चीन के थाइवान द्वीप की गायिका सुश्री मङ टिंग वी और उन के द्वारा गाए गए गीतों का नया अल्बम ने फिर से संगीत जगत का ध्यान खींचा, जिस ने संगीत प्रेमियों से जोशीली वाहवाही लूटी । आज के कार्यक्रम मैं आप लोगों को सुश्री मङ टिंग वी और उन के गीतों का परिचय करूंगी। सब से पहले आप सुनेंगे उन का एक गीत, नाम है शांत जिंदगी मंदगति पानी।
गीत1 शांत जिंदगी मंदगति पानी
श्रोता दोस्तो, इस मधुर गीत में सुश्री मङ टिंग वी ने अपनी कोमल और मीठी आवाज में जिंदगी के अनुभव और प्यार व्यक्त किए।
गीत में कहा गया हैः
तुम देखो सामने छोटी नदी का पानी,
ना बहता तेज, ना रूकता ।
मैदानों और पहाड़ों से गुजरते हुए स्वच्छंद से धीरे धीरे बहता रहा
तुम देखो पानी में मछलियां
ना तैरती तेज, ना रूकती ,
अपनी दुनिया में खोए आनंद हो या दुख
वह खुद अनुभव करती
श्रोता दोस्तो, अभी आप ने सुना है , चीन के थाइवान द्वीप की मशहूर गायिका सुश्री मङ टिंग वी द्वारा गाया गया गीत शांत जिन्दगी और मंदगति पानी ।
पिछली शताब्दी के 90 वाले दशक में मङ टिंग वी ने देखो ,चांद का मुंह नामक गीत के जरिये थाइवानी संगीत जगत में प्रसिद्धि प्राप्त की थी । इस के बाद उन्होंने सर्दी में थाइवान आए वर्षा देखो, किस की आंसू उमड़ी , पवन का दूत आदि गीत गाये , जो चीन में बहुत लोकप्रिय हो गए। वर्ष 2000 में मङ टिंग वी संगीत जगत से विदा हुई । इस के उपरांत चार साल में वे शादी ब्याह में बंधी और पारिवारिक जीवन बिताने लगी।
वर्ष 2004 के शर्द काल में सुश्री मङ टिंग वी ने अपने पती के साथ चीन के उत्तर पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्र का दौरा किया। वहां उन्हों ने अपनी आंखों से पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले बच्चों का असली जीवन देखा और असाधारण अनुभव पाया। गरीब बच्चों की हालत देख कर उन्होंने पुनः संगीत जगत में आने और गाने का फैसला किया , ताकि अपने कमाए पैसे से उन गरीबी बच्चों को गरीबी से छुटकारा दिलाने में मदद दे । उन्होंने अपनी कलम से लाल फूल नामक गीत लिखा, जिस में ऊसर पहाड़ में सुंदर सुन्दर लाल फूल खिलने की उन की हार्दिक कामना संजोए हुई है।
गीत2 लाल फूल
श्रोता दोस्तो, आप सुन रहे हैं, सुश्री मङ टिंग वी द्वारा गाये गये गीत लाल फूल। चीन के उत्तर पश्चिम क्षेत्रों में लाल फूल कीमती और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। मङ टिंग वी लाल फूल से वहां के रहने वाले बच्चों के सुर्ख गाल की उपमा करती है । जब उन बच्चों के मुंह पर मुस्कान खिली है, तो मानो गरीब भूमि में लाल लाल फूल उगे हों।
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार हैः
पवन उड़ा
पेड़ हिला
सपना आया नजदीक है
दूर जगह पर मैं ने सुना
तुम्हारा वह पुकारा ।
सुमन मुस्करायी
बहन तुम्हारे साथ परवान बढ़ी
तुम्हारे गाल पर मीठी मुस्कान खिली
मानो संध्या में लीला पसारी ।
श्रोता दोस्तो, अभी आप ने सुना, सुश्री मङ टिंग वी की आवाज में प्रस्तुत लाल फूल नामक गीत।
संगीत क्षेत्र में आने के बाद सुश्री मङ टिंग वी ने अपनी गायन शैली में बदलाव लाया , उन की मीठी आवाज में लोच और कोमल विशेषता की वृद्धि हुई । तो अगला गीत हम प्रस्तुत करेंगे, सुश्री मङ टिंग वी की सुरीली आवाज में गाया गया अम्बर नामक गीत।
गीत3 अम्बर
गीत के बोल हैः
मेरा प्यार मजबूत और कोमल है
अम्बर की भांति चमकदार और पारदर्शी है
मेरा प्यार अमर अमिट है
अम्बर की भांति बीती दुख व आनंद को याद में छुपा है
श्रोता दोस्तो, अब आप ने मङ टिंग वी की आवाज में अम्बर नामक गीत सुना।
आज के कार्यक्रम की समाप्ति पर हम एक साथ सुनेंगे ,सुश्री मङ टिंग वी द्वारा गाया गया एक और गीत, नाम है चांद का मुंह देखो।
गीत ने कहाः
चांद का मुंह गोला गोला
गुजरे समय का पतला पतला बुकमार्क जैसा तुम्हारी मीठी मीठी मुस्कान
क्या जुदा होने का समय आया
मेरी आंसू नहीं देखने दूंगा
कहता हूं देखो, देखो
चांद का मुंह बदल रहा है
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