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प्रिय दोस्तो , चीन के भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ उत्तर-पश्चिमी चीन में स्थित विश्वविख्यात पर्यटन स्थल मकाऊ गुफा समूह के कुछ गुफाओं का दौरा कर चुके हैं , पर आज के इस कार्यक्रम में हम आप को इस गुफा समूह के अन्य प्रसिद्ध गुफाओं को देखने ले चलते हैं ।
आप जानते ही हैं कि स्थानीय लोग इस मकाऊ गुफा समूह को सहस्र बुद्ध गुफा कहते हैं और वह विख्यात बौद्ध धार्मिक स्थल भी माना जाता है । मकाऊ गुफा समूह उत्तर-पश्चिम चीन स्थित कान सू प्रांत के तुन ह्वांग के दक्षिण पूर्वी भाग से 25 किलोमीटर की दूरी पर खड़े मिंग शा शान यानी गुनगुन रेतीले पहाड़ पर है । उस का निर्माण ईस्वीं 366 में शुरू हुआ ।
पहले हम नौ मंजिले भवन नम्बर 96 गुफा देखने गये । तब से हमें पता चला कि इस नौ मंजिला भवन में खड़ी हुई भीमकाय बुद्ध मूर्ति की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह मकाऊ समूह की सब से बड़ी बुद्ध मूर्ति है , और उस का नम्बर 96 है और वह उत्तर बड़ी मूर्ति के नाम से जानी जाती है ।
फिर हम मकाऊ गुफा समूह के नम्बर 328 गुफा में भी गये , क्योंकि उस गुफा में सुरक्षित मूर्तियां बनाने की कला अत्यंत सूक्ष्म है । कुल पांच मूर्तियां बहुत जीवंत लगती हैं और उन की मुद्राओं से उन के पृथक स्वभाव की झलक मिलती है ।
प्रिय मित्रो , आज हम आप के साथ नम्बर 158 गुफा देखने जा रहे हैं , इस गुफा में खड़ी हुई सुप्त बुद्ध की मूर्ति की भी अपनी अलग पहचान है । कहा जाता है कि यह 16 मीटर लम्बी मूर्ति भगवान शाक्यमुनि के निर्वाण की मूर्ति है ।
हमारी गाईड सुश्री ल्यू हुंग ली ने इस मूर्ति की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस मूर्ति के शरीर की संरचना बहुत सुसंगत है और भगवान बुद्ध शांतचित मुद्रा में दिखाई देते हैं। साथ ही उन की भौंह , मुंह , आंखें और नाक बेहद सामंजस्यपूर्ण लगते हैं । इतनी सूक्ष्म कला कृतियों को देखने से कोई भी पर्यटक अवश्य ही चमत्कृत हो जाता है ।
मूर्तियों के अतिरिक्त मकाऊ गुफा-समूह में भित्ति-चित्र भी मकाऊ गुफा कला कृतियों का महत्वपूर्ण संगठित भाग है । ये भित्ति-चित्र हजारों वर्षों से वर्षा व हवा के थपेड़े सहते हुए भी स्पष्ट व ताजा नज़र आते हैं । इन भित्ति चित्रों के अधिकांश विषय बौद्ध धार्मिक कहानियों से जुड़े हुए हैं और इन भित्ति चित्रों में जिन अप्सराओं का चित्रण किया गया है , वे बहुत प्रशंसनीय हैं ।
बौद्ध धर्म में आकाश में उड़ने वाली देवी को अप्सरा कहा जाता है । बौद्ध सूत्र के अनुसार ये अप्सराएं आम तौर पर नृ्त्य-गान करने और रंगबिरंगी पंखुड़ियां छिड़कने का काम संभालती हैं । मकाऊ गुफा समूह की 490 से अधिक गुफाओं के सभी भित्ति चित्रों में सुंदर अप्सराएं देखने को मिलती हैं । उन में कुछ हाथ में कमल फूल या तंतु वाद्य यंत्र पीपा लिये हुए नजर आती हैं , कुछ रंगीन पंखुड़ियां छिड़कते हुए दिखाई देती हैं और अन्य कुछ संगीत बजाने में मग्न। ये जीते-जागते भित्ति-चित्र देखते ही बनते हैं ।
चीनी छिंगह्वा विश्वविद्यालय में ललित कला की अध्यापिका सुश्री चंग नी कई बार मकाऊ गुफा समूह देखने आ चुकी हैं । उन्हों ने कहा कि मकाऊ गुफा समूह के भित्ति चित्रों में चित्रित सुंदर अप्सराएं उन्हें बराबर मोहित करती हैं।
उन्हों ने विचित्र अप्सराओं की ओर इशारा करते हुए हमारे संवाददाता को बताया है कि आप इन सुडौल अप्सराओं को देखिये , कितनी रोमांटिक लगती हैं , उन के पास पंख नहीं हैं , पर वे खुले आसमान में उड़ सकती हैं । चित्रण की दृष्टि से देखा जाये , तो इन मानव आकृतियों की संरचना और आकार-प्रकार इतना दिलचस्प है कि गौर से देखने से आप को बिल्कुल एक नया अनुभव महसूस होगा । ये जीवंत सुंदर अप्सराएं पर्यटन और विद्या के लिये एक अलग पहचान बनाती हैं ।
चीनी सामाजिक अकादमी के पुरातत्वेता श्री ऊ शिन ह्वा का मानना है कि मकाऊ गुफा समूह के भित्ति चित्रों में सुंदर अप्सराओं जैसी जीती-जागती मानवाकृतियां अत्यंत बेशकीमती है और वे चौथी से 14 चौदहवीं शताब्दी तक के प्राचीन चीन की सामाजिक स्थिति पर अनुसंधान करने की मूल्यवान सामग्री भी हैं । इसीलिये उन्हों ने इन भित्ति चित्रों को भित्ति-पुस्तकालय कहा है ।
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