प्रिय दोस्तो , जैसा कि आप जानते ही हैं कि पेइचिंग में प्रचलित कहावत के अनुसार जो कोई भी पर्यटक पेइचिंग के दौरे पर लम्बी दीवार पर चढ़ने से वह सच्चा पुरूष माना जाता है , पर यदि उस ने भुनी हुई पेइचिंग बतख न चखी तो उसे बाद में बड़ा खेद होगा । पहले हम आप के साथ पेइचिंग के सब से पुराने पेइचिंग बतख रेस्त्रां प्येन ई फांग रेस्त्रां का दौरा कर चुके हैं , आज के इसी कार्क्रम में हम आप को इसी प्रकार के दूसरे प्रसिद्ध रेस्त्रां छ्वान च्यू तह देखने ले जा रहे हैं ।
प्रिय दोस्तो , पेइचिंग का प्येन ई फांग रेस्त्रां देखने के बाद अब हम चलते हैं भुनी हुई बतख के छ्वान च्यू तह नामक दूसरे प्रसिद्ध पेइचिंग रेस्त्रां को देखने । छ्वान च्यू तह रेस्त्रां ने अब विकसित होकर एक समूह का रूप ले लिया है और विश्व में बहुत जगह अपनी शाखाएं भी खोल दी हैं । पर आज हम आप को जिस रेस्त्रां को दिखाने ले जा रहे हैं , वह पेइचिंग की सब से चहल-पहल वाली छ्येन मन सड़क पर स्थित रेस्त्रां है । यह रेस्त्रां थ्येन आन मन चौक से दो किलोमीटर दूर है और उस का इतिहास भी सौ वर्ष से अधिक पुराना है । यह रेस्त्रां पेइचिंग की स्वादिष्ट भुनी हुई बतख खाने की अच्छी जगह ही नहीं , अपने ढ़ंग का एक रमणीक पर्यटन-स्थल भी है । इस रेस्त्रां की सब से निचली मंजिल पर सजाया गया हॉल देखने लायक है , ग्राहक इसे पुरानी दुकान कहते हैं । यह पुरानी दुकान गत शताब्दी के तीस वाले दशक में तत्कालीन छ्वान च्यू तह रेस्त्रां के रख-रखाव से सुसज्जित हुई है । हॉल में बहुत सा पुराना फर्निचर पुराने ढ़ंग से रखा हुआ है और सामने दीवार पर पुराने पेइचिंग शहर का नक्शा भी लगा हुआ है । यदि पुराने पेइचिंग माहौल को महसूस करने की जगह की खोज करनी हो , तो उस के लिए यह एक सब से उचित जगह है ।
छ्वान च्यु तह रेस्त्रां और प्येन ई फांग रेस्त्रां के बीच सब से बड़ा अंतर यह है कि इस रेस्त्रां में आग के ऊपर लटका कर भुनी हुए बतख बेची जाती है । छ्वान च्यु तह की भुनी हुई बतख की अपने अलग विशेषता यह है कि भूनने से पहले अत्यंत सावधानीपूर्वक चुनिंदा बतखों पर विशेष मसाला लगाया जाता है , फिर कड़े नियंत्रण में आग के ऊपर लटकाया जाता है । इस ढ़ंग से भुनी हुई बतख का बाहरी और भीतरी भाग दोनों नरम रहते हैं , और इन्हें खाने में बड़ा मज़ा आता है ।
छ्वान च्यु तह की भुनी हुई बतख को काटने और खाने के भिन्न तरीके ने भी अपनी अलग पहचान बना ली है । छ्वान च्यु तह के छ्येन मन रेस्त्रां के मैनेजर श्री मा चह ने इस तरह परिचय देते हुए कहा कि रसोइया आम तौर पर एक भुनी हुए पेइचिंग बतख को एक सौ आठ टुकड़ों में काट कर ग्राहकों के सामने परोसता है , फिर ग्राहक आटे से बने मीठे जैम के साथ इसे खाने का लुत्फ उठाते हैं ।
इस प्रकार के रेस्त्राओं में भुनी हुई बतख के साथ पतली नरम चपातियां , प्याज और घीये के टुकड़े परोसे जाते हैं । ग्राहक भुनी हुई बतख के मांस के छोटे-छोटे टुकड़ों को, आटे से बने जैम में लगा कर , प्याज व घीये के टुकड़ों के साथ पतली नरम चपाती में लपेट कर खाते हैं । इस तरह खाने में इतना मज़ा आता है कि शब्दों में वर्णन करना कठिन है ।
इसलिये चीनी लोग ही नहीं , विदेशी लोग भी भुनी हुई पेइचिंग बतख खाना बहुत पसंद करते हैं । पेइचिंग शहर के अनगिनत छोटे-बड़े भुनी हुई बतख के रेस्त्रांओं में हर-रोज़ विदेशी ग्राहक भुनी हुई पेइचिंग बतख खाते हुए नज़र आते हैं । स्वीटजरलैंड से आये पर्यटक पीटर कुटेर ने पेइचिंग की भुनी हुई बतख के स्वाद की प्रशंसा में कहा कि मुझे भुनी हुई पेइचिंग बतख खाने में बड़ा अच्छी लगती है । इतना ही नहीं , मैं इस बात पर बड़ा आश्चर्यचकित हुआ कि पेइचिंग में भुनी हुई बतख पकाने में इतना परिश्रम किया जाता है । मैं ने रेस्त्रां में भुनी हुई बतख चुल्हे के भीतर भूनने की पूरी प्रक्रिया देखी है , साथ ही यह भी देखा है कि भुनी हुई बतख खाने के लिये बहुत सी छोटी-छोटी अन्य अतिरिक्त सामग्री कैसे तैयार की जाती है । यह सब बड़ा अच्छा लगता है । एक शब्द में भुनी हुई पेइचिंग बतख का स्वाद अलग ढंग का है और यह मुझे बहुत पसंद है ।
प्रिय दोस्तो , आज पेइचिंग की भुनी हुई बतख एक व्यंजन या एक बतख ही नहीं , उसे चीनी स्वादिष्ट आहार की एक संस्कृति का रूप दे दिया गया है ।
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