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(GMT+08:00) 2006-08-21 08:38:12    
ल्वो यांग संग्रहालय का परिचय

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चीन सरकार ल्वो यांग संग्रहालय को बड़ा महत्व देती है। चीनी नेता हू चिन थाओ आदि ने क्रमशः ल्वो यांग संग्रहालय का निरीक्षण दौरा किया था। इतना ही नहीं, विदेशों से आये कुछ नेताओं ने भी ल्वो यांग संग्रहालय का दौरा किया था। ल्वो यांग संग्रहालय में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महा सचिव श्री च्यो जा ख्वन के अनुसार, भारतीय भूतपूर्व प्रधान मंत्री लाओ आदि विदेशी नेताओं ने भी ल्वो यांग संग्रहालय का दौरा किया और ल्वो यांग संग्रहालय में रखी गयी धरोहरों का उच्च मूल्यांकन किया।

ल्वो यांग में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के काम में इतनी तेजी ल्वो यांग संग्रहालय के सामाजिक व आर्थिक विकास से मेल नहीं खा सकती है। प्रदर्शनी हॉल के छोटे होने की वजह से अनेक सांस्कृतिक धरोहरों की प्रदर्शनी नहीं की जा सकती है। इतना ही नहीं, प्रदर्शनी के उपकरण उम्दा नहीं है और आधुनिक माध्यमों से प्रदर्शनी नहीं की जा सकती है। इस वर्ष के मई माह में ल्वो यांग की सरकार ने ल्वो यांग संग्रहालय का विस्तार करने के लिए लगभग 10 करोड़ चीनी य्वान की पूंजी लगाने का निर्णय लिया है। ल्वो यांग संग्रहालय की कम्युनिस्ट पार्टी कमेटी के महा सचिव श्री च्यो जा शन ने कहा, ल्वो यांग संग्रहालय देश का प्रमुख संग्रहालय है और देश का देशभक्ति शिक्षा का केंद्र भी है। वह मध्य चीन में सब से बड़ा समग्र ऐतिहासिक संग्रहालय है, जिस में ल्वो यांग क्षेत्र में पाये गये पुरापाषाण काल की और चीन के मींग और छींग राजवंश तक की मूल्यवान धरोहर रखी हुई है।विशेषकर चीन के शी च्यो राजवंश के कांस्य बर्तन, हान राजवंश के थांग सेन ज्येई और सुंग राजवंश के चीनी बर्तन सभी रत्नों से भी मूल्यवान हैं। ल्वो यांग संग्रहालय का देश के संग्रहालयों में उल्लेखनीय स्थान है। इस संग्रहालय में चीन के कई हजार वर्षों की संस्कृति जमा है और विश्व के सामने इस रंग बिरंगी ऐतिहासिक संस्कृति को प्रदर्शित करने की यह एक महत्वपूर्ण खिड़की भी है।

वर्ष 2005 में ल्वो यांग संग्रहालय ने प्रथम बार एक निजी व्यक्ति की धरोहर की प्रदर्शनी का आयोजन किया । यह ल्वो यांग के एक कारोबारी द्वारा खरीदी गयी सांस्कृतिक धरोहरों की प्रदर्शनी है, जिस में प्रथम स्तर वाली चार धरोहर हैं, दूसरे स्तर वाली 20 से ज्यादा धरोहर हैं और कुछ तीसरे स्तर वाली धरोहर हैं। उन्होंने अपने द्वारा खरीदी गयीं सारी धरोहरों को संग्रहालय को दे दिया। इसलिए, ल्वो यांग संग्रहालय द्वारा इस छोटी प्रदर्शनी लगाने का मकसद समाज के विभिन्न तबकों के लोगों को ऐतिहासिक अवशेषों को चंदे के रुप में देने के लिए प्रोत्साहित करना है।

ल्वो यांग संग्रहालय ने ऐतिहासिक अवशेषों को एकत्र करने में बड़ा प्रयास किया है। इधर के कई वर्षों में हम ने क्रमशः समाज से कुल दो तीन हजार अवशेषों को एकत्र किया है। इतना ही नहीं, हम लोगों के पास रखे हुए सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण व प्रदर्शन के कार्य को भी बड़ा महत्व देते हैं।मिसाल के लिए, अब संग्रहालय में प्रदर्शित शिलालेखों की प्रदर्शनी तो एक निजी व्यक्ति द्वारा प्रदान दी गयी है। इसी तरह की प्रदर्शनियों से लोगों द्वारा सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की सक्रियता को भी प्रेरित किया जाता है।

ल्वो यांग संग्रहालय की कम्युनिस्ट पार्टी के महा सचिव श्री च्यो जा शन सही कहते हैं, सांस्कृतिक धरोहर मनुष्य की समान संपत्ति है। चाहे वह सरकार के पास रखी गयी हो, या निजी तौर पर किसी व्यक्ति के पास, इन्हें मनुष्य की समान धरोहर की हैसियत से बरकरार रखना ज़रुरी है। हमारे देश के विकसित क्षेत्रों में अनेक निजी संग्रहालय हैं, कुछ जगहों में उन की संख्या सरकारी संग्रहालयों से भी ज्यादा है। अब ल्वो यांग में भी कुछ निजी संग्रहालयों का निर्माण हो रहा है। मुझे विश्वास है कि आगामी कई वर्षों में ल्वो यांग शहर में निजी संग्रहालयों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी।

हमें विश्वास है कि पुराना शहर ल्वो यांग अपनी सांस्कृतिक श्रेष्ठता का प्रसार करके एक सांस्कृतिक ल्वो यांग की छवि बरकरार रखेगा और विदेशों के लिए चीन की पुरानी व प्रचुर संस्कृति व सभ्यता को दिखाने की खिड़की भी बनेगा।