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(GMT+08:00) 2006-10-05 16:49:47    
चीन में ऑलंपियाड का प्रारम्भिक इतिहास

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चीन का ऑलंपिक खेलों के साथ संबंध वर्ष 1894 से हुआ । इस समय तत्कालीन चीन के छिंग राजवंश की सरकार को यूनान के युवराज और ऑलंपिक खेल-समारोह के उस समय के संस्थापक पिएयर दे कुबेर्टिन (Pierre de Coubertin) द्वारा अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति से निमंत्रण पत्र मिला , लेकिन तत्कालीन छिंग राजवंश की सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया ।

वर्ष1904 में अनेक चीनी पत्र-पत्रिकाओं ने तीसरे ऑलंपियाड से संबंधित रिपोर्टे दीं ।

वर्ष 1906 में चीन की एक पत्रिका में ऑलंपिंक के इतिहास का परिचय दिया गया ।

वर्ष 1907 के अक्तूबर की 24 तारीख को मशहूर चीनी शिक्षक चीनी ऑलंपियाड समिति के प्रथम अध्यक्ष चांग पो लिंग ने थ्येन चिन शहर में आयोजित विद्यार्थी खेल-समारोह की पुरस्कार-रस्म में ऑलंपिक शीर्षक भाषण दिया था । उन्होंने कहा कि अनेक युरोपीय देशों के ऑलंपिक खेल समारोह में पुरस्कार कम प्राप्त होने के बावजूद उन्होंने अपने खिलाड़ियों को ऑलंपियाड में भाग लेने भेजा । इस तरह उन्होंने चीन सरकार को चीनी टीम भेजने का सुझाव दिया ।

वर्ष 1908 के लंदन ऑलंपियाड के आयोजन के बाद थ्येन चिन शहर के एक अखबार ने एक बार फिर ऑलंपियाड के इतिहास का परिचय दिया और चीन में ऐसे खेल समारोह के आयोजन संबंधी प्रस्ताव भी पेश किया। थ्येन चिन के खेल-जगत के व्यक्तियों ने मैजिक लेन्टर्न (magic lantern) जादुई लॉलटैन से लंदन ऑलंपिक खेल समारोह की जानकारी प्रदर्शित की और ऑलंपिक संबंधी भाषण संगोष्ठी आयोजित की ।

वर्ष 1910 के अक्तूबर की 18 से 22 तारीख तक"शीघ्र ही ऑलंपियाड में भाग लेने"और"चीन में शीघ्र ही ऑलंपियाड का आयोजन"वाले नारे की प्ररेणा से चीन के नान चिन शहर में चीन के इतिहास में प्रथम राष्ट्रीय स्तरीय खेल समारोह---राष्ट्र के विद्यालयों का प्रथम खेल समारोह आयोजित किया गया ।

वर्ष 1910 में सूदूर खेल समारोह का आयोजन शुरू किया गया , जिस का प्रारम्भिक नाम था सूदूर ऑलंपिक खेल समारोह । यह एशिया में ऑलंपिक आंदोलन की शुरूआत थी और चीन इस का संस्थापक था । सूदूर खेल समारोह में चीनी खिलाड़ियों ने बेहतरीन रिकॉर्ड बनाया ।

वर्ष 1915 में अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति ने सूदूर खेल समारोह की आयोजन कमेटी को तार भेजकर सूदूर खेल समारोह संघ की मान्यता दी और चीन को अगली बार के ऑलंपिक खेल समारोह और ऑलंपियाड की समिति के सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण दिया ।

वर्ष 1922 में चीन के वांग चङ यान अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति के सदस्य बन गए ।

वर्ष 1924 में चीनी राष्ट्रीय खेल संघ की स्थापना के बाद चीन ने क्रमशः ट्रैक एंड फील्ड, स्विमिंग, जिम्नास्टिक, टेनिस, वेट लिफ़्टिंग, बॉक्सिंग, फ़ुटबाल और बास्केटबाल आदि आठ अंतरराष्ट्रीय खेल संघों में भाग लिया। आठवें ऑलंपियाड में चीन के तीन खिलाड़ियों ने प्रदर्शनी मैच में भाग लिया।

