
प्रिय दोस्तो , चीन का भ्रमण कार्यक्रम पसंद करने वाले सभी श्रोता दोस्तों को प्यार भरा नमस्कार । मध्य चीन स्थित हो नान प्रांत के ची य्वान शहर का चीतू मंदिर का इतिहास कोई एक हजार चार सौ साल पुराना है और वह चीन में सब से अच्छी तरह संरक्षित एक ऐसा मंदिर है , जहां पानी देवता की पूजा की जाती है। साथ ही वह राष्ट्रीय प्राथमिकता प्राप्त प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्रों में से भी एक है । ची तू मंदिर में न सिर्फ हजार वर्ष पुरानी पानी देवता की मूर्ति रखी गयी है , बल्कि अतीत के कई राजवंशों के श्रेष्ठ निर्माण भी वहां सुरक्षित हैं। इसलिये चीनी वास्तु शास्त्रियों ने इस प्राचीन मंदिर को चीनी प्राचीन वास्तु अजायबघर की संज्ञा भी दी है । तो दोस्तो , आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ यही ची तू मंदिर देखने जा रहे हैं ।
हो नान प्रांत की राजधानी चंगचओ शहर से कार पर सवार होकर डेढ़ घंटे में ची य्वान शहर के उपनगर में स्थित ची तू मंदिर पहुंचा जा सकता है । ची तू मंदिर का क्षेत्रफल 80 हजार वर्गमीटर बड़ा है । इस मंदिर का अगला भाग चौकोर है , जबकि पिछला भाग गोलाकार है । इस पानी देवता मंदिर के इस प्रकार के आकार-प्रकार से इस बात का पता चलता है कि पुराने जमाने में चीनी लोगों की मान्यता में पृथ्वी चौकोर थी और अंतरिक्ष गोलाकार था।
गाईड त्वान पो ने इस ची तू पानी देवता मंदिर का परिचय देते हुए कहा कि तू का अर्थ है समुद्र में जा मिलने वाला पानी । पुराने जमाने में लोगों की मान्यता थी कि चीन में केवल यांग्त्सी नदी यानी छांग च्यांग नदी , पीली नदी , हुऐ ह नदी और ची श्वी नदी का पानी ही समुद्र में मिलने लायक था। इसलिये ची श्वी नदी के तट पर निर्मित इस मंदिर का नाम ची तू मंदिर रखा गया । ची तू मंदिर में पानी देवता की पूजा के लिये आयोजित पूजा प्रार्थना को सब से उच्च दर्जे की पूजा माना जाता था। ची तू मंदिर का रखरखाव चीन में सब से बढ़िया है ।
तो आइये, सर्वप्रथम हम इस मंदिर में निर्मित पानी देवता का सोने का भवन देखने चलें । इस मंदिर के मुख्य द्वार से सीधे आगे बढ़कर कई मोटी लकड़ियों के बने दरवाजे देखने को मिलते हैं । फिर इस से होकर और कोई दो सौ मीटर पुराने पत्थरों के रास्ते पर आगे जाने के बाद ची तू मंदिर का सब से भव्यदार भवन दिखाई देने लगता है-- , यही है पानी देवता का सोने का भवन । लकड़ियों से तैयार इस भवन का क्षेत्रफल कोई सौ वर्गमीटर से अधिक है । पानी देवता की बड़ी मूर्ति की आकृति बेहद विनम्र और दयालु नजर आती है और वह बड़े शांतचित सुंदर नक्काशीदार पलंग पर लेटे हुए दिखाई देते हैं तथा उन की लम्बी काली दाढ़ी भी तकिये के पास पड़ी हुई है । जबकि उन की तीन पत्नियां भवन के गेट के पास खड़ी हुई दिखाई देती हैं , मानो पानी देवता की नींद खराब न होने देने के लिये पहरे पर खड़ी हों।
हमारे गाईड श्री त्वान पो ने कहा कि चीन के भीतरी इलाके में बौद्ध धर्म और ईसाई धर्म की बहुत सी धार्मिक शाखाओं में सुप्त मूर्ति की पूजा बहुत कम देखने को मिलती है । लेकिन ताऊ धर्म में विशेष तौर पर सुप्त ची तू देवता की पूजा की जाती है । तत्कालीन स्थानीय लोगों की मान्यता थी कि यदि ची तू देवता ची श्वी नदी के तट पर निश्चिंत रूप से सोते रहेंगे , तो यहां के आम लोग सुख चैन से जीवन बिता सकते हैं ।
|