• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2006-09-25 18:36:27    
छुएनचोउ की कठपुतली-कला

cri

चीन में परंपरागत कठपुतलियों की प्रदर्शन में छुएनचोउ की कठपुतलियाँ काफी मशहूर हैं और इस की इतिहास लगभग 2,000 वर्ष पुराना है। यहाँ पर कठपुतलियाँ मानव और भगवान के एक दूसरे से मिलते-जुलते रूप जैसी रही है। इस वजह से वे शुरु से ही स्थानीय लोगों के धार्मिक जीवन का एक अभिन्न अंग रही है। यहां कई वर्षों से भूत- प्रेतों और हानिकारक तत्वों को भगाने में कठपुतलियों के प्रदर्शन और दूसरे प्रकार की गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा शादियों और जन्म-दिवसों जैसे शुभावसर पर भी कठपुतलियों के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

छुएनचोउ की कठपुतली की कद लगभग 70 सें.मि लंबी है और सिर के साथ साथ इस के पेच, पैर, शरीर से धागा जुड़ा हुआ है जिस के जरिये कठपुतलियों पर काबू रखा जाए और कलाकार भिविन्न किस्म के मनोरंजन सिर्फ धागे के आधार पर लोगों को दे सके। कठपुतलियों के सिर आम तौर पर कपूर या लकड़ी के हैं और इन के भीतर कुछ उकपरण रखे गए हैं जिन के जरिये कठपुतलियों के चेहरों पर विभिन्न प्रकार के भाव पैदा किये जाए।इन के पेट बांस का बने हैं और उन के हाथ-पैर उन के द्वारा निभायी गयी भूमिकाओं पर आधारित हैं।मिसाल के तौर पर जब भी कठपुतली एक आम आदमी की भूमिका निभाती है तो उस के हाथ में कलम रखा हुआ है पर जब भी वह सैनिक की भूमिका अदा करती है तो उस के हाथ में तलवार लगी है। कुछ तो जूते पहनाए हुए हैं और कुछ खाली पैर रखे हुए हैं। पैरों के मामले में एक खास बात है कि स्त्रियों और पुरुषों के पैरों में काफी फर्क होती है। कठपुतलियों की कार्यवाहियों पर नियंत्रण के लिए एक मिटर लंबी सुता है जिसके जरिये 16-32 धागों को, जो कठपुतलियों के जोड़ों से जुड़े हुए हैं नियंत्रित किया जाता है।