प्रिय दोस्तो , चीन का भ्रमण कार्यक्रम पसंद करने वाले सभी दोस्तों को नमस्कार । प्रिय मित्रो , उत्तर पश्चिम चीन में स्थित शेनशी प्रांत की राजधानी शिआन शहर का नाम आप ने सुना होगा और इस प्राचीन शहर के बारे में कुछ न कुछ दिलचस्प जानकारी भी आप को मालूम होगी। क्योंकि पिछले तीन हजार से अधिक वर्षों में क्रमशः 12 राजवंशों ने अपनी राजधानी इसी क्षेत्र में स्थापित की थी , इसलिये आज तक इस क्षेत्र में बड़ी तादाद में प्राचीन भवन निर्माण और सांस्कृतिक अवशेष हू ब हू सुरक्षित हैं। इन अनगिनत प्राचीन सांस्कृतिक अवशेषों में एक हजार सात सौ वर्ष पुराना फामन मठ बहुत चर्चित है । आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को इसी बौद्ध धार्मिक स्थल फामन के दौरे पर ले चलते हैं ।
फामन मठ शेनशी प्रांत की राजधानी शिआन शहर के पश्चिम भाग में स्थित पाओ ची शहर में स्थित है और वह शिआन शहर से सौ से अधिक किलोमीटर दूर है । कार से शिआन शहर से फामन मठ तक पहुंचने में केवल तीन घंटे लगते हैं । फामन मठ का क्षेत्रफल ज्यादा बड़ा नहीं है , कुल सात हैक्टर भूमि पर स्थापित यह बौद्ध धर्म का फामन मठ चौबीस आंगनों से घिरा हुआ है । आज से एक हजार सात सौ वर्ष से पहले बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार चीन में हुआ । कहा जाता है कि भगवान बुद्ध के निर्वांण के बाद दाहकर्म से प्राप्त उन के शरीरों को 84 हजार अंगों में बांटकर विश्व के तमाम बौद्ध धार्मिक मठों में सुरक्षित रखा गया , फामन मठ का बुद्ध स्तूप उन में से एक है ।
फामन मठ के इस स्तूप का आकार-प्रकार आठ कोनों वाला है और वह पत्थरों से निर्मित 13 मंजिला स्तूप है । अनेक वर्षों से मरम्मत की कमी की वजह से 1981 में आधा स्तूप ढह गया था । 1987 में चीन ने इस पुराने स्तूप को हटाकर उसी स्थल पर नया स्तूप निर्मित करवाने का फैसला किया । नये स्तूप के निर्माण में पुरातत्वेताओं व मजदूरों ने स्तूप के आधार की सफाई में अचानक एक हजार वर्ष पुराने भूमिगत भवन का पता लगाया और दो हजार से अधिक बेशकीमती दुर्लभ वस्तुएं प्राप्त कीं। सर्वेक्षण से पता चला कि इस भूमिगत भवन का क्षेत्रफल कोई तीस वर्गमीटर से बड़ा है और वह चीन में खुदाई में प्राप्त सब से विशाल भूमिगत भवन माना जाता है । पुरातत्ववेत्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि इस भूमिगत भवन में सुरक्षित भगवान बुद्ध की ऊंगलियों के शरीर वर्तमान बौद्ध धार्मिक जगत में सब से पवित्र वस्तुएं हैं । इस खुदाई ने समूचे विश्व में एकदम से धूम मचा दी और इसे 20 वीं शताब्दी में चीन के पुरातत्वान्वेषण के सब से अहम आविष्कारों में से एक जाना जाने लगा है ।
तो आखिर फामन मठ के भूमिगत भवन में इतनी अधिक बेशकीमती वस्तुएं क्यों सुरक्षित हुई । पाओ ची शहर के मेयर श्री याओ इन ल्यांग ने इस का परिचय देते हुए कहा कि एक हजार तीन सौ वर्ष से पहले फामन मठ थांग राजवंश का शाही मंदिर था। क्रमशः इस राजवंश के अनेक राजाओं ने भगवान बुद्ध की ऊंगलियों के शरीरों को पूजा के लिये सोने से तैयार कमल रूपी बर्तन में रखकर फामन मठ में सुरक्षित किया , साथ ही शाही परिवार ने फामन मठ को बड़ी संख्या में दुर्लभ मूल्यवान वस्तुएं भी भेंट कीं ।
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