छैठा एशिया युरोप शिखर सम्मेलन दस तारीख के दोपहर बाद फिनलैंड की राजधानी हेल्सिंकी में भव्य रूप से उद्घाटित हुआ । संयोग की बात है कि चालू वर्ष एशिया युरोप सम्मेलन की स्थापना की स्थापना की दसवीं वर्षगांठ की खुशियां मनायी जा रही है । दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान चीन समेत 39 एशिया युरोप सम्मेलन के सदस्य देशों के नेता एशिया युरोप सम्मेलन की दसवीं वर्षगांठः भूमंडलीकरण चुनौतियों का संयुक्त रूप से मुकाबला करो वाले प्रमुख मुद्दे पर विस्तृत रूप विचार विमर्श करेंगे ।
उसी दिन दोपहर बाद हेल्सिंकी प्रदर्शनी केंद्र के प्रमुख हाँल में उल्लासपूर्ण माहौल व्याप्त रहा । आशियान के दस सदस्य देशों , युरोपीय संघ के 25 सदस्य देशों और चीन , जापान व कोरिया गणराज्य के राज्याध्यक्ष या शासनाध्यक्ष और युरोपीय आयोग के नेता छैठे एशिया युरोप शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में उपस्थित हुए । युरोपीय संघ के मौजूदा अध्यक्ष देश , इस सम्मेलन के मेजबान देश फिनलैंड की राष्ट्रपति सुश्री हालोनेन ने सब से पहले अपने भाषण में एशिया युरोप सम्मेलन की स्थापना के पिछले दस वर्षों में प्राप्त उल्लेखनीय उपलब्धियों का सिंहावलोकन किया ।
उन्हों ने कहा कि 1996 में मैं ने फिनलैंड की विदेश मंत्री की हैसियत से बैंकोक में आयोजित प्रथम एशिया युरोप शिखर सम्मेलन में भाग लिया । उस समय सम्मेलन में हिस्सेदारों के बीच संकोचवश सम्पर्क शुरू हो गया । लेकिन वह सम्मेलन काफी सफल रहा , जिस से वर्तमान गहरे व वास्तविक खुले सहयोग के लिये रास्ता खुल गया है । तब से लेकर आज तक दस वर्ष बित गये हैं , आज एशिया युरोप सम्मेलन ने एशिया व युरोप के बीच सहयोग व वार्तालाप करने वाले एक केद्रीय मंच का रूप ले लिया है । दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक वार्तालाप दिन ब दिन विस्तृत होता गया है , आर्थिक सम्पर्क उत्तरोतर मजबूत हो गया , सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग भी प्रतिदिन बढ़ता गया है । हमें आशा है कि मौजूदा सम्मेलन में इसी प्रकार का वातावरण बरकरार रहेगा ।
एशिया व युरोप की महत्वपूर्ण वार्तालाप व्यवस्था की हैसियत से एशिया युरोप सम्मेलन का उद्धेश्य है कि आर्थिक व सामाजिक विकास के लिये अनुकूल स्थिति तैयार करने और विश्व शांति व विकास को बनाये रखने के लिये बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को सुदृढ़ व सुव्यवस्थित किया जाये । वर्तमान आतंकवाद , सीमापार अपराधों , बिगड़ते वातावरण और ऊर्जा स्रोत के अभाव जैसी चुनौतियों की गम्भीर स्थिति के मद्देनजर मौजूदा शिखर सम्मेलन मुख्य तौर पर बहुपक्षीय व्यवस्था मजबूत बनाकर सुरक्षिय चुनौति , भूमंडलीकरण व प्रतिस्पर्द्धा , ऊर्जा सुरक्षा , मौसम में बदलाव , भिन्न संस्कृतियों व संभ्यताओं के बीच वार्तालाप जैसे चार प्रमुख मद्दों पर विचार विमर्श किया जायेगा । फिनलैंड के प्रधान मंत्री श्री वानहानेन ने उद्घाटन समारोह में अपने भाषण में भूमंडलीय चुनौतियों के मुकाबले के लिये एशिया व युरोप द्वारा समान रूप से संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था व सहयोग बढाने के महत्व पर जोर दिया । उन का मानना है कि भिन्न संस्कृतिय़ों और संभ्यताओं के बीच वार्तालाप एशिया व युरोप के बीच बेहतरीन सम्पर्क व सहयोग बनाये रखने का अहम आधार है ।
उन्हों ने कहा कि भिन्न संस्कृतिय़ों व संभ्यताओं के बीच वार्तालाप मौजूदा शिखर सम्मेलन का प्रमुख मुद्दा ही है । एशिया युरोप सम्मेलन के देशों व क्षेत्रों में बहुस सी विविधताएं उपलब्ध हैं , इस से भिन्न संभ्यताओं , संस्कृतियों या धर्मों पर विश्वास करने वाले लोगों के बीच वार्तालाप को बढ़ावा मिलेगा । मुझे विश्वास है कि यह वार्तालाप आपसी समझ बढाने और गलतफहमियों को मिटाने के लिये लाभदायक है । साथ ही वह धर्म के बहाने से हिंसा का प्रयोग करने पर रोक लगाने के लिये फायदेमंद भी है । इसलिये भिन्न संस्कृतियों व विश्वासों के बीच वार्तालाप और आपस में शिक्षा सहयोग हमारे विचार विमर्श का एक कुंजीभूत पहलू भी होगा ।
वर्तमान में एशिया युरोप सम्मेलन के सदस्यों की संख्या विश्व की कुल संख्या का एक तिहाई भाग बनती है और सकल राष्ट्रीय उत्पाद विश्व का आधा भाग है । बेशक , भूमंडलीकरण एशियाई युरोपीय सहयोग के लिये मौका पैदा करने के साथ साथ नयी चुनौतियां भी ला देगा , जिस से अर्थतंत्र जैसे बहुत से क्षेत्रों के असतुलित विकास की समस्या दिन ब दिन भी सामने उभरेगी ।
|