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(GMT+08:00) 2006-09-14 10:21:14    
भारत में बनी वस्तुओं की चौथी प्रदर्शनी पेइचिंग में आयोजित हुई

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वर्ष 2006 चीन भारत मैत्री वर्ष है। हमारे दोनों देशों के आर्थिक सहयोग व व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत में बनी वस्तुओं की चौथी प्रदर्शनी और 2006 की भारतीय विज्ञान व तकनीक प्रदर्शनी आठ तारीख को चीन की राजधानी पेइचिंग में उद्घाटित हुई। यह मैत्री वर्ष की एक महत्वपूर्ण गतिविधि है।

चीनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवर्द्धन संघ के समर्थन में भारतीय उद्योग संघ यानी सी.आई.आई. और चीन स्थित भारतीय दूतावास के संयुक्त तत्तवधान में आयोजित भारत में बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी , चौथी बार चीन में प्रदर्शित की जा रही है , पर 2006 की भारतीय विज्ञान व तकनीक प्रदर्शनी का यह पहला मौका है।

भारत में बनी वस्तुओं की चौथी प्रदर्शनी सितंबर की आठ से ग्यारह तारीख तक पेइचिंग में आयोजित की गयी । आठ तारीख को प्रदर्शनी का उद्धाटन समारोह धूमधाम से पेइचिंग स्थित अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र में आयोजित हुआ। चीनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवर्द्धन संघ के निदेशक श्री वान ची फ़ेइ, चीनी विज्ञान व तकनीक उप मंत्री श्री छङ चिन फेइ, भारतीय विज्ञान व तकनीक मंत्री श्री कपिल सिपल, सी.आई.आई. के निदेशक श्री आर.सेशासयी, चीन स्थित भारतीय राजदूत श्री नलिन सुरी आदि अधिकारियों और दो सौ से ज्यादा चीनी व भारतीय उद्योगों के प्रतिनिधियों ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया।

चीनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवर्द्धन संघ के निदेशक श्री वान ची फ़ेई ने उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए कहा कि इधर के वर्षों में चीन और भारत के अर्थतंत्र का तेज़ विकास हो रहा है। दोनों देशों के कारोबारों के बीच सहयोग करने की इच्छा तीव्र होती जा रही है, और वे एक दूसरे देशों के बाज़ार और संबंधित सूचना व सेवा की जानकारी हासिल करना चाहते हैं। इस तरह दोनों देशों के व्यापारिक संघ इस क्षेत्र में ज्यादा काम कर सकते हैं। भारतीय सी.आई.आई. और चीनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवर्द्धन संघ के तत्तवधान में आयोजित भारत में बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी से दोनों देशों के उद्योगों के बीच पारस्परिक समझ व सहयोग को मज़बूत किया जा सकेगा।"

श्री वान ची फ़ेई ने कहा कि नई शताब्दी में प्रवेश होने के बाद चीन भारत संबंध का अच्छा विकास हो रहा है, दोनों देशों के नेताओं के बीच लगातार आवाजाही बरकरार रही है । पिछले साल चीन और भारत ने अपने बीच शांति एवं समृद्धि के लिए रणनीतिक साझेदारी की स्थापना की घोषणा की, इस से जाहिर है कि हमारे दोनों देशों के बीच संबंध एक नये मंजिल पर जा पहुंचा है।

दोस्तो, वर्ष 2003 में भारत में बनी वस्तुओं की प्रथम प्रदर्शनी चीन में सफलता रूप से आयोजित हुई थी, इस के बाद इस प्रकार की प्रदर्शनी चीन में तीन बार आयोजित हो चुकी है, जिस से दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक आदान प्रदान के क्षेत्र में भारी उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं ।

भारतीय विज्ञान व तकनीक मंत्री श्री कपिल सिपल ने उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए कहा की वर्तमान में चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक रकम 18 अरब अमरीकी डालर को पार कर गयी है , चीन भारत का सब से महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार जरूर बन जाएगा । इस तरह मौजूदा प्रदर्शनी दोनों देशों के सहयोग और आर्थिक व व्यापारिक संबंध को आगे बढ़ाने के लिए भारी महत्व रखती है ।"

