पश्चिमी हान राजवंश के आरम्भिक काल के शासक अपनी आंखों से किसान-विद्रोहों की भयंकर शक्ति देख चुके थे, इसलिए उन्होंने छिन राजवंश के शीघ्र विनाश से सबक लेते हुए अपने शासन को सुदृढ़ बनाने और सरकार की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि और दस्तकारी को प्रोत्साहन देने पर विशेष ध्यान दिया तथा "हल्की बेगार लेने व कम टैक्स वसूल करने"और "जनता को राहत देने"की नीति अपनाई।
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