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(GMT+08:00) 2006-10-19 16:06:43    
चीन के हू नान प्रांत के शियांग शी क्षेत्र के प्राचीन कस्बे लीये का दौरा

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लिये कस्बा उत्तर-पश्चिम हूनान प्रांत में स्थित है और वह चीन की 55 अल्पसंख्यक जातियों में से एक थू चा जाति का उद्गम स्थल भी है । स्थानीय बोली में लीये का अर्थ है भूमि-उद्धार । 2002 में इस छोटे कस्बे में हुई खुदाई में छिन राजवंश की 36 हजार से अधिक अक्षरों वाली बांस की खपच्चियां प्राप्त हुईं। छिन राजवंश की अक्षरों वाली बांस की ये खपच्चियां , जिन पर अक्षर खुदे हुए हैं , वास्तव में ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में छिन राजवंश काल के सरकारी दस्तावेज हैं । खुदाई में प्राप्त इन अक्षरों वाली बांस की खपच्चियों ने छिन राजवंश का अध्ययन करने के लिये मूल्यवान सामग्री प्रदान की है । लीये कस्बा भी इस से एकदम नामी हो गया है ।

दोस्तो , क्या आप जानते हैं कि मध्य चीन के हू नान प्रांत का पश्चिमी भाग याना शियांग शी क्षेत्र पर्यटकों के लिये एक मनोहर पर्यटन स्थल रहा है । बड़े-बड़े पर्वतों के बीच स्थित इस क्षेत्र में न सिर्फ बहुत से अजीबोगरीब पहाड़ और कल-कल बहती हुई नदियां हैं , बल्कि यहां आ कर एक विशेष जातीय वातावरण का आभास भी होता है । इस क्षेत्र का लीये नामक प्राचीन कस्बा सब से चर्चित है । आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ इसी कस्बे का दौरा करने जा रहे हैं ।

लिये कस्बा उत्तर-पश्चिम हूनान प्रांत में स्थित है और वह चीन की 55 अल्पसंख्यक जातियों में से एक थू चा जाति का उद्गम स्थल भी है । स्थानीय बोली में लीये का अर्थ है भूमि-उद्धार । 2002 में इस छोटे कस्बे में हुई खुदाई में छिन राजवंश की 36 हजार से अधिक अक्षरों वाली बांस की खपच्चियां प्राप्त हुईं। छिन राजवंश की अक्षरों वाली बांस की ये खपच्चियां , जिन पर अक्षर खुदे हुए हैं , वास्तव में ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में छिन राजवंश काल के सरकारी दस्तावेज हैं । खुदाई में प्राप्त इन अक्षरों वाली बांस की खपच्चियों ने छिन राजवंश का अध्ययन करने के लिये मूल्यवान सामग्री प्रदान की है । लीये कस्बा भी इस से एकदम नामी हो गया है ।

हमारी गाइड थ्येन चिंग ने कहा कि छिन राजवंश की अक्षरों वाली बांस की इन खपच्चियों से जाहिर है कि एक लाख से पांच लाख वर्ष से पहले इस क्षेत्र में मानव जाति का निवास था । हालांकि बांस की खपच्चियों पर खुदे बहुत से अक्षर समझ में नहीं आते हैं , लेकिन ये अक्षर बहुत स्पष्ट रुप से दिखाई देते हैं ।

प्राचीन लीये कस्बे में उत्तर चुंग फू सड़क , दक्षिण चुंग फू सड़क जैसी सात पुरानी सड़कें ज्यूं की त्यूं खड़ी हुई हैं । इन सड़कों की कुल लम्बाई कोई दो हजार पांच सौ मीटर है और मिंग व छिंग राजवंश काल की भवन वास्तु शैली और थू चा जातीय वास्तु शैली में बने छः सौ सात सौ वर्ष पुराने पांच सौ से अधिक मकान अभी भी सही सलामत खड़े हैं । लीये कस्बे के पर्यटन ब्यूरो के अधिकारी फंग ता श्येन ने इन सड़कों का परिचय देते हुए कहा कि यहां की हरेक सड़क के पीछे अपनी विशेष मर्मस्पर्शी कहानी छिपी हुई है ।

उन्हों ने कहा कि मसलन आज की च्यांग शी सड़क का पुराना नाम वान शाओ सड़क था । पहले इस सड़क पर बहुत कम लोग रहते थे , बाद में च्यांगशी प्रांत में रहने वाले लोग व्यापार के लिये यहां आए और यहीं बस गये। धीरे-धीरे अधिकाधिक च्यांगशी प्रांत के व्यापारी यहां आकर व्यापार करने लगे और स्थायी तौर पर यहां बस गये । यह सड़क व्यापार के विकास के साथ-साथ च्यांगशी सड़क के नाम से नामी हो गयी है ।

चुंग फू सड़क प्राचीन लीये कस्बे के बीचों-बीच है । इस सड़क के दोनों किनारों पर थू चा जातीय वास्तु शैली में बने पुराने मकान खड़े हुए हैं , उन में सब से प्रसिद्ध मकान यांग खानदान की रंगाई मिल है और वह दक्षिण चीन का प्रथम बड़ा मकान माना जाता है । इस रंगाई मिल की एक दुमंजिली इमारत है , इस इमारत के खूबसूरती से तराशे गये दरवाजों व खिड़कियों से तत्कालीन शानदार घरों के रुप का अंदाजा लगाया जा सकता है । उस समय इस यांग परिवार के तीन भाई कठोर परिश्रम से रंगाई के व्यवसाय में जुट गये , धीरे-धीरे वे अपना व्यापार पूरे दक्षिण चीन तक फैलाने में सफल हो कर मालामाल हो गये । अब इस यांग परिवार की सदस्या 83 वर्षीय फंग क्वे च्यू ने तत्कालीन रंगाई मिल की भव्यता का परिचय देते हुए कहा कि एक भाई के पास तीन कमरे हैं , इस तरह तीन भाइयों के पास नौ कमरे हैं। उन का प्रमुख धंधा रंगाई ही है। ग्राहकों के अनुरोध के अनुसार कपड़ों को काट कर रंगने के लिए भेजा जाता था और काले , नीले और लाल जैसा रंग चाहिए,उस में रंगने के बाद दुकानदारों को कपड़े वापिस भेजे जाते थे ।

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