हाल ही में मध्य चीन के हनान प्रांत के एक दा छन गांव में सभी लोग महासागर की दूसरी ओर से आये दो वृद्धों की प्रतिक्षा में हैं। वे हैं, चीन के थाईवान और हांगकांग से आये संयुक्त राष्ट्र संघ के दो बुजुर्ग अधिकारी ह्वां च्वन श्योंग और ल्यू दा जडं । अब वे दोनों इस गांव के मानक गर्वनर हैं। लेकिन, ये दो वृद्ध किसी न किसी तरह चीन के एक सामान्य से छोटी गांव से संपर्क बरकरार रखे हुए हैं।
इस वर्ष के जून माह का एक दिन, दा छन गांव त्यौहार की खुशियां में मग्न था। गांव में प्रवेश करने वाली सड़क पर गांव का नृत्य दल नाच रहा था। किसानों ने सड़क के दोनों ओर खड़े हो कर दो सफेद बालों वाले वृद्धों का स्वागत किया। ये दो वृद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ में कार्यरत ह्वां च्वन श्योंग और ल्यू दा जडं हैं। इस बार वे दोनों न्यूयार्क से विशेष रुप से दा छन गांव की यात्रा करने आये हैं।
इन दो वृद्धों का दा छन गांव के साथ क्या संबंध है, इस की चर्चा करने से पहले आइये इन के चीनी साथी छ्याओ क्वो जुंग के बारे में जानकारी हासिल करें। 37 वर्षीय छ्याओ क्वो जुंग दा छन गांव के निवासी हैं। वे संयुक्त राष्ट्र संघ में आठ वर्षों तक काम कर चुके हैं। उन में और ह्वां च्वन श्योंग और ल्यू दा जडं के बीच गहरी मैत्री स्थापित हो गयी है।
हालांकि श्री छ्याओ क्वो जुंग लम्बे अरसे से विदेश में रहते हैं, फिर भी वे अपनी जन्मभूमि के लोगों को कभी नहीं भूले हैं। वे अक्सर गांव के निर्माण का समर्थन करते हैं और गांव वासियों को पैसे भेजते रहते हैं। ह्वां च्वन श्योंग और ल्यू दा जडं श्री छ्याओ क्वो जुंग की कार्यवाई से प्रभावित हुए और उन दोनों ने भी अपनी शक्तिभर मदद देने की कोशिश करने का निर्णय लिया। ह्वा च्वन श्योंग ने कहा,मैं और ल्यू दा जडं अपेक्षाकृत गरीब परिवारों से आए हैं। अविकसित गांवों को कुछ न कुछ योगदान देना हमेशा ही हमारे ध्यान में रहा है। जब छ्याओ क्वो जुंग को मेरी अभिलाषा मालूम हुई, तो अपनी जन्मभूमि के गांव की स्थिति के बारे में हमें जानकारी दी। हमें लगा कि यह एक अच्छा मौका है।
हनान प्रांत के च्याओ च्वो शहर के उपनगर में स्थित दा छन गांव एक मशहूर गरीब गांव है। इधर के दो वर्षों में आसपास के गांवों की तुलना में यह और पिछड़ा है। गांव में एक अच्छी सड़क भी उपलब्ध नहीं है। प्राइमरी स्कूल में जो सामान है वह भी बहुत खराब है।
दा छन गांव का परिचय सुनने के बाद दोनों वृद्धों ने यह निर्णय लिया कि वे 20 हजार अमरीकी डॉलर लाकर दा छन गांव में सड़क और स्कूल के लिए इमारत का निर्माण करेंगे। इस वर्ष के मार्च के अंत में दा छन गांव को ये पैसे मिले, जिसे कम्यूटर खरीदने, प्राइमरी स्कूल में पी सी कमरा बनवाने और गांव की सड़क के निर्माण में इस्तेमाल किया गया।
इन दो वृद्धों के प्रति स्थानीय किसानों ने भारी आभारी प्रकट किया। किसान ज्वो छ्येई जांग ने कहा,मुझे बहुत खुशी हुई है। चूंकि हमारे गांव में इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई थी, हमारा गांव अपेक्षाकृत गरीब है, इन दो वृद्धों ने हमें चंदा दिया और हमारे गांव के निर्माण में मदद दी। मेरे दिल में जो खुशी की भावना है, उसे बताना कठिन है।
