वैश्विक चुनौतियों का साझा सामना करें को अपना विषय बनाने वाले छठे एशिया-यूरोपीय शिखर सम्मेलन का पटाक्ष 11 तारीख को फिनलेंड की राजधानी हेलसिनकी में हुआ।सम्मेसन में नए सदस्यों को स्वीकारने से एशिया-यूरोपीय सम्मेलन का पैमाना बढाने और इस व्यवस्था के भावी विकास की परियोजना बनाने जैसी उपलब्धियां हासिल हुई हैं।चीनी प्रधान मंत्री वन चा-पाओ ने सम्मेलन में एशिया औऱ यूरोप के बीच सहयोग मजबूत करने का नया विचार और एशिया-यूरोपीय सम्मेलन के विकसा का नया लक्ष्य प्रस्तुत किए,जिन का सम्मेलन में उपस्थित व्यापक नेताओं द्वारा समर्थन किया गया।
इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में बीते एक दशक में हुए एशिया-यूरोपीय सम्मेलनों में प्राप्त सफलताओं का सिंहावलोकन करते हुए उस के भावी विकास की परियोजना भी तैयार की गई है औऱ साथ ही बल्गारिया,रूमानिया,भारत,पाकिस्तान,मंगोलिया और एशियान के सचिवालय को एशिया-यूरोपीय सम्मेलन के नए सदस्यों के रूप में स्वीकारने की घोषणा भी की गई है।यूरोपीय संघ के वर्तमान अध्यक्ष देश फिनलैंड के प्रधान मंत्री श्री मटी.वनहानेन ने शिखर सम्मेलन के समापन-समारोह में भाषण देते हुए कहाः
"हेलसिनकी में हुए इस शिखर सम्मेलन ने एशिया और यूरोप के बीच सहयोग के रास्ते को और ज्यादा चौड़ा बनाया है।हम ने एशिया-यूरोपीय सम्मेलन के विस्तार पर अहम फैसला लिया है।नए सदस्यों को स्वीकार करने से जाहिर है कि एशिया-यूरोपीय सम्मेलन जीवन-शक्ति से ओत-पोत एक प्रक्रिया है,जिस में जरूर और अधिक नए सदस्य शामिल होंगे।इस शिखर सम्मेलन में अध्यक्ष-वक्तव्य और दो महत्वपूर्ण घोषणा-पत्र पारित किए गए हैं,जिन में से मौसम संबंधी घोषणा-पत्र ने संसार को एक शक्तिशाली संदेश दिया है कि एशिया-यूरोपीय सम्मेलन के सभी सदस्य एक साथ मिल-जुलकर मौसम-परिवर्तन से अनवरत विकास को होने वाले खतरे का अंत करने की कोशिश करेंगे।एशिया-यूरोपीय सम्मेलन के भावी विकास के बारे में हेलसिनकी घोषणा-पत्र में इस सम्मेलन की प्रक्रिया को आगे बढाने और एशिया व यूरोप के बीच संबंधों को और अधिक घनिष्ठ बनाने का आम सिद्धात तय किया गया है।"
चीनी प्रधान मंत्री श्री वन चा-पाओ ने शिखर सम्मेलन में चीन के रूखों पर प्रकाश डाला।बहुपक्षीयवाद को मजबूती देने और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे से बचाने के बारे में उन्हों ने कहा कि ऐसा किया जाना चाहिए कि नए खतरों और नई चुनौतियों का मुकाबला करने में संयुक्त राष्ट्र की दक्षता को बढाया जाए,अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली सभी संभावनाओं को मिटाया जाए,वार्ता के जरिए अंतर्राष्ट्रीय विवादों के समाधान पर कायम हो जाए,मनमाने ढंग से बल-प्रयोग करने या बल-प्रयोग से धमकाने की हरकतों का विरोध किया जाए,आतंकविरोध में सहयोग मजबूत करते हुए दोहरे मापदंड अपनाने का विरोध किया जाए,अप्रसार के लिए नियार्त की परिपूर्ण व्यवस्था कायम की जाए और संक्रामक रोगों की रोकथाम व उन पर नियंत्रण के लिए सहयोग को बढाया जाए।
एशिया और यूरोप के बीच नई साझेदारी की मजबूती व विकास के लिए श्री वन चा-पाओ ने छोटे व मझौले उद्यमों में सहयोग बढाने,बर्ड फ्लू जैसी वैश्विक बीमारियों की रोकथाम के लिए साझा प्रयत्न करने और ग्रामीण विकास की बहुविषयेक रणनीति तैयार करने के सुझाव भी पेश किए।उन्हों ने जोर देकर कहा कि विकसित देशों को खाद्यान्न की सुरक्षा और गरीबी के उम्मुलन जैसे क्षेत्रों में विकासशील देशों को सहायता देनी चाहिए।श्री वन चा-पाओ ने वायदा भी किया कि चीन ऊर्जा की बचत के माध्यम से पर्यावरण के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाएगा।
चालू साल एशिया-यूरोपीय शिखर सम्मेलन की 10वीं वर्षगांठ है।एशिया और यूरोप के बीच इस तरह की वार्ता-व्यवस्था के भावी विकास के बारे में श्री वन चा-पाओ ने यह विचार व्यक्त किया कि एशिया-यूरोपीय सम्मेलन को प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मामलों के समाधान में अपने प्रभाव को बढाना चाहिए,विश्व में सभ्यता व सांस्कृतिक विविधताओं के विकास को प्रेरणा देनी चाहिए और सहयोग के हित में उचित समय पर व्यवस्था कायम करनी चाहिए।
अगले यानी 7वें एशिया-यूरोपीय शिखर सम्मेलन का अक्तूबर 2008 में पेइचिंग में आयोजन होगा।श्री वन चा-पाओ ने दो साल बाद होने वाले इस शिखर सम्मेलन से बड़ी आशा बांधी है।उन का कहना हैः
"मुझे विभिन्न देशों के नेताओं के साथ ऐसी समान कोशिश करने की प्रतीक्षा है कि एशिया व यूरोप के बीच रणनीतिक वार्तालाप को गहरा किया जाए,व्यावहारिक आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को मजबूत किया जाए,सांस्कृतिक आदान-प्रदान व सभ्यता वाली वार्ताओं को विकसित किया जाए और एशिया व यूरोप के बीच नई साझेदारी की मजबूती के लिए और बड़ा योगदान किया जाए।"
यूरोपीय संघ के मौजूदा अध्यक्ष देश फिनलैंड के प्रधान मंत्री श्री वनहानेन ने भी पेइचिंग में अलगे एशिया-यूरोपीय शिखर सम्मेलन के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की।उन्हों ने कहाः
"दो साव बाद हम फिर से पेइचिंग में एकत्र होंगे।मुझे पक्का विश्वास है कि चीन एशिया और यूरोप के बीच वार्ता व सहगोय को आगे बढाने का बड़ा प्रयास करेगा और पेइचिंग अगले शिखर सम्मेलन को सफल बनाएगा।मैं इस शिखर सम्मेलन में उपस्थित होने की प्रतीक्षा में हूं।"
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