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(GMT+08:00) 2006-09-18 09:32:05    
चीन में परंपरागत युएचु ओपेरा

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दक्षिणी चीन के षंगचोउ में जो युएचु औपेरा का जन्मस्थान माना जाता है कई थीएटर हैं।चाहे गांवों में हो या कस्बों में ये सभी थीएटर कई सुंदर रुप और शिल्पकृतिययों के रूप में आज भी देखने को मिलते हैं। ये सभी थीएटर युएचु ओपेरा के उतार और चढ़ाव के चश्मदीद गवाह है। कई वर्षों पहले षंगचोउ के लोग अस्थायी थीएटर बनाते थे और पर्वों, शादी-ब्याहों और दूसरे जशनों के मौकों पर इस ओपेरा की मंडलियों को बुलाते थे और सपरिवार, रिशतेदारों और दोस्तों के साथ इस दर्शनीय ओपेरा के मधुर गीत का आनंद उठाते थे।

षंगचेइ में थीएटर के कलामंच सर्वप्रथम मिंग राजवंशकाल में बनाये गये थे। ये सभी कलामंच न सिर्फ मनोरंजन के क्षेत्र थे बल्कि व्यापार और दर्शन के लायक स्थल भी थे।वे खुले मैदान में, मंदिरों में और पुरातन विशाल कमरों में पाये जाते थे। उस जमाने में औरतों को पूजा-गृहों में घुलने तक नहीं दिया जाता था और यहां के कला मंचों में अपने कला का प्रदर्शन करना उन के लिए तो ज्यादा असंभव था। इसलिए जब भी उऩ्हें अपना कला प्रदर्शित करने का मौका मिलता था तो लकड़ी के मंच और बाल्टी के मंच जैसे अस्थायी कला मंच बनाये जाते थे।

पुरातन कला मंचों में लकड़ियों और पत्थरों के शिल्पकारों ने उस जमाने के उच्च कोटि की शिल्पीकृतियां बनाकर दिखाई हैं। शिर्चीआओ कलामंच शंगवु पुरातन हाल में कानलीन शहर और षंगचोउ शहर में स्थित है। युएचु ओपेरा में स्त्री कलाकारों का प्रवेश यहां से आरंभ हुआ था।

शंगवु हाल के नियमों के अनुसार स्त्री कलाकारों को कला-प्रदर्शन की मनाही थी। युएचु ओपेरा की एक मंडली की 24 स्त्री कलाकारों ने खुले मैदान में एक अस्थायी मंच बनवाया।बाद में यह कला मंडली ने शांगहाई की यात्रा की और अपने शानदार प्रदर्शन के जरिये वहां के लोगों का दिल जीत लिया।तब से यह मंडली इतनी विख्यात हो गयी कि वापस लौटने के बाद शिर्चीआओ के पारंपरिक रीति रिवाजों को नजरअंदाज करके इस स्त्री मंडली को आमंत्रित कर युएचु ओपेरा का प्रदर्शन करवाना शुरू किया गया।और तब से स्त्री कलाकारों को युएचु ओपेरा में कला कौशल प्रदर्शित करने का औपचारिक मौका मिला। कानलीन शहर से प्रभावित हो कर आसपास के दूसरे शहरों में भी स्त्री कलाकारों को कला-हुनर दिखाने का मौका मिल गया। इस से युएचु ओपेरा में स्त्री कलाकारों की प्रगति के लिए एक अनिवार्य माहौल बन गया।

युएचु ओपेरा के थीएटर के कला-मंचों में से चानशान मंदिर का कला मंच सब से उल्लेखनीय है।चानशान मंदिर षंगचोउ शहर में स्थित है। कला मंच इस मंदिर की पूर्वी तरफ स्थित है।दर्शकों का हाल एक सुंदर छत से ढका हुआ है।हाँल में चार स्वर्गीय सम्राटों की मूर्तियाँ सुशोभित की जाती हैं और स्थानिय लोग अक्सर यहां आकर अच्छी फसलों के लिए बारिश की फरियाद करते हैं।

छिंग राजवंश के शासनकाल के आखिरी कुछ वर्षों में और चीनी गणराज्य (1912-1949) के दौरान युएचु ओपेरा के सैकड़ों की संख्या में कलात्मक प्रदर्शन आयोजित किए गए और उस जमाने में ये प्रदर्शन स्थानीय देवी देवताओं को अर्पित किये जाते थे। पिछली शताब्दी के 20 वाले दशक के कुछ प्रसिद्ध युएचु ओपेरा

काफी सराहे गए और खूब वाहवाही लूटी गई। मंदिरों के मेलों में युएचु ओपेरा को प्रदर्शित करने का भव्य दृश्य आज भी देखने को मिलता है। हाल के वर्षों में चानशान मंदिर ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को आकर्षित की है बल्कि दूसरे क्षेत्रों के युएचु ओपेरा-प्रेमियों को भी दूर-दर से अपने पास खींच लिया है।

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