वर्ष 1928 के नौवें ऑलंपियाड में चीन ने पर्वेक्षक सोंग रू हाई को भेजा और निरीक्षण कार्य किया ।

वर्ष 1931 में अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति ने तत्कालीन चीनी राष्ट्रीय खेल कूद संघ को चीनी ऑलंपियाड समिति की मान्यता दी , तभी चीन के ऑलंपिक खेल समारोह में भाग लेने का इतिहास औपचारिक तौर पर शुरू हुआ ।

वर्ष 1932 में दसवां ऑलंपिक खेल समारोह अमरीका के लोस एन्जेल्स में आयोजित हुआ । चीन की अपने खिलाड़ियों को इस खेल समारोह में भेजने की योजना नहीं थी, और सिर्फ़ चीनी राष्ट्रीय खेल कूद संघ के महानिदेशक शङ त्सी ल्यांग को देखने भेजा । लेकिन जापानी सैन्यवाद के समर्थन वाली तथाकथित मान्चो देश की सरकार ने विश्व के अन्य देशों की मान्यता को हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति को तार भेजकर ल्यू छांग छुन और य्वू शी वेइ को मान्चो देश के खिलाड़ियों के रूप में ऑलंपिक खेल समारोह में भाग लेने को कहा । इस का सारे चीन में विरोध किया गया , और ल्यू छांग छुन ने खेल-समारोह में भाग लेने से इनकार किया । देश भर में जबरदस्त उभरे लोकमत के दबाव में तत्कालीन चीन की क्वोमिन्तांग सरकार ने शङ त्सी ल्यांग के नेतृत्व में ल्यू छांग छुन व य्वू शी वेइ को खिलाड़ियों के रूप में और सोंग च्युन फ़ू कोच के रूप में चीनी प्रतिनिधि-मंडल को भेजा । इसी ऑलंपियाड के उद्घाटन समारोह में ल्यू छांग छुन झंडा उठाकर शङ त्सी ल्यांग, सोंग च्युन फ़ू और अमरीका में पढ़ने वाले चीनी विद्याथियों व चीनी मूल के अमरीकी ल्यू श्ये सोंग और शङ क्वो छवुआ तथा थ्वो फिंग समेत छः व्यक्तियों द्वारा चीनी प्रतिनिधि मंडल गठित किया । जापान पक्ष की बाधाओं के कारण य्वू शी वेइ ने इस समारोह में भाग नहीं लिया । चीनी खिलाड़ी ल्यू छांग छुन ने एक सौ मीटर और दो सौ मीटर के प्रारम्भिक मैच में सिर्फ़ पांचवां व छठा स्थान प्राप्त किया, इस तरह फाईनल में उन की भागीदारी नहीं हुई । लेकिन ल्यू छांग छुन का नाम ऑलंपिक खेल समारोह में भाग लेने वाले प्रथम चीनी खिलाड़ी के रूप में चीनी ऑलंपिक के इतिहास में दर्ज किया गया।

वर्ष 1936 में ग्यारहवां ऑलंपिक खेल समारोह जर्मनी के बर्लिन में आयोजित हुआ । चीन ने 140 सदस्यों वाला प्रतिनिधि-मंडल भेजा , जिस में 69 खिलाड़ी थे, जिन्होंने अलग-अलग तौर पर बास्केटबाल, फ़ुटबाल, स्विमिंग, ट्रैक एंड फील्ड, वेट लिफ़्टिंग, बॉक्सिंग और साइकिल आदि सात प्रतियोगिताओं में भाग लिया । इस के अलावा, ग्यारह सदस्यीय वूशू प्रदर्शनी टीम और 34 सदस्यीय चीनी खेल कूद निरीक्षण दल ने भी इस खेल समारोह में भाग लिया । ग्यारहवें ऑलंपिक खेल समारोह में चीनी बास्केटबाल टीम ने फ्रांसीसी टीम को हरा दिया और चीनी वू शू टीम के प्रदर्शन ने अनेक बार युरोपीय देशों की वाहवाही लूटी ।

