• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2006-09-29 15:15:38    
वस्त्र डिजाइनर सुश्री सुन श्यो छिन की कहानी

cri

वर्ष 2006 का रेशम मार्ग अन्तरराष्ट्रीय वस्त्र मेला सिन्चांग की राजधानी ऊरूमुची में आयोजित हुआ । सिन्चांग के उच्च स्तरीय वस्त्र डिजाइनर सुन श्यो छिन ने मेले में अपना विशेष वस्त्र फैशन शॉ आयोजित किया , जिस ने देश विदेश के लोगों का ध्यान खींच लिया । प्रस्तुत है वस्त्र डिजाइनर सुश्री सुन श्यो छिन की कहानी ।

दोस्तो , वर्ष 2006 के रेशम मार्ग अन्तर्राष्ट्रीय वस्त्र मेले में सुश्री सुन श्योछिन एकमात्र ऐसे सिन्चांग वस्त्र डिजाइनर है , जिन्हों ने मेले के दौरान फैशन शॉ का आयोजन किया है , जिस ने व्यापक दर्शकों का मन मोहित कर लिया है ।

मुलायम लाल लाइट की व्यवस्था में चार मॉडल सुन्दर फैशनेबुल वस्त्रों में रैम्प पर आकर्षक पोज बना रही हैं। परिवर्तनशील लाइट में मॉडलों पर पहने रंगबिरंगे वस्त्र चमक दमक रहे हैं और मधुर संगीत की धुन उन का साथ दे रही है---।

फैशन शॉ में कुल 13 श्रृंखलाओं के सौ से अधिक वस्त्र दिखाई दिए गए , जिस से सिन्चांग की विभिन्न जातियों की वस्त्र संस्कृति विविध रूपों में प्रतिबिंबित हो गयी । हर श्रृंखले के वस्त्रों का खूब स्वागत किया गया , खास कर अल्पसंख्यक जातियों के दर्शकों ने बड़ा जोश दिखाया । चीन की शिबो जाति के दर्शक सुश्री ग्वांग ल्युचन ने कहाः

डिजाइनर सुश्री सुन श्योछिन ने वस्त्र डिजाइन के काम में स्थानीय सांस्कृतिक विशेषता पर बहुत ध्यान दिया है , जिस में सिन्चांग की वस्त्र संस्कृति की चटक विशेषता जाहिर हुई है । इस के अलावा उन्हों ने स्थानीय विशेषता को अन्तरराष्ट्रीय फैशन प्रवृत्ति के साथ ऐसा कुशल रूप से जोड़ा है कि वह फैशन का एक नया अंदाज अभिव्यक्त हो गया है ।

सिन्चांग के वस्त्रों में वेवूर जाति की युवती का कोमल और छरहरा शरीर दिखाई देता है , कजाख जाति के नारी वस्त्र तहदार और रंगबिरंगे हैं और ताजिकी जाति के महिला वस्त्र लम्बे और लहरेदार नजर आये । इन सुन्दर वस्त्रों ने फैशन शॉ में शरीक युवतियों का मन मोहित कर लिया। मौके पर ही कुछ दर्शकों ने वस्त्र खरीदने की चाह व्यक्त की । इस पर सुन श्योछिन बहुत खुश हुई । उन्हों ने संवाददाता से कहाः

वस्त्र डिजाइन क्षेत्र में मैं सफल व्यक्ति तो नहीं हूं , पर एक अथक कोशिश करने वाली डिजाइनर जरूर हूं । नए नए फैशन की खोज में मैं कभी नहीं रूकी । मैं ने यह जॉब चुना है , तो इसी रास्ते पर आगे बढ़ती जाऊंगी ।

वर्ष 1979 में सुश्री सुन श्योछिन सिन्चांग सैन्य कोर की कला मंडली में दाखिल हुई , जो वहां वस्त्र प्रबंधन का काम करती थी । तभी से उन्हों ने वस्त्र डिजाइन का अध्ययन करने में तन मन लगाया । डिजाइन के काम के लिए उन्हों ने चित्रकला भी सीखी , उन की इस तरह की कोशिश लगातार दस साल तक जारी रही । इस दौरान उन्हों ने स्वाध्ययन से वस्त्र डिजाइन और चित्र कला के सभी कॉर्स सीखे । कला मंडली के जरूरी हर वस्त्र का डिजाइन करने में वह कोई कमी नहीं छोड़ने देती । किसी विशेष वस्त्र के डिजाइन के लिए उन्हों ने कभी कभी महीनों या एक साल का समय भी लगाया। उन्हों ने कहा कि अच्छे डिजाइन के लिए खुद स्थानीय व जातीय रीतिरिवाजों और वास्तविक जीवन का अनुभव लेने की आवश्यकता है । उन का कहना हैः

