
चीन व ताजिकस्तान दोनों देशों की सरकारों ने 16 तारीख को दुशेन्बे में जारी संयुक्त विज्ञप्ति में सीमा-रेखा, आतंकवाद विरोधी और आर्थिक व व्यापारिक सहयोग जैसे मुद्दों पर सहमत्तियां प्राप्त कीं।
दोनों पक्षों ने संयुक्त विज्ञप्ति में कहा कि वे दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित सभी सीमांत समस्या संबंधी समझौतों व दस्तावेजों का कड़ाई से पालन करेंगे, सीमा-रेखा कार्य को संजीदगी से अंजाम देंगे और सीमावर्ती क्षेत्र को चिरस्थायी शांति और पीढ़ी दर पीढ़ी मैत्रीपूर्ण व मेलमिलापपूर्ण सीमांत क्षेत्र का रूप देंगे । दोनों पक्ष किसी तीसरे देश द्वारा अपने देश की प्रादेशिक भूमि में अन्य एक देश की प्रभुसत्ता ,सुरक्षा व प्रादेशिक अखंडता को क्षति पहुंचाने वाली किसी भी कार्यवाई को अनुमति नहीं देंगे। दोनों ने मध्य एशियाई क्षेत्र की स्थिरता की रक्षा करने को भी कहा ।
दोनों ने बलपूर्वक कहा कि पूर्वी तुर्किस्तानी आतंकवादी शक्ति पर प्रहार करना अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी संघर्ष का एक महत्वपूर्ण भाग है।
उसी दिन ताजिकस्तान यात्रा पर गये चीनी प्रधान मंत्री श्री वन चा पाओ ताजिकस्तान के राष्ट्रपति राखमोनोव के साथ वहां की उच्च तनाव विद्युत परियोजना की शुरूआती रस्म में शरीक हुए । यह बिजली परियोजना चीन सरकार द्वारा शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों को प्रदत्त उदार कर्ज पर आधारित वैदेशिक सहायता मुद्दों में से एक है ।
उस दिन श्री वन चा पाओ ताजिकस्तान की यात्रा समाप्त कर विशेष विमान द्वारा दुशेंबे से स्वदेश के लिये रवाना हुए ।
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