गांव में छुटटियों के दिनों में रहने के लिए अपना एक बंगला होना, पश्चिम देशों के मध्य वर्ग के लोगों में एक लोकप्रिय बात है। दस साल पहले इस तरह का जीवन तरीका चीनी लोगों के लिए निसंदेह एक कल्पना ही थी। आज चीनी लोगों की आय व जीवन गुणवत्ता के निरंतर उन्नत होने से , गांव में अपना एक बंगला खरीदना एक नया फैशन बन रहा है। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को इस पर कुछ जानकारी प्रदान करेगें।
शहरो से निकल कर गांव में जाकर खेती काम करना, किसानों की ताजा सब्जियों से बने खानों का आन्नद उठाना व नजदीक से प्राकृतिक को गले लगाना, यह बहुत से शहरों में व्यस्त रहने वाले लोगों व जीवन के दबाव को हल्का करने वाले शहरी निवासियों का एक पसंदीदा मनोरंजन बनता जा रहा है।
चे च्यांग एक समुद्रतटीय प्रांत है, गत वर्ष अक्टूबर को चे च्यांग के हांगचओ शहर के सीची कृषि विज्ञान पारिस्थितिकी तकनीक विकास कम्पनी ने एक पाएछा येन नाम की रिसोर्ट परियोजना शुरू की। बताया जाता है कि यह चे च्यांग प्रांत का पहला मेम्बरशिप निजी फार्म है। इस फार्म के सदस्यों को लकड़ी से बने छोटे माडल के मकान, चाय बगान व सब्जी खेत आदि करीब 0.06 हैक्टर की भूमि प्रदान की जाती है, जिसे वह 30 साल तक इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस कम्पनी के महा प्रबंधक श्ये वए ने कहा कि इस परियोजना के लागू होते ही पूरा फार्म दो दिन के भीतर पूरी तरह बुक हो गया। उन्होने कहा हमारे फार्म में तीन साइज के लकड़ी से बने छोटी माडल के मकान हैं। पहले किस्म के मकान में तीन सदस्य परिवार रह सकते हैं, अन्दर शौचालय, लिविंग रूम और एक कमरा व बैलकोनी होती है। दूसरे किस्म का मकान परिवार में अधिक सदस्यों के लिए होता है, इस में दो कमरे समेत एक लिविंग रूम होता है। अन्य चार कमरे समेत एक लिविंग रूम , दो शौचालय व एक किचन उपलब्द्ध है।
फार्म के इन मकानों के दाम 90 हजार से एक लाख य्वान के बीच रहते है, विभिन्न कमरों के डिजाइन व दिशा के हिसाब से दामों में बहुत फर्क हो सकता है। श्री श्ये वए ने कहा कि फार्म के मेम्बरशिप के सदस्यों को चाय बगान की सभी कमाई सदस्यों को हासिल होती हैं। मकान का मालिक जब घर में नहीं रहता और वह खाली रहता है तो चाय बगान का प्रबंधक उन्हे दूसरे लोगों को किराये में दे सकता है और पूरी आमदनी इस मकान के मालिक को सौंपी जाती है।
छन मिन और सुश्री चांग ली पत्नी-पति हांगचओ सीची कृषि विज्ञान तकनीक विकास कम्पनी के ग्राहकों में से एक हैं। इस से पहले उन में से एक स्कूल के अध्यापक रहे चुके हैं और दूसरा पर्यटन कम्पनी का प्रशासनिक कर्ता रहा चुका हैं। वर्ष 2000 में रिटायर्ड होने के बाद , उन्होने हांगचओ में एक मकान खरीद लिया। लेकिन वे चाहते थे कि गांव में एक जगह हो जहां वे अपनी पसंद के फूल, सब्जी जैसी चीजें उगा सके और खेती का आन्नद उठा सके। उन्होने सीची कृषि विज्ञान पारिस्थितिकी तकनीक विकास कम्पनी दवारा समाचार पत्र व टीवी में प्रकाशित विज्ञापन पर भारी ध्यान दिया, दोनों मिया-बीवी ने खुशी खुशी विज्ञापन मे दिए गांव का दौरा किया श्री छन मिन हमे बताया हमने इस गांव का दो बार दौरा किया, पहली बार बारीश में , दूसरी बार खुले आकाश में गांव का नजारा देखा, हमें वहां के दृश्य बहुत पसंद आए। विशेषकर बारिश के दिन, वहां के चाय बगान की हरियाली ने हमें मुग्ध कर दिया, हमें बड़ा आन्नद महसूस हुआ।
