चीन की आर्थिक वृद्धि, इस वर्ष के बाकी महीनों में, धीमी हो जाने की संभावना है। यह जानकारी विश्व बैंक ने इस माह की पंद्रह तारीख को चीनी केंद्रीय सरकार के द्वारा इस दिशा में लिये हुए कदमों की सराहना की। आज चीनी सरकार के सामने चुनौतीयों में से एक महत्तवपूर्ण चुनौती यह है कि चीन के आर्थिक विकास की दर में वृद्धि की गति को किस तरहा धीमा किया जाए ।
इस साल के पूरे होने पर चीन का जी डी पी 10.4 फीसदी की दर तक बढ़ जायेगी, पर केंद्रीय सरकार के द्वारा चीन की आर्थिक वृद्धि की गति को धीमा करने के लिए उठाए गये कदमों के चलते, साल के दूसरे भाग में चीन की जी डी पी दस फीसदी से भी कम होने वाली है। यह बात विश्व बैंक ने अपने हाल के तिमाही रिपोर्ट में कही है।
इस साल के दूसरे तिमाहे में चीन की आर्थिक वृद्धि 11.3 फीसदी की दर से बढ़ी है जो सन् 1996 के बाद के समय में सबसे ज्यादा तेज है। इस वजह से चीन के सभी अर्थ-शास्त्रियों ने यह भय प्रकट किया की चीन की आर्थिक वृद्धि की तेज रफ्तार से ओवरहीटींग हो गई है और इसी वजह से सरकार ने मेक्रो स्तर पर अनेक कदम उठाना शुरू कर दिया है । इस वर्ष के पहले भाग में, चीन की जी डी पी में 10.9 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी।
केंद्रीय सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद, विश्व बैंक ने बताया की पूंजी निवेश, जो साल के दूसरे तिमाहे में 31 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी, इस साल के दूसरे भाग में भी काफी ज्यादा होगी। घरेलु उपभोक्ता में, खास कर के शहरों में , लोगों की बढ़ती आय की वजह से अधिक बढ़ोत्तरी हो सकती है।
वाशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठन ने भी चीन की निर्यात में कमी होने की बात की पुष्टि की है। ऐसे होने पर चीन की जी डी पी की बढ़ोत्तरी साल के दूसरे भाग में दस फीसदी से कम होगी, जिसके चलते पूरे साल की जी डी पी इस साल 10.4 फीसदी होगी और सन् 2007 में 9.3 फीसदी होगी।
चीन की केंद्रीय बैंक ने उधार देने की दर को अप्रैल की 27 तारीख को 5.85 प्रतिशत बढ़ा दी और तब से बैंकों की अनिवार्य रिजर्व अनुपात दुगुना कर दी गयी है। रिजर्व अनुपात वह होता है जो बैंकों को केंद्रीय बैंक के पास जमा रखना पड़ता है और इसके माध्यम से केंद्रीय बैंक को उधार देने की प्रक्रिया में एक महत्तवपूर्ण भूमिका निभाने में मदद मिलेगी ।
इसके इलावा, सरकार ने और भी कई ठोस कदम उठाए हैं जिसके तहत कई प्रशासनिक कदम लिये गये हैं, जैसे की जमीन के उपयोग में कुछ प्रतिबंध डालना और विदेशियों का चीन में संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध इत्यादि, ताकि चीन की आवास बाजार को ठंडा किया जा सके।
शहरों में जमीन की कीमत, पिछले महीने 5.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जबकि जून में वह 5.6 प्रतिशत थी। विश्व बैंक ने, चीन की आर्थिक स्थिति में ओवरहीटींग की समस्या से जुड़े अनुमानों को खास महत्तव नहीं दिया और निकट भविष्य में चीन की आर्थिक स्थिति पर संतोष व्यक्त किया है। लेकिन साथ में बैंक के एक उच्चाधिकारी ने कहा की आज चिंता का विषय पूंजी निवेश नहीं है पर निवेश की कुशलता है क्यों की कुशल निवेष न होने पर वैंकों के द्वारा दिये गए कर्ज वैंकों को वापस करने में दिक्कतें आयेंगी।
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