आप जानते होंगे कि चीन के सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश में फैला विशाल तारिम बेसिन असल में एक असीम रेगिस्तान है । इस विशाल रेगिस्तान में तेल और प्राकृतिक गैस का प्रचूर भंडार है । पिछली शताब्दी के पचास वाले दशक में चीन ने तारिम बेसिन में तेल और प्राकृतिक गैस का दोहन करना शुरू किया । इस विशेष सर्वेक्षण व विकास परियोजना में चीनी इंजीनियरिंग अकादमी के अकादमिशनर श्री खांग युजु ने अपनी पूरी जिन्दगी अर्पित की है और इस निर्जन रेगिस्तान में पग पग रख कर तेल और गैस की खोज की और देश के तेल उद्योग के विकास में असाधारण योगदान किया ।
दिसम्बर 2005 में सिन्चांग में कार्यरत चीनी पेट्रोल रसायन कापरेशन के वरिष्ठ इंजीनियर श्री खांग युजु चीनी इंजीनियरिंग अकादमी के अकादमिशनर चुने गए । पिछले 40 से ज्यादा सालों में श्री खान युजु ने देश के 22 प्रांतों के 40 से ज्यादा बेसिनों का दौरा किया था और देश के लिए तेल व प्राकृतिक गैस के सर्वेक्षण व दोहन के लिए कठोर परिश्रम किया । सिन्चांग में उन्हों ने तीस से अधिक साल काम किया और तारिम बेसिन में दस तेल भंडारों तथा एक विशाल गैस भंडार का पता लगाने में भारी योगदान किया ।
जून के माह में हमारे संवाददाता की श्री खांग युजु से मुलाकात हुई , बड़ी उम्र में भी वे तेजस्वी और बड़े स्वस्थ दिखते हैं , बाल सफेद तो हुए , पर बोलचाल स्फुरित और आकर्षक है । उन्हों ने खुल कर अपने तेल सर्वेक्षण जीवन की कहानी बतायी । श्री खांग का जन्म वर्ष 1936 में ल्याननिन प्रांत की पैचङ काऊंटी के एक किसान परिवार में हुआ , बीस साल बाद उन्हें छांगछुन भूतत्व विज्ञान कालेज में दाखिला मिला और वे कड़ी मेहनत से पढ़ते रहे । उन्हों ने कहाः
विश्वविद्यालय में दाखिला मिलना मेरे के लिए असाधारण मौका है , इसलिए मैं ने पढ़ाई में श्रेष्ठ अंक पाने की ठान ली , ताकि विज्ञान तकनीक में महारत हासिल कर देश के आधुनिक निर्माण के लिए योगदान कर सकूं ।
विश्वविद्यालय में वे कड़ी लगन से पढ़ते थे , जब अन्य छात्र सीनेमा देखने गए , तो वे अकेले वाचयालय में पढ़ते थे । उन्हों ने अनिवार्य पाठों पर मजबूत अधिकार तो किया , साथ ही बहुत से संदर्भ पुस्तकें भी पढ़ीं , जिस से भावी विकास के लिए पुख्ता आधार डाला गया ।
स्नातक होने के वक्त छांगछुन भू विज्ञान कालेज ने उन्हें कालेज में पढाने के काम के लिए नियुक्त किया , पर उन्हों ने स्वयं देश के कठोर निर्माण काम में भाग लेने की मांग की , इसतरह वे चीनी भू विज्ञान मंत्रालय के तहत प्रथम भूतत्व सर्वेक्षण दल का एक सदस्य बन गये । इस पर उन्हों ने बड़ी खुशी के साथ कहाः
उस समय मैं बहुत खुश था, क्योंकि हमारा सर्वेक्षम दल तेल की खोज करने का काम निभाता था । इस काम को बखूबी अंजाम देने के लिए मैं ने अवकाश काल में तेल सर्वेक्षण के बारे में बहुत सी पुस्तकों का अध्ययन किया।
गत सदी के साठ वाले दशक में उत्तर पूर्व व उत्तर चीन में क्रमशः तेल के भंडार का पता चला । लेकिन उत्तर पश्चिम चीन के तारिम बेसिन में कोई उपलब्धि प्राप्त नहीं हुई । वर्ष 1970 में श्री खान युजु ने भू विज्ञान मंत्रालय के तेल अनुसंधान दस्ते का उत्तर पश्चिम दल लेकर तारिम बेसिन में प्रवेश कर गए । वीरान रेगिस्तान में काम करना अत्यन्त कठोर और मुश्किल है , वे खुले हवा में तंबू में रहते थे और बेसिन की भू संरचना के सर्वेक्षण और दोहन में जुट गए थे । तत्काल सिन्चांग की स्थिक देश के अन्य स्थानों से कहीं दुर्भर और कठिन थी । इस की चर्चा में उन्हों ने कहाः
सिन्चांग में मुझे अलग किस्म का अनुभव हुआ था , यह सरहदी इलाका है , रेगिस्तान क्षेत्र इतना निर्जन और वीरान है , दूर कई सौ किलोमीटर पर भी मानव का नामोनिशान नहीं है । मुझे डर था कि कहीं इस प्रकार के कठिन स्थान में मैं तो कायम रह नहीं सकूं ।
श्री खान युजु ने कहा कि सिन्चांग में रहने के लिए कठिन जीवन , सूखे मौसम तथा अल्पसंख्यक जातियों के साथ संबंधों के सुधार जैसे तीन मामलों का अच्छी तरह निपटारा करना चाहिए ।