वर्ष 1945 में जापान विरोधी युद्ध में विजय हासिल करने के बाद अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति के प्रथम चीनी सदस्य वांग चङ यान और खेल-कूद जगत के जाने-माने व्यक्ति य्वान तुन ली तथा तुंग शो यी ने वर्ष 1952 में 15वें ऑलंपिक खेल समारोह का आयोजन चीन में किए जाने का अनुरोध पेश किया, जिससे चीनी लोगों में उत्तेजना की लहर फैल गयी।

वर्ष 1948 में 14वां ऑलंपिक खेल-समारोह लंदन में आयोजित हुआ। चीन ने 33 खिलाड़ियों को भेजकर बास्केटबाल, फ़ुटबाल, ट्रैक एंड फील्ड, स्विमिंग और साइकिल आदि पांच प्रतियोगिताओं में भाग लिया । लेकिन किसी चीनी खिलाड़ी ने इन प्रतियोगिताओं के फ़ाइनल में प्रवेश नहीं किया। ऑलंपिक खेल-समारोह के बाद चीनी प्रतिनिधि मंडल को स्थानीय चीनी मूल के व्यक्ति के जनरल संघ की सहायता से वापस लौटने की फ़ीस प्राप्त हुई और इस तरह वह मातृभूमि वापस लौट सका ।

वर्ष 1952 में पंद्रहवां ऑलंपिक खेल-समारोह हॉलैंड की राजधानी होल्सिंगी में हुआ । चीन ने औपचारिक निमंत्रण-पत्र देर से प्राप्त करने के कारण सिर्फ़ 40 सदस्यीय प्रतिनिधियों को भेजा । चीनी प्रतिनिधि मंडल होल्सिंगी में पहुंचने के वक्त समारोह समाप्त होने वाला था । इस तरह सिर्फ़ चीनी खिलाड़ी वू छ्वुआन य्वू ने एक सौ मीटर वाली बाक स्ट्रोक प्रतियोगिता में भाग लिया । लेकिन इस बार नए चीन का पांच सितारों वाला झंडा प्रथम बार ऑलंपिक खेल-समारोह के मैदान में फिराया गया, यह नए चीन के लिए गर्व की बात थी ।

वर्ष 1954 में यूनान की राजधानी एथेंस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति के पचासवें पूर्णाधिवेशन में अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति ने 23 मतों की सहमति और 21 मतों के विरोध से निर्णय पारित किया और चीनी ऑलंपियाड समिति के अनुरोध को स्वीकार किया। इस तरह चीन लोक गणराज्य ने अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति में कानूनी स्थान पा लिया । लेकिन इसी समय तत्कालीन ऑलंपियाड समिति के अध्यक्ष अमरीकी आरेरी ब्रुनदाज (Arery Brundage) के नेतृत्व वाले अप्लसंख्यक व्यक्तियों ने थाईवान को तथाकथित चीन राष्ट्र ऑलंपियाड समिति को अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति की नामसूची में बरकरार रखा और दो चीन की गतिविधि चलायी । इस तरह चीनी ऑलंपियाड समिति ने वर्ष 1959 के अगस्त की 19 तारीख को अंतरराष्ट्रीय ऑलंपियाड समिति के संग संबंध को तोड़ने का एलान किया ।

वर्ष 1956 से वर्ष 1979 तक चीनी ऑलंपियाड समिति ने ऑलंपिक खेल-समारोह में भाग लेने के लिए चीनी प्रतिनिधि-मंडल नहीं भेजा। लेकिन चीनी थाइपेइ के खिलाड़ी यांग छुवान क्वांग ने वर्ष 1960 के रोम ऑलंपिक खेल-समारोह में दिकैसियोन प्रतियोगिता में रजत-पदक जीता, वे ऑलंपिक खेल-समारोह में पदक प्राप्त करने वाले प्रथम चीनी खिलाड़ी बने । वर्ष 1968 के मैक्सिको ऑलंपिक खेल-समारोह में चीनी थाइपेइ की खिलाड़िन ची छङ ने अस्सी मीटर वाली बाधा दौड़ में कांस्य-पदक जीता , वह ऑलंपिक खेल-समारोह में पदक हासिल करने वाली प्रथम चीनी खिलाड़िन बनी ।