
प्रिय दोस्तो , पहले हम ने पूर्वी चीन के आन ह्वी प्रांत में स्थित ई श्येन कांऊटी के सी ती गांव का दौरा किया , आज हम आप को इसी सी ती नामक गांव के बगल में स्थित हुंग छुन नामक गांव देखने ले चलते हैं ।
हुंगछुन गांव का क्षेत्रफल 19 हैक्टर विशाल है और वह ई श्येन कांऊटी शहर से 11 किलोमीटर दूर है । हुंग छुन गांव सी ती गांव से कुछ पुराना है । सी ती गांव से 20 किलोमीटर दूर स्थित हुंग छुन गांव भी अपने ही ढंग का है । इस गांव का आकार एक सुप्त गाय जैसा है । गांव के चारों तरफ हरे- भरे पर्वत और छायादार वृक्ष नज़र आते हैं और गांव के भीतर की नालियों का पानी एकदम साफ दिखता है । अनेक नालियां कलकल करती गांव के घरों के सामने से होकर बहती हैं । गांव को चीर कर बहने वाली ये नालियां इस गांब की सब से बड़ी विशेषता हैं । गांव के अधिकतर परिवार अपने घरों में इन्हीं नालियों का पानी इस्तेमाल करते हैं ।
चीनी भवन निर्माण शास्त्री श्री यांग हुंग शुन ने परिचय देते हुए कहा कि हुंग छुन गांव में पहाड़ से पानी की सप्लाई व्यवस्था ने चीन के भवन निर्माण वैज्ञानिकों को चमत्कृत कर दिया है ।साथ ही जापान , अमरीका और जर्मनी जैसे देशों के विशेषज्ञों का ध्यान भी अपनी ओर खींचा है ।
हुंगछुन गांव ने अपने भौगोलिक पर्यावरण और स्थिति का बखूबी ढंग से प्रयोग किया है । चीनी लोग प्राचीन-काल से ही प्रकृति का समादर करते हैं और स्थानीय प्राकृतिक स्थिति का प्रयोग भी करते हैं । हुंगछुन गांव पहाड़ से सटा हुआ है और सामने नहरें बहती हैं , इसलिये यह स्थिति जल निकासी के लिये बहुत सुविधाजनक है ।
हुंगछुन गांव में मिंग व छिंग राजवंश कालों में निर्मित प्राचीन शैलियों वाले मकान सुरक्षित हैं , जिन में 150 वर्ष से भी ज्यादा पुराना छंग ची थांग प्रांगण सब से उल्लेखनीय है । वह एक तत्कालीन नमक व्यापारी का निवास स्थान था । लकड़ियों से निर्मित इस मकान का क्षेत्रफल तीन हजार वर्गमीटर से अधिक है । मकान के पत्थरों व लकड़ियों पर चित्रों व मानवाकृतियों की जो सुनहरी नक्काशी की गयी है , वह बहुत सजीव लगती है । छंग ची थांग को अपनी अद्भुत भव्यता के लिए प्राचीन लोक प्रासाद के नाम से भी जाना जाता है ।
इस प्रांगण के दौरे पर हमारे संवाददाता की पेइचिंग से आय़े एक पर्यटक ली चिन से मुलाकात हुई । उन्हों ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि छंग ची थांग प्रांगण में लकड़ियों पर नक्काशीदार मानवाकृतियां हो या शीशों व पत्थरों पर फूलों व पक्षियों की आकृतियां...सब बहुत जीती-जागती लगती हैं । एक दरवाजे पर नक्काशीदार चित्र बहुत ध्यानाकर्षक है । चित्र में विभिन्न मुद्राओं में सौ बच्चे नाचते , ढोल पीटते , पटाखे छोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं ।
चीनी भवन निर्माण शास्त्री श्री यांग हुंग शुन ने कहा कि चित्र जैसे प्राचीन वास्तु शैली युक्त वातावरण अधिकाधिक देशी-विदेशी पर्यटकों को लुभा लेता है ।
उन्हों ने कहा कि मानव जाति की विविधतापूर्ण सांस्कृतिक धरोहर की हैसियत से सी ती व हुंग छुन गांवों ने मिंग व छिंग राजवंशों की ऐतिहासिक स्थितियों को प्रतिबिंबित किया है । देशी-विदेशी पर्यटक यहां आकर इतने अच्छे ढ़ंग से संरक्षित इतनी सुंदर वास्तु कलात्मक कृतियों को देखकर खुश हो जाते हैं ।
|