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(GMT+08:00) 2006-08-22 14:54:30    
मंगोल जाति की गायिका मोर्केन के गीत

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दोस्तो, इधर के वर्षों में चीन के मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश में अनेक मंगोल जाति के गायक गायिका चीन में मशहूर हैं । हमारे कार्यक्रम में मंगोल जाति के गायक थङकर और गायिका ददमा की कहनी सुनायी गयी । तो आज के इस लेख में आप लोगों को मंगोल जाति की एक नौजवान गायिका सुश्री मोर्केन का परिचय दिया जाएगा और सुनाया जाएगा उन के पहले एल्बम मंगोल के सुर सुराग में कुछ गीत ।

गीत---मंगोल की लोरी

आप सुन रहे हैं मंगोल जाति की मशहूर गायिका सुश्री मोर्केन द्वारा मंगोल भाषा में प्रस्तुत मधुर गीत मंगोल की लोरी । यह गीत मंगोल जाति बहुल क्षेत्र में अत्यन्त लोकप्रिय है और मंगोल जनता का पसंदीदा लोक गीत है । गीत का साथ देने के लिए सिर्फ गिटार बजाया गया है , जिस से गायिका की सुरीली आवाज और गीत में प्रस्तुत सुंदर वातावरण विशेष रूप से अभिव्यक्त किए गए है। गीत में गाया गयाः

आकाश में तारे छिटकते चमकते हैं

रात्रि अंधेरे में विशाल भूमि नींद में सोयी

मंगोल जाति के तंबू में मां लोरी गुनगुना रही हैं

लोरी की थरकी से मुन्ने ने सपने में मुस्कराया

मातृत्व गुनगुना रहा है

भूमि की नाड़ी में प्यार का अनंत संचार हुआ ।

मंगोल जाति की गायिका मोर्केन का जन्म भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के उत्तर पश्चिमी भाग के अलाशान चरगाह में हुआ। गाना के प्रेमी माता जी से प्रभावित हो कर सुश्री मोर्केन बचपन से ही गीत गाना पसंद करती रही और मंगोल जाति के गीत गाने में वे बहुत कुशल थी। बड़ी होने पर मोर्केन मंगोल जाति की मशहूर नृत्य गान मंडली ऊलानमुची नामक चलते फिरते गायन दल की पेशेवर गायिका बनी । वर्ष 2001 में उन्होंने दाखिला परीक्षा के अच्छे अंक से चीन के केद्रीय जातीय विश्वविद्यालय के संगीत कालेज में प्रवेश पाया । उन की अध्यापिका सुप्रसिद्ध गायिका और संगीत विशेषज्ञ सुश्री ऊरीना है। मोर्केन की आवाज बहुत सुरीली और बुलंद है, गायन में उन की भाव अभिव्यक्ति बारीकी और स्वाभाविक है और गायन की खास स्टाइल और व्यक्तित्व है और संगीत रचनाओं की समझदारी पर उन की मजबूत पकड़ है।

गीत---अनंत गगन सरीखा अलाशान चरागाह

आप सुन रहे हैं मंगोल जाति की नौजवान गायिका सुश्री मोर्केन का गीत अनंत गगन सरीखा अलाशान चरगाह । अलाशान सुश्री मोर्केन का जन्मस्थान है और भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के सब से पश्चिमी भाग में स्थित है। वहां अपार रेगिस्तान, गोबी भूमि और घास मैदान है और घने वन, सुन्दर झील तथा नख्लिस्तान बहुत मनमोहक है। मार्केन के गीत में प्राकृतिक सौंदर्य से भरे अपने जन्मस्थान पर लोगों की याद गहरी व्यक्त हुई है ।

मंगोल की सुर सुराग नामक एल्बम मोर्केन द्वारा इस साल की अप्रैल में जारी उन का पहला एल्बम है, जिस में उन के 12 गीत शामिल हैं। ये विभिन्न शैली वाले मंगोल गीत वर्तमान में बहुत लोकप्रिय क्लासिक गीत हैं । मार्केन के एल्बम में शामिल गीतों में मंगोल जाति की गायन शैली बहुत जोरदार और विशिष्ट है ,इस के अलावा मंगोल जाति के लोक गीतों के साथ साथ आधुनिक फैशन तत्व रखने वाले स्वरचित गीत भी है।

गीत---पिता का घास मैदान और माता की नदी

आप सुन रहे है सुश्री मोर्केन के एल्बम का पिता का घास मैदान और माता की नदी नामक गीत। इस गीत के बोल चीन के प्रसिद्ध थाईवानी कवि श्री शी मू रोंग ने लिखे है और धुन मंगोल जातीय संगीतकार ऊलानतोगा ने रची। गीत ने कोमल लय ताल के माध्यम से एक ऐसी कहानी का विवरण किया कि बच्ची ने बचपन में अपने माता-पिता से घास मैदान की सुन्दर कहानी सुनी और बड़ी होने पर वहां लौट कर उस के दिल में खुशी और उद्गार उभरा ।

गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार हैः

पिता जी ने घास मैदान के सुगंध का चित्रण किया

जो उन की याद में हमेशा के लिये जड़ित हुआ ।

माता जी ने लम्बी नदी की कहानी सुनायी

जो दूर दूर बहती हुई मेरी जन्मभूमि मंगोल पठार से गुजरी ।

आज जन्मभूमि वापस लौटी हूं

मेरे सामने विशाल घास मैदान फैला नजर आया

महकते घास पर खाड़ी हुई मेरी आंखों में आंसू उभरी

पिता का घास मैदान , माता की नदी है जो मेरे आगे ।

मंलोल भाषा अब मुझे नहीं आयी ,

पर दूर से लौटी अपनी संतान स्वीकार करें

मैं हमेशा घास मैदान की बच्ची हूं ।

मेरे दिल में एक गीत है

गीत में पिता का घास मैदान और माता की नदी शाश्वत है।

केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय में मास्टर शिक्षा ले रही सुश्री मोर्केन मंगोल व हान भाषा में अलग अलग शैली के गीत गा सकती हैं, विशेष कर मंगोल जातीय गीत और आधुनिक पॉप गीत गाने में पारंगत हैं। अगला गीत आप सुनेंगे मोर्केन द्वारा मंगोल और हान द्विभाषा में गाये गये नोनंजिया नामक मंगोल जातीय गीत।

गीत---नोनंजिया

आप सुन रहे हैं सुश्री मोर्केन की आवाज में नोनंजिया नामक मंगोल जातीय गीत। नोनंजिया मंगोल जाति की एक लड़की का नाम है। वह बहुत सुन्दर, प्यारी व सुशील थी और मंगोल के घास मैदान में सर्वमान्य अच्छी लड़की थी । लेकिन दुर्भाग्य से उसे ने दूर जगह के लड़के के साथ शादी करना पड़ा । गीत का शब्द बहुत सीधा सादा और विवशता की भावना से परिपूर्ण है और इस गीत ने दुनिया में सुबौध व सच्ची भावना व्यक्त की है।

गीत ने गायाः

लौहा नदी का पानी दूर दूर बहता है

नदी के किनारे घोड़ा घूम रहा है

ओह ,हमारी प्यारी लड़की नोनंजिया

तुम बहुत दूर स्थान पर शादी के लिए जाएगी