दोनों मिंया-बीवी ने दो कमरे व एक लिविंग कमरे का लकड़ी से बना छोटा मकान खरीद ने का निर्णय लिया। वे वहां खुद तो रहगें , अपने रिश्तेदारों व दोस्तों को भी मिलने के लिए बुलाएगें। अब वह मकान की तैयारी पूरी कर चुके हैं और जल्द ही वहां रहने जा रहे हैं। उन्होने केवल मकान ही नहीं खरीदा है, बल्कि वहां की ताजा हवा में सांस लेना व ताजा सब्जी खाने का आन्नद उठाने के साथ अपनी सेहत की गारंटी भी खरीदी है।
जानकारी के अनुसार, वर्तमान चे च्यांग प्रांत की अनेक काउटियों ने इस तरह के फार्म व बंगले के निर्माण की परियोजना तैयार की है। चे च्यांग विश्वविद्यालय के एक अध्यापक श्री ली को ही लिजीए, रिटायर्ड के बाद उन्होने गांव में जाकर मुर्गी पालना शरू कर दिया है। उनके साथ एक चंचल पोते के दौड़-भाग व शरारतों ने उनके दिल में खुशी भर दी है।
फिलहाल कुछ काउटियों ने निजी फार्म की तुलना में गांव बंगला परियोजना को महत्व दिया है। चाय बगान की बराबरी में बंगला इतना आकर्षकजनक तो नहीं है, लेकिन दाम के हिसाब से उसकी स्पर्द्धा संतोषजनक है। लोग केवल कुछ हजार य्वान खर्च कर 50 वर्ग मीटर के एक ग्रामीण बंगले में रह सकते हैं और उन्हे किराये पर 30 साल तक दिया जा सकता है। ल्येन चुंग कम्पनी के महा प्रबंधक वी श्वे पिंग ने हमारे संवाददाता को बताया कि उन्होने परियोजना के तहत स्थानीय किसानों के सहयोग में पुराने किसान के मकानों का पूरी तरह सुधार कर नया रूप दिया है। उन्होने कहा किसानों के पुराने मकान की नींव पर, खुद किसानों के सहयोग से इन मकानों का सुधार कर उसे तीन सितारा मापंदड रेस्तारांत व रहने लायक बंगला का रूप दिया जाता है। इस तरह का रिसोर्ट गांव , देश की भूमि बिना प्रयोग कर, किसानों के पुराने मकानों की नींव पर एक नया बंगला खड़ा करने की एक मिसाल है।
श्री वी श्वे पिन ने कहा कि वर्तमान ग्राम बंगला का निर्माण पूरा हो गया है और वे हाथों हाथ बिक चुका है। इन सालों में चे च्यांग के अनेक गावों में ग्राम पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है , यहां तक कि लोगों की मांग पूरी करने में ग्राम पर्यटन थोड़ा बेबसी महसूस कर रहा है। यही कारण है कि हमारी कम्पनी ने किसानों के पुराने मकानों की नींव में नया ग्राम बंगला निर्मित करना शरू कर दिया है और किसानों ने भी बढ़ चढ़ कर अपने शेयर डाले हैं। बहुत से गावों का काया पलट हुआ है, किसानों के रहने का पर्यवारण में सुधार आने के साथ, आय में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ो के अनुसार, हर परिवार हर साल 20 हजार य्वान कमा लेता है।
श्री वी श्वे पिन ने हमें बताया कि वर्तमान ग्राम बंगले का निर्माण करने के साथ साथ चिकित्सा, खेलकूद स्टेडियम, पुस्तकालय आदि मनोंरजन स्थलों के निर्माण में भी बल दिया जा रहा है। पूर्ण संस्थापनों का निर्माण समाप्त होने के बाद, यहां वृद्धा लोगों के बुढ़ापे समय गुजारने के लिए विश्राम संस्था भी खोली जाएगीं, तब यहां खरीददारी व रोग इलाज की सुविधाए भी उपलब्द्ध होगी।
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