दा छन गांव के जिम्मेदार श्री ली क्वांग ल ने हमें बताया कि इन दो वृद्धों ने न केवल गांव को पूंजी दी है, बल्कि हमारे किसानों को शिक्षा भी दी है। पहले इस गांव के लोगों के दिल में एकता की भावना का अभाव था, और लोग सार्वजनिक मामलों में भाग नहीं लेना चाहते थे। अब जब उन्हें पता लगा कि सुदूर संयुक्त राष्ट्र संघ में कार्यरत दो वृद्ध हमारे गांव पर ध्यान दे रहे हैं, तो, यहां के किसानों के आचरण में भी परिवर्तन आया। अब लोग अपने घर के काम को पूरा करने के अलावा, स्वेच्छा से गांव के लिए भी काम करके मदद करना चाहते हैं। गांव में सड़क का निर्माण करते समय गांव में जो श्रमिक हैं, सभी ने आगे बढ़ कर मदद दी। श्री ली क्वांग ल ने माना कि यह परिवर्तन इन दो वृद्धों की वजह से आया है। श्री ली के अनुसार,
उन्होंने न केवल हमें कुछ पैसे दिये हैं, बल्कि हमारे यहां की अनेक समस्याओं का समाधान भी किया है। अनेक किसान भी उन की भावना से गहरे रुप से प्रभावित हुए हैं। उन की इस उदार भावना में देशभक्ति व जन-भक्ति की चीनी राष्ट्र की सुन्दर भावना प्रतिबिंबित हुई है।यह भावना अमूल्य है।
गांव में इन दो वृद्धों के प्रभाव को देखते हुए श्री ली क्वांग ल ने इन दो वृद्धों को मानक गर्वनर बनाने का निर्णय लिया। श्री ली क्वांग ल ने किसानों के प्रतिनिधियों को इकट्ठा करके एक साथ एक बैठक बुलायी। लोगों ने उन के विचार को मंजूरी दी। जल्द ही न्यूयार्क में काम करने वाले इन दो वृद्धों को दा छन गांव के मानक गर्वनर का प्रमाण-पत्र मिला।
ये दो वृद्ध किसानों के इस निमंत्रण को पा कर बहुत प्रभावित हुए हैं और उन्होंने निर्णय लिया है कि वे किसी भी तरह एक बार दा छन गांव जाएंगे और गांव को देखेंगे। श्री ल्यू दा जडं ने कहा,हम भी आम चीनी नागरिकों से संपर्क करना चाहते हैं, उन की आवाज सुनना चाहते हैं और उन की मांग जानना चाहते हैं। विदेशों में हम क्या काम कर सकते हैं, हम किसानों से पूछना चाहते हैं। हम अपनी भागीदारी से चीन के गांवों की स्थिति को जानना चाहते हैं।
इन दो मानक गर्वनरों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए गांव में विशेष रुप से उन दोनों के मकान के लिए भूमि रखी गयी। लेकिन, इन दो वृद्धों ने इस भूमि पर पुस्तकालय या वृद्धों का स्वास्थ्य-केंद्र बनाने का निर्णय लिया और कहा कि चूंकि अब वे मानक गर्वनर हैं, इसलिए, उन्हें किसानों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए।
हालांकि ये दो वृद्ध अमरीका में श्रेष्ठ जीवन बिताते हैं, फिर भी गांव के आम जीवन और सामान्य स्थिति पर वे ख्याल नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि यहां उन्हें अपने घर का सा
एहसास होता है। वे किसानों के साथ सामान्य खाना खाते हैं, आराम से गपशप करते हैं और दा छन गांव के भविष्य के विकास पर विचार-विमर्श करते हैं।
दा छन गांव के भविष्य की चर्चा में दो वृद्धों के दिल प्रतिक्षा से भरे हैं। श्री ल्यू दा जडं ने कहा,हम ने केवल बहुत छोटा सा योगदान किया है, और यह केवल एक शुरुआत है। आशा है कि पांच या दस वर्षों के बाद, दा छन गांव अपनी नयी छवि से हनान प्रांत के गांवों के लिए एक उदाहरण बन सकेगा।
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