तत्कालीन तारिम बेसिन में जीवन की स्थिति बहुत मुश्किल था , खुले मैदान में दिन भर दौड़ धूम करना पड़ा और समय पर खाना नहीं खा सकने की बात आम हो गयी , पानी भी वर्षा से जमीन पर जमा का पीते थे । इसके अलावा वे तंबू में रहते हुए पत्थरों के नमूनों का अनुसंधान करते थे और नोटबुक में लिखने और मानचित्र खींचने में लग जाते थे । भूतत्व विज्ञान के अनुसंधान के लिए साल का आधा भाग समय गोबी रेगिस्तान में बिताना पड़ा, कठोर जीवन से उन का शारीरिक वजन दस किलोग्राम घट गया । उन के सहयोगी श्री लेछुनशान ने कहाः
श्री खांग युजी भूतत्व सर्वेक्षण में अत्यन्त संजिदगी और बारीकी का काम लेते थे , वे खुद कार्यस्थल पर भूगर्भ से निकाले गए कैर और केव का तूलनात्मक अध्ययन करते थे और भू परतों की बारीकी से विश्लेषण करते थे ।
वर्षों के अथक सर्वेक्षण और दोहन के परिणामस्वरूप श्री खांग युजु ने यह निष्कर्ष निकाला है कि तारिम बेसिन चीन के सब से ज्यादा तेल निहित बेसिनों में से एक है , जिस में तेल और प्राकृतिक गैस का समृद्ध भंडार है ।
वर्ष 1977 के 17 मई को तारिम बेसिन के दक्षिण पश्चिम भाग में खो नम्बर एक कुए में से ऊंची मात्रा में तेल निकला , जिस ने पश्चिमी चीन में तेल उत्पादन का नया अध्याय जोड़ा और श्री खांग युजू के वैज्ञानिक निष्कर्ष को सही साबित कर दिया । खो नम्बर एक कुए में तेल की निकासी के तीन महीने बाद श्री खांग युजु ने तारिम में एक अग्रिम दल गठित किया, जिस ने वीरान गोबी रेगिस्तान में चार महीने की कोशिश कर तारिम बेसिन की तेल भूतत्व सर्वेक्षण का प्रारंभिक डिजाइन प्रस्ताव लिखा , इस के आधार पर चीनी भू विज्ञान मंत्रालय ने तारिम बेसिन में बड़े पैमाने पर तेल सर्वेक्षण काम शुरू किया ।
तेल सर्वेक्षण व दोहन के लिए प्रतिभाशाली लोगों की बड़ी आवश्यकता है , तेल आम तौर पर भूमि के नीचे कई हजार मीटर गर्भ में निहित है , केवल वैज्ञानिक ज्ञान रखने वाले प्रतिभाशाली लोग यह काम निभाल सकते हैं ।
सिन्चांग में और अधिक तेल भंडार का पता लगाने के लिए श्री खांग युजु ने अपना घर सिन्चांग में बसाया । उन के सुझाव पर तेल सर्वेक्षण का काम तारिम के उत्तरी भाग में स्थानांतरित किया गया , जिस से चीन के तेल सर्वेक्षण के इतिहास में एक असाधारण अध्याय जोड़ा गया ।
22 सितम्बर 1984 को तारिम के उत्तरी भाग के शासन में नम्बर दो कुए को पांच हजार मीटर गहरा ड्रेलिंग किए जाने पर उस में से करोड़ वर्षों से भू गर्भ में निद्रित तेल का फव्वारा तेज वेग से फुटा , इस कुए का दैनिक तेल उत्पादन एक हजार घन मीटर और प्राकृतिक गैस का बीस लाख घन मीटर तक जा पहुंचा । इस सफलता ने देश विदेश का ध्यान खींचा और चीन के तेल भूतत्व सिद्धांत में एक नया अध्याय जोड़ा। इस सफलता पर श्री खांग युजी ने भावविभोर हो कर कहाः
नम्बर दो कुए से तेल के फव्वारे की आवाज दस किलोमीटर दूर तक सुनाई देती थी , तेल फव्वारे की आवाज इतनी जोरदार थी , पास के तीन सौ मीटर की सीमा में कोई दूसरी आवाज सुनी नहीं जा सकती , इस शानदार नजारे में मैं खुशी से नहीं समाया और आंखें भी डबडबा हो गई ।
श्री खांग युजु की असाधारण सफलता पर उन की पत्नी ल्यू हाईछिन को भी अपार खुशी हुई और आंखों में आंसू भर आयी । वे सालों से पति के काम का समर्थन करती आयी है और घर का पूरा कामकाज अपने पर ले लेती है । उन्हों ने कहाः
उन का काम मूल्यवान है , अपने इस मिशन को बेहतर करने के लिए वे हर कठिनाई को दूर करने को तैयार हैं , मैं उन का पूरा समर्थन करती हूं और बच्चे भी बाप का समर्थन करते हैं , मेरा एक सुखमय परिवार है ।
अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिए श्री खांग युजु को वर्ष 1993 में चीन के भूतत्व विज्ञान जगत का सर्वोच्च पुरस्कार मिला, इस के बाद वैज्ञानिक तकनीक प्रगति के एक विशेष पुरस्कार , दो प्रथम पुरस्कार तथा प्रथम योगदान का एक पुरस्कार मिला , वर्ष 2005 में चीनी इंजीनियरिंग अकादमी के अकादमिशनर चुने गए । उन्हों ने कहा कि हालांकि वे अब 70 सात के हैं , को फिर सिन्चांग के तेल उद्योग के विकास को अपनी पूरी जिन्दगी अर्पित करेंगे ।
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