गीत---कबूतर स्वतंत्र रूप से उड़ती हैं
यह चीनी संगीतकार श्री जेंग छ्यू फेंग द्वारा रचा गया"मुक्त उड़ान पर कबूतर"नामक गीत । इस गीत में मातृभूमि की शांति व समृद्धि के नजारों का चित्रण किया गया है। गीत में कहा गया हैः
कबूतर, तू नीले आकाश में मुक्त रूप से उड़ो
अनंत पहाड़ माला को पार कर आगे बढ़ो
लम्बी बड़ी नदियों पर नजर दौड़ाओ
जगह जगह गूंजे श्रमिकों के गाने सुनो
हर तरफ खुशबू फूल खिले है हमारे देश की विशाल भूमि पर
उड़ो, कबूतर, तू देखो , हमारी विशाल प्रादेशिक भूमि में
शांति की रोशनी चमकती है ,
समृद्ध मातृभूमि में पग पग पर खुशहाली का नजारा दिखता है
चीनी संगीतकार जेंग छयु फेंग का जन्म वर्ष 1931 में जन्म हुआ और चीन की पूर्वी-उत्तर ल्योनिन प्रांत के डानतुंग शहर में वे पले बढ़े । बचपन में ही वे संगीत में प्रतिभाशाली दिखे थे और उन्होंने स्कूल में संगीत दल में ढोलक का पद संभाला था। मिडिल स्कूल से सनातक होने के बाद उन्हों ने डानतुंग नृत्य गान मंडली में प्रवेश किया और आगे कला कालेज में वायलिन सीखने के लिये भेजा गया। वायलिन सीखने के बाद श्री जेंग छ्यू फेंग ने क्वानजुंग सैन्य क्षेत्र की सैनिक नृत्य गान मंडली में दाखिला किया और प्रमुख वायलिन वादक का पद संभाला तथा संगीत रचने की कला सीखना भी शुरू किया। बीते वर्षों में उन्होंने बहुत सारे गीत संगीत रचे, जिन में मातृभूमि व सुन्दर जीवन का गुनगान किया गया। उन के बहुत सी रचनाएं चीन में पुरस्कार के हकदार घोषित की गईं , उदाहरण के लिये, "चीन--मेरी मातृभूमि","मुझे तुम से बहुत प्यार है","पामिर पठार--मेरा जन्मस्थान, तुम कितना सुन्दर है"इत्यादि । ये गीत श्रेष्ठ क्लासिक गीत बन गए हैं।
श्री जेंग छ्यू फेंग की संगीत रचनाओं की विशेषता यह है कि उन के गीत ज्वलंट छटा प्रदान करते है , जो बड़ा सजीव महसूस होता है, गीतों के बोल नवीन और जीते जागते हैं। गीतों में न कवेल स्पष्ट जातीय पहचान दिखती है, बल्कि उन में व्यक्तित्व का उद्गार भी होता है।
अगला गीत आप सुनेंगे उन का प्रतिनिधित्व रखने वाली रचना, नाम है"चीन--मेरी मातृभूमि मुझे तुम से बहुत प्यार है" । यह गीत चीनी फिल्म देशप्रेमी प्रवासी चीनी के लिये रचा गया पार्श्व गाना है। गीत में मातृभूमि के सुन्दर दृश्य के विवरण के जरिये मातृभमि से प्रवासी चीनियों के गहरे प्यार की भावना व्यक्त हुई है ।
गीत---"चीन--मेरी मातृभूमि मुझे तुम से बहुत प्यार है"
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार हैः
बुलबुल ने आकाश में उड़ान भरी
चीन--मेरी मातृभूमि मुझे तुम से बहुत प्यार है
मुझे वसंती पुष्पों के बहार से लगाव है
मुझे सुनहरी शरद ऋतु में शानदार फसलों से प्यार है
मुझे मातृभूमि के मीठे गन्ने से चाव है
मानो तुम्हारी दुध से मेरा दिल सिंचित हो
चीन---मेरी मातृभूमि ,मुझे तुम से बहुत प्यार है
मैं सब से मधुर गीत को तुम्हारे आगे दूंगी
मेरी मां, मेरी मातृभूमि।
गीत---"पामिर पठार--मेरा जन्मस्थान, तुम कितना सुन्दर है"
पामिर पठार चीन के सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के पश्चिमी-दक्षिण क्षेत्र में स्थित है और चीनी अल्पसंख्यक जाति ताजिक जाति का प्रमुख निवास स्थान है। इस गीत का लय जोशपूर्ण और विविध भावों से भरा हुआ है और अपने जन्मस्थान व भावी जीवन पर ताजिक जाति के स्नेह और अभिलाषा की अभिव्यक्ति हुई है।
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