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(GMT+08:00) 2006-08-17 08:56:19    
ची तू पानी देवता मंदिर एक बड़ा वास्तु निर्माण अजायब घर कहा जा सकता है

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प्रिय दोस्तो , आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ मध्य चीन के हो नान प्रांत में स्थित ची तू पानी देवता के सोने वाले भवन के पीछे ची श्वी नदी का उद्गम स्थल देखने जा रहे हैं । यहां का प्राकृतिक दृश्य बहुत चमत्कारपूर्ण है । विशाल समतल मैदान में अचानक कई चश्मे फूटकर निकले हुए दिखाई पड़ते हैं और पिछले हजारों वर्षों से वे इसी तरह बह रहे हैं । ये झरने पूर्व की ओर मध्य चीन के ह नान और शानतुंग दोनों प्रांतों में एक हजार किलोमीटर की यात्रा के बाद सीधे समुद्र में जा मिले हैं । कुछ लोकाचार विद्वानों का कहना है कि चीश्वी की यह अद्मय भावना ही ची तू मंदिर में पिछले हजार वर्षों से पानी देवता की पूजा करने का प्रमुख कारण है ।

पानी देवता के सोने वाले भवन और ची श्वी पानी का उद्गम स्थान देखने के बाद अब हम चलते हैं ची तू मंदिर में सुरक्षित प्राचीन वास्तु निर्माण देखने। ची तू मंदिर की एक अलग पहचान यह है कि इस मंदिर में चीन के सुंग , य्वान , मिंग और छिंग जैसे अनेक राजवंशों के काल में निर्मित वास्तु भवन बड़े ढंग से सुरक्षित हैं। इन में कुछ भवन एक हजार वर्ष से भी अधिक पुराने हैं और इन भवनों में चीन के अलग-अलग राजवंशों की विशेष वास्तु शैलियां अभिव्यक्ति हुई हैं ।

पेइचिंग के पर्यटक क्वो श्याओ कोह ने कहा कि ची तू मंदिर को एक बड़ा वास्तु निर्माण अजायब घर कहा जा सकता है , यहां चीन के हरेक काल में निर्मित भवन देखने को मिलते हैं । चीन की इस प्रकार की प्राचीन शैलियों से युक्त वास्तु निर्माण कला को देखकर बड़ी प्रेरणा प्राप्त होती है । यह एक रमणीय पर्यटन स्थल ही नहीं , विविधतापूर्ण संस्कृतियों का महत्व भी इस में गर्भित हो गया है ।

ची तू मंदिर का मुख्य द्वार भी बड़ा अजीब सा लगता है । इस द्वार के ऊपर तीन बड़े कमरों से अधिक बड़ी छत केवल चार मोटे लकड़ी के खंभों पर टिकी हुई है और उस का इतिहास आज से कोई पांच सौ साल पुराना हो गया है। ची श्वी नदी के उद्गम स्थल पर और एक लिन य्वान नामक द्वार है , उस का निर्माण सात सौ से अधिक वर्ष पहले के य्वान राजवंश काल में हुआ था । इस द्वार के बगल में एक प्राचीन मंडप यानी ड्रेगन मंडप अपना अलग स्थान रखता है , क्योंकि इस छोटे मंडप का आधार एक हजार वर्ष पहले के सुंग राजवंश का है , खंभे सात सौ साल वर्ष पहले य्वान राजवंश के हैं , जबकि छत चार पांच सौ वर्ष पहले के मिंग राजवंश में पुनर्निर्मित हुई है । यह ड्रेगन मंडप चीनी वास्तु शैलियों का नमूना माना जाता है ।

ची श्वी नदी के उद्गम स्थल पर और एक शिला बाड़ बेहद ध्यानाकर्षक है और वह वर्तमान चीन में सब से अच्छी तरह सुरक्षित सुंग राजवंश में बनी एक मात्र शिला बाड़ है । इस हजार वर्ष पुरानी शिला बाड़ पर सूक्ष्म शिल्पकला के साथ-साथ बौद्ध धार्मिक चित्रों का चित्रण भी हुआ है। इस से जाहिर है कि तत्कालीन युग में बौद्ध धर्म और चीनी ताऊ धर्म एक दूसरे को आत्मसात कर रहे थे ।

ची तू मंदिर में अब दसेक ताऊ धर्म के पुरोहित रहते हैं और वे मंदिर के साधारण पूजा कार्य को देखते हैं । एक चांग नाम के पुरोहित ने हमारे सम्वाददाता से कहा

आम लोग यहां आकर दुआ मांगने के लिये पानी देवता की पूजा करते हैं। उन्हें विश्वास है कि पानी देवता उन की रक्षा करने में समर्थ है । हमारे यहां साल में प्रार्थना समारोह और अन्य प्रकार के धार्मिक आयोजन किये जाते हैं।

चीनी पंचांग के अनुसर हर साल छः फरवरी को पानी देवता का जन्म दिवस मनाया जाता है । मौके पर ची तू मंदिर में भव्य रूप से विविधतापूर्ण धार्मिक आयोजन किये जाते हैं और आसपास के हजारों स्थानीय लोगों को आमंत्रित किया जाता है । कुछ साल पहले ची तू मंदिर की फिर से मरम्मत की गयी है । अब यह मंदिर बिल्कुल नयी सूरत में लोगों के लिये खुल गया है । पर्यटक इस मंदिर में सुरक्षित प्राचीन पेड़ या पत्थर देखकर उस के पीछे छपी मजेदार ऐतिहासिक कहानी की याद कर सकते हैं ।