ईस्वी 874 में थांग राज्य के एक राजा ने भगवान बुद्ध की ऊंगलियों के शरीर फामन मठ में लौटाने पर बेशुमार पूजित सोने व चांदी से तैयार वस्तुएं, कांच बर्तन, चीनी मिट्टी बर्तन, दुर्लभ कीमती पत्थर जैसी वस्तुओं को भगवान बुद्ध के शरीरों के साथ फामन मठ के भूमिगत भवन में सुरक्षित करने और इस भूमिगत भवन का द्वार बंद करने का आदेश दिया। बाद में धीरे-धीरे यह भूमिगत भवन और उस में सुरक्षित बेशकीमती वस्तुएं भुला दी गयीं। 1987 में इस भूमिगत भवन की आकाश खिड़की के ऊपर दबाया गया चौकोर भारी पत्थर हटाने के बाद जब हजार वर्ष से बंद पड़े इस भूमिगत भवन का द्वार खोला गया, तो इस भूमिगत भवन में सुरक्षित चमकदार बेशकीमती वस्तुओं ने फिर से लोगों को लुभा लिया। श्री याओ इन ल्यांग ने कहा कि फामन मठ की बौद्ध धार्मिक संस्कृति समूचे चीन में बेमिसाल है, यहां भगवान शाक्यमुनि के शरीर ही नहीं, थांग राज्य की बहुत सी मूल्यवान वस्तुएं भी खुदाई में प्राप्त हुई हैं। हम हर वर्ष यहां पर विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन करते हैं, जिस से बड़ी संख्या में देशी-विदेश पर्यटकों को आकर्षित किया जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार 1988 में फामन मठ जीर्णोधार करने के बाद बिल्कुल नयी सूरत में फिर से लोगों के लिये खुल गया। नव निर्मित स्तूप 47 मीटर ऊंचा है, देखने में बड़ा भव्य लगता है और स्तूप के अंदर घुमावदार सीढ़ियां भी निर्मित हुई हैं, ताकि पर्यटक ऊपर चढ़कर दूर नजर दौड़ा सकें। भूमिगत भवन भी पुराने आकार-प्रकार के आधार पर पुनर्निमित किया गया है। पहले की तुलना में भिन्नता सिर्फ यह है कि फामन मठ के पश्चिमी भाग में खुदाई में प्राप्त थांग राजवंश की बेशकीमती सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण के लिये विशेष तौर पर एक नया संग्रहालय स्थापित हुआ है। फामन मठ में सुरक्षित भगवान बुद्ध के शरीर और अन्य मूल्यवान वस्तुएं क्रमशः थाईलैंड, कोरिया गणराज्य, चीन के थाईवान और हांगकांग आदि देशों व क्षेत्रों में भेजी जाती हैं। फामन मठ ने इसीलिये कोरिया गणराज्य के एक मठ के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध कायम किए हैं।
हर वर्ष अप्रेल में फामन मठ में अंतर्राष्ट्रीय संस्कृति व पर्यटन उत्सव मनाया जाता है। मौके पर फामन मठ भव्य प्रार्थना समारोह और महा थांग राज्य की दुर्लभ मूल्यवान वस्तुओं की प्रदर्शनी जैसे आयोजन करता है। जिन में भव्य प्रार्थना समारोह विश्व शांति के लिये आयोजित बौद्ध धार्मिक गतिविधि बहुत आकर्षणवाली है। जर्मनी से आयी पर्यटक सुश्री मोनिका ने बौद्ध धार्मिक संस्कृति में बड़ी रूचि दिखाई, उन्हों ने कहा कि वे और उसके परिवारजन पर्यटन उत्सव के उपलक्ष्य में जी भरकर आयोजन देख चुके हैं।
ये सभी आयोजन बहुत बढ़िया हैं, एक से एक बढ़कर बेहतर हैं।
फामन मंदिर हर वर्ष दस हजार से अधिक देशी विदेशी पर्यटकों का सत्कार करता है। अधिकतर पर्यटक जापान , कोरिया गणराज्य और आशियान देशों से आते हैं, उन में बहुत से पर्यटक बौद्ध धर्म के अनुयायी भी हैं। चीन की यात्रा पर आये कई देशों के नेताओं ने भी फामन मंदिर का दौरा किया। श्रीलंका के प्रधान मंत्री श्री रत्नासिरी विक्रेमानायाके भी गत अप्रैल में विशेष तौर पर फामन मंदिर के दौरे पर गये थे। शेनशी प्रांतीय सरकार के उप महा सचिव श्री ल्यांग ह फिंग का विचार है कि फामन मंदिर अपने विशेष बौद्ध धार्मिक स्थान की वजह से विश्व में सब से प्रसिद्ध बौद्ध मंदिरों में से एक बन जायेगा। उन्हों ने कहा कि हम फामन मंदिर के पर्यटन व संस्कृति उत्सव का अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव बढ़ाने की भरसक कोशिश कर देंगे। बौद्ध धार्मिक संस्कृति और पर्यटन उद्योग को जोड़ देंगे, ताकि वह शेनशी प्रांत का एक नयी वृद्धि बिंदु बन जाये।
|