वास्तविक जीवन से अनुभव गृहित करना बहुत जरूरी है , यह एक मानसिक और अध्ययनशील काम है । सतही जानकारी के बजाए जीवन के तह तक पहुंचना चाहिए और विभिन्न अल्पसंख्यक जातियों के वास्तविक जीवन में और उन की विभिन्न कार्यवाहियों में जा कर देखना और अनुभव करना बहुत जरूरी है , जिस से डिजाइन का नया नया बौध उत्पन्न हो सकता है ।

वर्ष 1989 में चीनी राष्ट्रीय सैनिक कला समारोह के दौरान सुश्री सुन श्योछिन ने दो नृत्य कार्यक्रमों के वस्त्र डिजाइन का काम संभाला , कुल 13 वस्त्रों में से उन के दो वस्त्र डिजाइन को श्रेष्ठ डिजाइन पुरस्कार मिला, यह उन के लिए गौरव भी है और प्रेरणा भी ।

इस के बाद तीन सालों में उन्हों ने लगातार प्रयास कर फिर आठ पुरस्कार जीते । अब तक उन्हों ने सौ से ज्यादा उच्च स्तरीय कला समारोहों के लिए वस्त्रों का डिजाइन किया और राष्ट्रीय स्तर के दस पुरस्कार प्राप्त किए । इस दौरान उन्हों ने वस्त्र डिजाइन के काम में सौंदर्य और श्रेष्ठता पर अधिक जोर दिया । उन्हों ने कहाः

किसी काम में सफलता मिलने से कठिनाइयों व नामकाबियों को दूर किया जा सकता है , सफलता मिलने के बाद और बड़ी सफलता पाने की कोशिश नहीं छोड़ी जानी चाहिए । मैं समझती हूं कि वस्त्र डिजाइन क्षेत्र में मैं हमेशा एक नया सिपाही रहूंगी । मंचन कला के लिए वस्त्रों का डिजाइन दायरा सीमित है , इसलिए मंचन कला के लिए वस्त्रों के डिजाइन के अलावा मैं ने फैशन वस्त्रों के डिजाइन क्षेत्र में भी कोशिश शुरू की ।

सुश्री सुन श्योछन को अपने सिन्चांग वासी होने पर बहुत गर्व महसूस हुआ है । क्यों कि उन का सृजन स्रोत सिन्चांग की भूमि पर आधारित है और सिन्चांग की विभिन्न जातियों के जीवन से प्राप्त हुआ है । सिन्चांग में आयोजित हुए पिछले वस्त्र मेलों में सिन्चांग का स्थानीय डिजाइनर नहीं था , इस पर सुश्री सुन श्योछिन को बड़ा कटु अनुभव हुआ था । उन्हों ने इस क्षेत्र में कैरियर करने की भी सोच की । उन्हों ने कहाः

मैं ने इसलिए वस्त्र मेले का विकास करने का प्रयास किया है , जिस से एक तरफ हम स्थानीय पर्यटन उद्योग का विस्तार कर सकते हैं और दूसरी तरफ सिन्चांग की जातीय वस्त्र संस्कृति के विकास और प्रचार प्रसार के लिए एक अच्छा मौका ला सकते हैं । इस ख्याल से मैं ने सिन्चांग के वेशभूषण का विशेष फैशन शॉ आयोजित करने का निश्चय किया ,यह वस्त्र डिजाइनर का एक कर्तव्य है ।

वर्ष 2004 में सिन्चांग के स्थानीय वस्त्र डिजाइनर के रूप में सुश्री सुन ने सफलतापूर्वक रेशम मार्ग पर वेशभूषण फैशन शॉ आयोजित किया । उस फैशन शॉ में सिन्चांग के स्थानीय व जातीय वस्त्रों की कला विशेषता पर जोर लगाया गया , जिसे देख कर बहुत से दर्शकों की आंखें डबडबा भी हुई , सुन श्योछिन की पहली कोशिश ही असाधारण रूप से सफल हो गयी ।

इधर के दो सालों में देश विदेश में वस्त्र उद्योग का तेज विकास हो रहा , इस से सुश्री सुन श्योछिन काफी प्रभावित हुई , उन्हों ने जल्दी ही सिन्चांग की वस्त्र संस्कृति को पूरे विश्व तक पहुंचाने की ठान ली । उन्हों ने कहा कि यह वस्त्र डिजाइनरों का फर्ज और अभिलाषा है , हमारे देश में भी विदेशी डिजाइनरों से तुल्य बहुत से डिजाइनर मौजूद है ।

चीन में 56 जातियां हैं , जिन की अपनी अपनी विशेष वस्त्र संस्कृति हैं , उन्हें नहीं त्याग दिया जाना चाहिए । विश्व का फैशन किस तरह क्यों न विकसित हुआ , तो भी उस में अपने देश की विशेषता और परम्परा जुड़ जाएंगी , राष्ट्रीय तत्व वस्त्र डिजाइन का बुनियादी आधार है । सुश्री सुन श्योछिन की आशा है कि सिन्चांग की वस्त्र संस्कृति ज्यादा से ज्यादा लोगों में मशहूर होगी और देश से निकल कर सारी दुनिया में फैल जाएगी।