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(GMT+08:00) 2006-08-14 19:07:23    
सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण और मानसिक मातृभूमि की रक्षा

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मध्य चीन का ल्वो यांग शहर एक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक शहर है। पुराने समय में यह चीन के 13 राजवंशों की राजधानी रहा है। ल्वो यांग में विविधतापूर्ण सांस्कृतिक धरोहर है। ल्वो यांग म्युनिसिपल की सरकार सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण कार्यों को बहुत महत्व देती है। आज के इस कार्यक्रम में हम आप लोगों को ल्वो यांग में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण कार्य के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

चीन के पुराने शहर की हैसियत से ल्वो यांग की सरकार ने इधर के वर्षों में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए कुछ उपाय व कदम उठाए हैं। ल्वो यांग शहर ने सर्वप्रथम देश में 15 बार सांस्कृतिक धरोहरों की गतिविधियों का आयोजन किया, जिस पर देश भर से भारी प्रतिक्रियाएं मिली हैं। इस वर्ष दस जून को देश का प्रथम सांस्कृतिक दिवस है। ल्वो यांग शहर के सांस्कृतिक धरोहर ब्यूरो के उप प्रधान श्री ली श्यो दे ने कहा, इस वर्ष ल्वो यांग ने गत वर्ष का सांस्कृतिक दिवस के अनुभव के आधार पर प्रसार में और ज़ोर लगाया। अनेक सांस्कृतिक इकाईयां आम नागरिकों के लिए मुफ्त में खुली हैं। वर्तमान सांस्कृतिक धरोहर दिवस का मुख्य विषय सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण करना और मानसिक मातृभूमि की रक्षा करना है। हम ने सिलसिलेवार गतिविधियों का आयोजन किया है, जिस में हमारे शहर की ऐतिहासिक संस्कृति को प्रदर्शित करने के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के प्रति सारे समाज की समझ को उन्नत किया गया है और समाज में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में भाग लेने का अच्छा माहौल बनाने की कोशिश भी की गयी है।

ल्वो यांग की लुंग मन गुफाएं विश्विविख्यात हैं। लुंग मन गुफाओं का क्षेत्रफल 4 वर्गकिलोमीटर से ज्यादा है। लुंग मन सांस्कृतिक धरोहरों के ब्यूरो के नीचे छह संस्थाएं हैं, चार कंपनियां हैं और एक होटल भी है। लुंग मन गुफाओं की संख्या 2300 से ज्यादा है और उन में एक लाख से ज्यादा मूर्तियां स्थापित हैं। लुंग मन सांस्कृतिक ब्यूरो के प्रधान श्री ली ने कहा, हर वर्ष देश-विदेश के 10 लाख से ज्यादा पर्यटक लुंग मन गुफाओं की यात्रा करते हैं। पर्यटक ल्वो यांग की यात्रा करते समय लुंग मन गुफाओं का दौरा करना नहीं भूलते।

इधर के वर्षों में ल्वो यांग सांस्कृतिक ब्यूरो ने लुंग मन गुफाओं को बड़ा महत्व दिया है। चीन, जापान व युनेस्को तीनों पक्षों ने वर्ष 2002 से 2004 तक और वर्ष 2005 से 2007 तक कुल 12 लाख अमरीकी डॉलर की पूंजी लगा कर मरम्मत का काम किया। लुंग मन सांस्कृतिक ब्यूरो के प्रधान श्री ली ने कहा, गत वर्ष से अब तक, लुंग मन सांस्कृतिक ब्यूरो मूर्तियों और गुफाओं के हवा से होने वाले क्षरण की रोकथाम करने का परीक्षण करता रहता है।यह एक अंतरराष्ट्रीय सहयोगी परियोजना है। संरक्षण कर्मचारियों ने गुफाओं को मजबूत बनाने के लिए कुछ मरम्मत का काम भी किया है। इतना ही नहीं, चीन व इटली ने सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण के लिए प्रशिक्षण कक्षाएं भी खोलीं हैं। लुंग मन सांस्कृतिक ब्यूरो देश-विदेश की अनुसंधान संस्थाओं के साथ मिलकर गुफाओं के संरक्षण कार्य को बखूबी अंजाम दे रहा है।

सांस्कृतिक संरक्षण में जोर देने के लिए ल्वो यांग शहर हर वर्ष खूब धन राशि लगाकर सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा करता है। ल्वो यांग संग्रहालय एक प्रमुख इकाई है। आज के ल्वो यांग संग्रहालय की स्थापना वर्ष 1958 में हुई थी। संग्रहालय का क्षेत्रफल लगभग 2.6 हेक्टर है, और प्रदर्शनी हॉल का क्षेत्रफल 2800 वर्गमीटर है। वर्ष 1998 में ल्वो यांग संग्रहालय ने कोरिया गणराज्य के फू व्यू संग्रहालय के साथ संबंध स्थापित किया । इस के बाद, हर वर्ष वे एक दूसरे के यहां विशेषज्ञ भेजकर आदान-प्रदान करते हैं। ल्वो यांग संग्रहालय में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महा सचिव श्री च्यो जा ख्वन ने कहा कि कोरिया गणराज्य के विशेषज्ञ हमारी पुरानी संस्कृति से सीखते हैं, जबकि हम उन से मरम्मत की तकनीक सीखते हैं। उन की मदद से हम ने क्रमशः ल्वो यांग संग्रहालय में 500 से ज्यादा धरोहरों की मरम्मत की है।

चीन सरकार ल्वो यांग संग्रहालय को बड़ा महत्व देती है। चीनी नेता हू चिन थाओ आदि ने क्रमशः ल्वो यांग संग्रहालय का निरीक्षण दौरा किया था। इतना ही नहीं, विदेशों से आये कुछ नेताओं ने भी ल्वो यांग संग्रहालय का दौरा किया था। श्री च्यो के अनुसार, भारतीय भूतपूर्व प्रधान मंत्री लाओ आदि विदेशी नेताओं ने भी ल्वो यांग संग्रहालय का दौरा किया और ल्वो यांग संग्रहालय में रखी गयी धरोहरों का उच्च मूल्यांकन किया। इधर के वर्षों में, अमरीका, फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया गणराज्य व हांगकांग आदि 20 से ज्यादा देशों व क्षेत्रों ने अपने यहां सांस्कृतिक धरोहरों की प्रदर्शनी लगाने के लिए ल्वो यांग संग्रहालय को आमंत्रित किया। खासकर वर्ष 1999 में ल्वो यांग संग्रहालय ने कोरिया गणराज्य में ल्वो यांग सांस्कृतिक धरोहरों की प्रदर्शनी का आयोजन किया। कोरिया गणराज्य के तत्कालीन प्रधान मंत्री ने खुद उद्घाटन समारोह की रस्म में भाग लिया। वर्ष 2004 में ल्वो यांग की थांग सेन ज्येई प्रदर्शनी जापान के विभिन्न शहरों में एक वर्ष के लिए प्रदर्शित की गयी, जिसे जापान के विभिन्न तबकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी। इन प्रदर्शनियों ने बड़े हद तक देश-विदेश में ल्वो यांग की सांस्कृतिक धरोहरों की प्रसिद्ध को बढाया है।

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