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(GMT+08:00) 2006-08-24 09:09:03    
हो नान प्रांतीय अजायबघर में सुरक्षित ऐतिहासिक अवशेष प्रशंसनीय हैं

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हो नान प्रांतीय अजायबघर में सुरक्षित खुदाई में प्राप्त ताल वाद्य यंत्र के काम में आने वाले छोटे बड़े घंटों की संख्या 26 है और वे सभी तांबे से बनाये गये हैं।उन में सब से बड़ा घंटा 152.8 किलोग्राम भारी है , जबकि सब से छोटे घंटे का वजन केवल 2.8 किलोग्राम है । पीटने से उन में से मधुर आवाज निकलती है और स्वर का दायरा काफी विस्तृत है । खुदाई में प्राप्त दो हजार पांच सौ वर्ष पहले के वसंत शरत काल में तैयार किए गये ये सब से वे बढ़िया शृंखलाबद्ध घंटे हैं , जो ताल वाद्य यंत्र के काम में आते हैं ।

इतना ही नहीं , हनान प्रांत के अजायबघर में सुरक्षित कमल बगुला केतली भी कम मूल्यवान नहीं है और उसे समुचे चीन की ही नहीं , पूर्व की धरोहर माना जाता है । कांस्य से तैयार कमल बगुला केतली का आकार बड़ा नहीं है , इस की ऊंचाई केवल 12 सेंटीमीटर है । यह अनोखी केतली हनान प्रांत की शिन चंग कांऊटी के एक किसान को 1923 में अपने एक सब्जी खेत में कुआं खोदते समय मिली थी । इस केतली का इतिहास कम से कम दो हजार पांच सौ वर्ष पुराना है । केतली के ऊपरी भाग पर एक खिला हुआ कमल चित्रित है , और तो और इस खिले हुए कमल के बीचोंबीच एक उड़ने वाला बगुला खड़ा हुआ नजर आता है , इसीलिये इसे कमल बगुला का नाम दिया गया है। इस के साथ केतली पर ड्रेगन और अन्य अनेक प्रकार के पक्षियों व जानवरों की आकृतियां भी चित्रित हुई हैं , जो बहुत जीती-जागती और सजीव लगती हैं । सर्वेक्षण से पता चला है कि यह कमल बगुला केतली भूदास समाज के अंतिम काल में बनायी गयी थी ।

इस के अलावा हनान प्रांत के अजायबघर में एक तलवार भी बेहद चर्चित है। यह तलवार चीन में मानव द्वारा तैयार की जाने वाली प्रथम तलवार है , लोग उसे प्रथम चीनी तलवार कहते हैं । हनान प्रांत के अजायबघर की कर्मचारी सुश्री ल्यू हंग ने कहा कि खुदाई में प्राप्त इस तलवार ने तत्काल में पुरातत्वान्वेषण जगत को अचंभे में डाल दिया था।

उन्हों ने कहा कि इस तलवार की हथेली जेड से बनायी गयी है , तलवार का भीतरी भाग कांस्य का है और तलवार का बाहरी भाग लोहे से बनाया गया है। इस की हथेली और शरीर के जोड़ पर थोक्वीस जड़ा हुआ है । दो हजार आठ सौ वर्ष से पहले तांबा , जेड , लोहा और थोक्वीस इन चार विभिन्न प्रकार वाली धातुओं को एक ही तलवार में ढाल दिया गया है , यह सचमुच ही कमाल की बात है ।

प्रथम चीनी तलवार जैसे बेमिसाल ऐतिहासिक सांस्कृतिक अवशेष हनान प्रांतीय अजायबघर में और बहुत हैं । ड्रेगन चीनी राष्ट्र का प्रतीक माना जाता है , हनान प्रांतीय अजायबघर में प्रदर्शित सीपों से तैयार एक ड्रेगन आज से करीब छः हजार पांच सौ वर्ष पुराना है और वह हनान प्रांत के फू यांग शहर की समाधि की खुदाई में प्राप्त हुआ है ।

हनान प्रांत के अजायबघर में संरक्षित हड्डी से तैयार सात छिद्रों वाली बांसुरी भी अपना विशेष स्थान रखती है । यह आठ सौ वर्ष पुरानी बांसुरी किसी जानवर के पैर की हड्डी से तैयार हुई है । इस की लम्बाई 22 सेंटीमीटर है और बहुत सूक्ष्म ढंग से बनायी गयी है । आश्चर्यजनक बात यह है कि आज भी इस बांसुरी से सुमधुर आवाज निकाली जा सकती है । यह विश्व संगीत के इतिहास में एक करिश्मा है ।

हनान प्रांत के अजायबघर में प्रदर्शित बड़ी संख्या में मूल्यवान प्राचीन सांस्कृतिक अवशेष देशी-विदेशी पर्यटकों को मोह लेते हैं । कोरिया-गणराज्य से आयीं अध्यापिका किम मिन र ने हमें बताया कि वे विशेष तौर पर अपने छात्रों को लेकर यहां आयी हैं । उन्हों ने कहा कि हनान प्रांत के अजायबघर में दर्शाये जाने वाले ऐतिहासिक सांस्कृतिक अवशेष छात्रों के लिये बहुत फायदेमंद हैं, बाद में मौका मिलने पर हम फिर आयेंगे।