श्री कपिल सिपल ने कहा कि चीन और भारत दोनों देशों पास विशाल बाजार ही नहीं, पर्याप्त सुयोग्य व्यक्तियां भी उपलब्ध हैं । अपने विकास के दौरान दोनों पक्षों को विज्ञान व तकनीक की आवश्यक्ता है । इस तरह हमें वैज्ञानिक व तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग करना चाहिए ।

भारत में बनी वस्तुओं की चौथी प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में भारतीय उद्योग संघ यानी सी.आई.आई के निदेशक श्री आर.सेशासयी ने भाषण देते हुए कहा कि चीन और भारत विश्व में सब से तेज विकास कर रहे विकासशील देश हैं, उनके आर्थिक विकास ने विश्व अर्थतंत्र की वृद्धि को आगे बढ़ाने में मदद दी है, दोनों देशों के बीच व्यापारिक आदान-प्रदान की मज़बूती ने एशिया के आर्थिक रूपरेखा को भी बदल दिया है। श्री आर.सेशासयी ने कहा कि चीन और भारत के व्यापारिक विकास की वृद्धि बनी रही है। दोनों देशों के प्रधान मंत्रियों ने वर्ष 2005 में भेंट वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक लक्ष्य को पेश किया, यानी वर्ष 2008 में व्यापारिक रकम बीस अरब अमरीकी डालर तक पहुंचे और वर्ष 2010 में तीस अरब अमरीकी डालर । वर्तमान की स्थिति से देखा जाए, तो ऐसे लक्ष्य को पूरा किए जाने की भारी संभावना है। मेरी आशा है कि इस प्रदर्शनी से हमारे दोनों देशों के बीच आर्थिक व सांस्कृतिक संपर्क मजबूत किया जाएगा।"

दोस्तो, वर्तमान विश्व में चीन और भारत की जन संख्या सब से ज्यादा है, दोनों देश एक दूसरे के पड़ोसी है और राष्ट्रीय स्थिति में समानता भी मौजूद है । इस तरह चीन और भारत को आर्थिक विकास करने के साथ जनता के जीवन स्तर को उन्नत करने का कर्तव्य भी है । चीनी उप विज्ञान व तकनीक मंत्री श्री छङ फेइ चिंग ने मौजूदा प्रदर्शनी के आयोजन के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि चालू वर्ष चीन भारत मैत्री वर्ष है । मौजूदा प्रदर्शनी मैत्री वर्ष की गतिविधियों में से एक है । मेरा विचार है कि मौजूदा प्रदर्शनी के जरिए चीन और भारत बीच पारस्परिक समझ को आगे बढ़ाया जाएगा, इस के साथ ही दोनों देशों के विज्ञान व तकनीक, शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना तथा ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग व आदान प्रदान को भी मज़बूत किया जाएगा । मुझे विश्वास है कि दोनों पक्षों की समान कोशिशों के जरिए मौजूदा प्रदर्शनी में भारी उपलब्धियां हासिल होंगी ।"

पता चला है कि पहली तीन प्रदर्शनियों की तुलना में मौजूदा भारत में बनी वस्तुओं की चौथी प्रदर्शनी में चीनी दर्शक भारतीय तकनीक प्रदर्शनी, भारतीय फैशन तकनीक प्रदर्शनी, गैर सामान्य ऊर्जा तथा तेल प्रदर्शनी और मध्य प्रदेश व पश्चिम बंगाल प्रदेश आदि प्रदर्शनियों में भाग ले सकते हैं । प्रदर्शनी में कृषि उत्पाद, खाद्य पदार्थ, स्वास्थ्य पदार्थ, आई.टी. प्रशिक्षण तथा सेवा आदि 20 से ज्यादा क्षेत्रों में भारत में उत्पादित वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है । इन के अलावा, मौजूदा प्रदर्शनी में विज्ञान व तकनीक केंद्र भी स्थापित किए गये हैं, जिस से दर्शक भारत के वैज्ञानिक व तकनीकी क्षेत्र में प्राप्त प्रगति को नज़दीक से मेहसूस कर सकते हैं । मौजूदा प्रदर्शनी से चीन और भारत के बीच आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही एवं पारस्पिरक सहयोग और आगे बढ़ेगी ।