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(GMT+08:00) 2006-08-30 18:24:46    
मानसिक शक्ति की देखभाल

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पेइचिंग ने इस माह के आरम्भ में पहली बार मानसिक चिकित्सा से संबंधी नियम कानून की रुपरेखा तैयार की है। ये सभी नियम-कानून बहुत जल्द, आम जनता की राय के अनुसार फेरबदल करने के बाद अमल में लाये जायेंगे।

यह खबर दिमागी और मानसिक बीमारीयों से पीडी़त लोगों और उनके परिवार जनों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है।

ऐसे नियम और कानून मानसिक रोगियों की सुरक्षा के लिए और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए बहुत जरूरी है क्यों की कई बार उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है और उनको समाज में एक अछूत की तरह देखा जाता है।

यह कदम काफी सराहनीय है क्यों की यह नियमकानून के लागू होने से समाज के इन बदकिशमतों और प्रतिकूल अवस्था से जूझते हुए लोगों के लिए एक बहुत बड़ा वरदान साबित होगा।

यह बात ध्यान देने लायक है की अब तक, सिर्फ शांगहाई और पूर्वी चीन के कुछ ही महानगरों में इस प्रकार के कानून बनाये गये है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की केवल कुछ ही शहरों में मानसिक रोगियों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार होता है।

इस दृष्टिकोण से यह कहना गलत नहीं होगा की मानसिक रोगों से पीड़ित लोगों की अधिकारों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्थर पर नियम कानून बनाए।

आज तक लागू किये गये नियमकानून जो आम तौर पर मानसिक रोगियों की मेडिकल मुद्दों से संबंधित हैं समाज के इस वर्ग के लोगों की अधिकारों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है। यह बात खास करके उन लोगों के लिए मायने रखता हैं जो मनोरोगों से पीड़ित हैं लेकिन उन्हें इस बात की ज्ञात नहीं है की वे मनोरोगों से पीड़ित हैं।

आज चीन में मनोरोगों के प्रति आम लोगों की जागरुकता काफी बड़ गई हैं और बड़े शहरों में ज्यादा से ज्यादा लोग मनोरोगों से जूझने के लिए पेशेवर मेडिकल सहायता ले रहे हैं। लेकिन आज भी यह एक आम बात है की मनोरोगियों के साथ कई बार दुर्व्यवहार होता है। शिक्षा संस्थाओं में, कार्यालयों में और दूसरे सार्वजनिक संस्थाओं और जगहों में मानसिक और दूसरे मनोरोगों के साथ पीड़ित लोगों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार होता है।

कुछ मनोरोगि अपने आप निर्णय ले सकते हैं और स्वावलंबन से परिपूर्ण हैं और उन्हें पर्याप्त मात्रा में अवसर प्रदान करना समाज और सरकार दोनों का ही दायित्व हैं। लेकिन कई ऐसे अवसर देखने को मिले हैं जहां साधारण मनोरोगों से पीड़ित लोगों को जबरदस्ती पागलखानों में भेजा गया है। इसके अलावा मनोरोगों से पीड़ित लोगों के इलाज करने वाले इनके रोगों को गुप्त नहीं रखते हैं और इलाज करने वाले लोग भी कई बार ऐसे लोगों के ईलाज करने के लिए योग्य नहीं होते हैं।

ऐसे में राष्ट्रीय स्थर पर एक नियम बनाना अनिवार्य हो गया है ताकि कानूनी तौर पर यह स्पष्ट किया जा सके की विभिन्न स्थरों में मनोरोगों से पीड़ित लोगों के अधिकारों की रक्षा की जा सके। इससे समाज में मनोरोगों के प्रति लोगों की जागरुकता भी बढ़ेगी, खास करके ऐसे समाज में जहां आज भी ऐसे रोगों की जानकारी अज्ञानता और अपवाहों से भरी हुई है। क्षेत्रीय कानून में कुछ ऐसे नियम बनाने चाहिए जिससे कुछ क्षेत्रीय जरुरतें पूरी हो पाए।