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(GMT+08:00) 2006-08-16 11:28:04    
रक्ताघात की रोकथाम तथा इलाज

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रक्ताघात लोगों की जान को खतरे में डालने वाला गंभीर रोग है । यह दिमाग में खून की नली फटने के कारण पैदा होता है , जिससे रोगी के तुरंत मरने का खतरा होता है , या वह बेहोश होकर दीर्घकाल तक पलंग पर सोते रहते हैं । आंकड़े बताते हैं कि चीन में हर वर्ष 15 लाख लोग ऱक्ताघात के शिकार होते हैं जिन में से लगभग आधे अंत में मर जाते हैं । इस भयानक रोग के शिकार हुए लोगों में जो जीवित रहते भी हैं , उन की भी श्रम करने की शक्ति खो जाती है । इसलिए रक्ताघात को समय पूर्व रोकना बहुत महत्वपूर्ण है ।

पेइचिंग में रहने वाले 65 वर्षीय श्री वांग हमेशा तंदुरूस्त रहते हैं । जुकाम जैसे हल्के रोग को छोड़कर उन की तबियत हमेशा अच्छी रही है । पर एक सुबह जब श्री वांग साइकिल पर सवार होकर घर से बाजार की ओर जा रहे थे , तब अचानक वे बेहोश हो कर गिर पड़े । कई मिनटों के बाद एक एंबुलैंस के जरिये श्री वांग को अस्पताल पहुंचा कर भरती कराया गया । पेइचिंग के नम्बर 301 अस्पताल के डॉक्टरों ने श्री वांग की पूर्ण जांच करके यह निष्कर्ष निकाला , उन्हों ने कहा कि हम ने रोगी की सी टी ए की जांच की जिस से यह पता चला कि रोगी के सिर के भीतर की नसें सामान्य रूप से 90 प्रतिशत तक सिकुड़ गई हैं । इस का मतलब है कि खून सुभीते से सिर में नहीं जा रहा है । मस्तिष्क में खून की कमी से रक्ताघात पैदा होने लगा है ।

श्री वांग को मस्तिष्क में कम खून जाने की वजह से यह रोग पैदा हुआ , पर उधर दूसरे किस्म वाला रक्ताघात भी मौजूद है । यानी मस्तिष्क में नली फटने के कारण पैदा होने वाला रक्ताघात । इस रोग के कारणों में कभी-कभी उच्च रक्तचाप का तत्व मौजूद रहता है ।

रक्ताघात पैदा होने का कारण क्या है , और कौन-कौन लोग अधिक तौर पर रक्ताघात के शिकार होते हैं ? आम तौर पर यह कहा जाता है कि अधेड़ावस्था के ऊपर की उम्र वाले पुरूषों को यह रोग अधिक होता है । इस के सिवा उच्च रक्तचाप, हृदय रोग , मधुमेह , मोटापा आदि तथा अधिक सिग्रेट व शराब पीने वालों को रक्ताघात होने का खतरा ज्यादा रहता है । पेइचिंग के नम्बर 301 अस्पताल के डॉक्टर श्री ली का कहना है , रक्ताघात होने से पहले रोगी को आम तौर पर कभी-कभी सिर दर्द , आंखों के सामने अंधेरा छा जाना, साफ-साफ बातचीत न कर सकना , हाथ-पांव ठंडे पड़ जाना आदि महसूस होता है । अगर आप को कभी ऐसा महसूस हो , तो आप को जरूर सजग रहकर अस्पताल में डॉक्टर को दिखाना चाहिये ।

डॉक्टर ली के अनुसार अगर किसी को रक्ताघात हो , तो उस के आसपास के लोगों को उसे हिलाना नहीं चाहिये , उसे शांत रखकर तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिये । साथ ही इस बात पर ध्यान देना चाहिये कि रक्ताघात होने के बाद रोगी के बेहोश होने के कारण सांस लेने में कठिनाई हो सकती है , इसलिए रोगी के सिर को थोड़ा उन्नत जगह पर उठा कर रखना चाहिये , ताकि रोगी सुभीते से सांस ले सके ।

रक्ताघात रोग के इलाज में पहले आम तौर पर ऑपरेशन किया जाता था । पर आज चीन के कुछ अस्पतालों ने उन्नतिशील तकनीक अपनानी शुरू कर दी है । यानी धातु से निर्मित एक गोली रोगी के शरीर की नस के जरिये सिर की नस तक पहुंचाई जाती है , फिर वहां रोगी की बंद या सिकुड़ी हुई नस को उस धातु की गोली की सहायता से खोला जाता है । इस तरह के ऑपरेशन से रोगी को दर्द महसूस नहीं होता है । श्री वांग का इसी तकनीक से ऑपरेशन किया गया,और वे ठीक हो गये।

श्री वांग ने बताया कि जब डॉक्टर ने धातु की गोली से उन के दिमाग की बंद नस को खोला , तब उन का दिमाग एकदम साफ महसूस करने लगा था । पहले वे रोज़ दिग्भ्रमित रहते थे , ऐसा ऑपरेशन होने के बाद उन का दिमाग बहुत सजग और साफ महसूस करने लगा है । डॉक्टर का कहना है कि ऐसा ऑपरेशन होने के बाद रोगी 24 घंटे बाद ही सामान्य जीवन बिता सकते हैं , और दो-तीन दिन बाद वे अस्पताल से घर जा सकते हैं । आज अधिकाधिक रोगियों पर ऐसे ही ऑपरेशन का प्रयोग किया जा रहा है ।

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