खुद पहले दो बार सिन्चांग आया था और यहां बहुत अच्छा भी लगा । दोस्तों ने कहा कि सिन्चांग का जन अस्पताल का स्तर बहुत ऊंचा है , इसलिए मैं ने जन अस्पताल चुना । मैं जन अस्पताल के स्नायु विभाग के विशेषज्ञों का बहुत बहुत आभारी हूं कि वे मेरे साथ बहुत स्नेहपूर्ण व्यवहार करते हैं और काम में बड़ी जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हैं । उन का चिकित्सा स्तर वाकई ऊंचा है । कजाखस्तान में मेरी बीमारी का सही निदान नहीं किया गया , यहां सही निदान किया गया है और मेरी सेहत काफी सुधर गयी और इस के लिए खर्च भी बहुत कम है और चिकित्सा स्तर भी बहुत ऊंचा साबित हुआ है , मैं बहुत संतुष्ट हूं ।

सिन्चांग के चिकित्सा कार्य को बेहतर विकसित करने के लिए श्री वांग फाश्येंग अकसर विशेषज्ञों से गठित चलता फिरता चिकित्सा दल को ले कर लोगों को चिकित्सा सेवा देते हैं और समुन्नत चिकित्सा तकनीकों का प्रसार करते हैं और दूर दराज गरीब क्षेत्रों को मूल्यवान साज सामान मुफ्त प्रदान करते हैं ।

श्री वांग फा श्येंग को जनता की ओर से असीम प्यार और सम्मान मिला है , लेकिन वे अपने किए किराए पर संतुष्ट नहीं हैं और वे अस्पताल के सभी सदस्यों को ले कर जन साधारण को और अच्छी सेवा करने को तैयार हैं ।