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(GMT+08:00) 2006-10-25 08:21:12    
सड़क के दोनों ओर लकड़ियों से बनीं छोटी-बड़ी दुकानें और लकड़ियों से बने मकान  सुव्यवस्थित रूप से नजर आते हैं

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इतिहास में लीये कस्बा छोटे नानचिंग के नाम से भी जाना जाता है । छ्यू श्वी नदी ने इस लीये कस्बे को एक रौनकदार वाणिज्य कस्बे का रूप दिया है । सड़क के दोनों ओर लकड़ियों से बनीं छोटी-बड़ी दुकानें और लकड़ियों से बने मकान सुव्यवस्थित रूप से नजर आते हैं। सभी मकानों के दरवाजों और खिड़कियों पर फूलों व जानवरों के सुंदर चित्र चित्रित हैं । प्रशंसनीय बात यह है कि कई मकानों के बीच एक ऊंची अग्नि निरोधक दीवार भी बनाई गयी है । आम मकानों के छज्जों पर फूल , घास और पक्षियों के शुभ चिन्हों का चित्रण किया गया है , जो देखने में बहुत भव्य व सुंदर लगते हैं । यहां दौरे पर आयी पर्यटक सुश्री फंग ह्वी फांग ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि पुरानी वास्तु शैली में बने मकान देखने में काफी सादे लगते हैं , पर अंदर से ये मकान बहुत आरामदेह हैं । पर्यटक इस सड़क पर घूमते हुए मानो एक दूसरी ही दुनिया में आ जाते हैं ।

प्रिय दोस्तो , जैसा कि आप जानते ही हैं कि मध्य चीन के हू नान प्रांत का पश्चिमी भाग याना शियांग शी क्षेत्र न सिर्फ पर्यटकों के लिये एक मनोहर पर्यटन स्थल रहा है , बल्कि यहां आ कर एक विशेष जातीय वातावरण का आभास भी होता है । इस क्षेत्र में 2002 में इस छोटे कस्बे में हुई खुदाई में छिन राजवंश की 36 हजार से अधिक अक्षरों वाली बांस की खपच्चियां प्राप्त हुईं। छिन राजवंश की अक्षरों वाली बांस की ये खपच्चियां , जिन पर अक्षर खुदे हुए हैं , वास्तव में ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में छिन राजवंश काल के सरकारी दस्तावेज हैं । खुदाई में प्राप्त इन अक्षरों वाली बांस की खपच्चियों ने छिन राजवंश का अध्ययन करने के लिये मूल्यवान सामग्री प्रदान की है । इतना ही नहीं , लीये कस्बा भी इस से एकदम नामी हो गया है ।

प्राचीन लीये कस्बे में की अनेक पुरानी सड़कें भी काफी चर्चित है और उन के पीछे अपनी अपनी मर्मस्पर्शी कहानियां भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं ।

मसलन आज की च्यांग शी सड़क का पुराना नाम वान शाओ सड़क था । पहले इस सड़क पर बहुत कम लोग रहते थे , बाद में च्यांगशी प्रांत में रहने वाले लोग व्यापार के लिये यहां आए और यहीं बस गये। धीरे-धीरे अधिकाधिक च्यांगशी प्रांत के व्यापारी यहां आकर व्यापार करने लगे और स्थायी तौर पर यहां बस गये । यह सड़क व्यापार के विकास के साथ-साथ च्यांगशी सड़क के नाम से नामी हो गयी है ।

इतिहास में लीये कस्बा छोटे नानचिंग के नाम से भी जाना जाता है । छ्यू श्वी नदी ने इस लीये कस्बे को एक रौनकदार वाणिज्य कस्बे का रूप दिया है । सड़क के दोनों ओर लकड़ियों से बनीं छोटी-बड़ी दुकानें और लकड़ियों से बने मकान सुव्यवस्थित रूप से नजर आते हैं। सभी मकानों के दरवाजों और खिड़कियों पर फूलों व जानवरों के सुंदर चित्र चित्रित हैं । प्रशंसनीय बात यह है कि कई मकानों के बीच एक ऊंची अग्नि निरोधक दीवार भी बनाई गयी है ।आम मकानों के छज्जों पर फूल , घास और पक्षियों के शुभ चिन्हों का चित्रण किया गया है , जो देखने में बहुत भव्य व सुंदर लगते हैं । यहां दौरे पर आयी पर्यटक सुश्री फंग ह्वी फांग ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि पुरानी वास्तु शैली में बने मकान देखने में काफी सादे लगते हैं , पर अंदर से ये मकान बहुत आरामदेह हैं । पर्यटक इस सड़क पर घूमते हुए मानो एक दूसरी ही दुनिया में आ जाते हैं ।

यह पुरानी सड़क पार कर छ्यो श्वी नदी के तट पर पहुंचा जा सकता है । छ्यो श्वी नदी का दूसरा नाम है पाइ हो नदी । इस काफी चौड़ी नदी के दोनों ओर ऊंचे-ऊंचे पर्वत आमने-सामने खड़े हुए दिखाई देते हैं । पर्यटक शांत नदी में नौका-विहार करना भी पसंद करते हैं । मध्य चीन के हू पेह प्रांत से आयी पर्यटक सुश्री वई श्याओ मिंग ने कहा कि नदी में नौका चलाने में बड़ा मजा आता है । उस का कहना है कि हाथों से नाव चलाने में विशेष मजा आता है । मैं दिन ढलने के बाद नाव चलाने गयी , उस समय चंद्रमा भी निकल आया। चांदनी रात में पहाड़ों पर खड़े पुराने मकान धुंधले से दिखाई देते हैं , जबकि नदी के तट पर लोग बड़े आराम से टहलते हैं । इस चित्र जैसे दृश्य को देखकर बड़ा अच्छा लगता है ।

लीये आने के बाद यहां के विशेष स्थानीय पकवान यदि न खाये जाएं तो बड़े अफसोस की बात होगी , खासकर चावल से तैयार मुलायम पनीर चखने लायक है । लीये में चावल का पनीर बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल है। तैयार सफेद मुलायम चावल पनीर लाल-मिर्च , सिरका व प्याज के साथ खाया जाता है। उस का हल्का तेज , मीठा व खट्टा स्वाद पर्यटकों को बहुत जाएके दार लगता है ।

चावल पनीर के अतिरिक्त चिपचिपे आटे से तैयार पकवान व खट्टी मूली भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है । छुंगछिंग शहर से आयी पर्यटक सुश्री चांग हंग ची ने कहा कि लीये कस्बा पश्चिम हू नान प्रांत का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है , यहां के प्राकृतिक दृश्य व पुरानी वास्तु शैली में बने मकान लोगों को मोह लेते हैं , पर यहां के स्थानीय पकवान मुझे सब से पसंद हैं , विशेषकर तेल में तले हुए चिपचिपे आटे से तैयार मीठे व्यंजन मुझे सब से अच्छे लगते हैं । जी हां , यहां की विशेष तरीके से तैयार की गई खट्टी मूली और चावल- पनीर भी पर्यटकों को बराबर आकर्षित करते हैं ।