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(GMT+08:00) 2006-08-03 12:40:02    
पुराने राज प्रासाद के मूल्यवान निधि भवन में जेट से तैयार कलात्मक कृतियां मनमोहक

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प्रिय दोस्तो , पेइचिंग स्थित पुराने राज प्रासाद के मूल्यवान निधि भवन का बड़ा नाम है , कुछ कलाकृतियां चीन सिन च्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश में उत्पादित हो थेन जेट से तैयार हुई हैं । हो त्येन जेट का सब से बढ़िया किस्म वाला जेट गहरे पानी में पैदा होता है । इस प्रकार वाला जेट देखने में चमकदार व मुलायम ही नहीं , अमूल्य भी है ।

बेशकीमती निधि भवन में सुरक्षित सांस्कृतिक अवशेषों में से एक त्येनह्वांग जेट से तैयार मोहर भी बेहद आकर्षक है । त्येनह्वांग जेट दक्षिण चीन के फू च्येन प्रांत में पैदा होता है , उस का रंग गहरा पीला होता है और जेट में सफेदी नजर आती है । पुराने जमाने से आज तक इस तरह का जेट बहुत महंगा होता है । आज हरेक कैरट जेट का मूल्य कोई दस हजार य्वान से भी अधिक है । सब से ध्यान देने योग्य बात यह है कि त्येन ह्वांग जेट से तैयार यह मोहर छिंग राजा छ्येन लुंग द्वारा सुरक्षित एक हजार से अधिक पसंदीदा मोहरों में से एक है , क्योंकि राजा छ्येन लुंग विभिन्न प्रकार की मोहरों को सुरक्षित रखने के शौकीन थे । बाद में उन की संतानों ने भी बड़ी सावधानी से इस बेमिसाल मोहर को सुरक्षित रखा । छिंग राजवंश के अंतिम राजा फू ई भी यह मोहर इतनी पसंद करते थे कि वे चौबीस घंटे यह मोहर खुद से अलग होने नहीं देते थे , यहां कि छिंग राजवंश का पतन होने के बाद भी मजबूर होकर राजमहल छोड़ते समय भी वह यह मोहर लाना नहीं भूले । गत सदी के पचास वाले दशक में फू ई ने यह मोहर राज्य को मुफ्त में दे दी । इस प्रकार आज साधारण लोगों को पुराने राज प्रासाद के बेशकीमती निधि भवन में छिंग राजवंश की कई पीढ़ियों के राजाओं की मनपसंद बेमिसाल मोहर देखने को मिली है ।

जब राज महल में रानियों की चर्चा की जाती है , तो आम लोगों के मन में उन के प्रति अत्यंत रहस्यपूर्ण भावना पैदा हो जाती है । पुराने राज प्रासाद के बेशकीमती निधि भवन में कुछ ऐसी दुर्लभ वस्तुएं भी प्रदर्शित हैं कि उन्हें देखकर चीनी राजाओं की रानियों की तत्कालीन सुंदरता और प्रेमभाव की कल्पना की जा सकती है । प्रदर्शित इन वस्तुओं में छिंग राजवंश के किसी राजा द्वारा अपनी एक रानी को दिया गया शादी प्रमाण पत्र भी है । अजीब सी बात है कि तत्कालीन राजा ने इसी शादी प्रमाण पत्र पर मंचूरियाई व हान दोनों भाषाओं में नाना प्रकार के नियम लिखे थे , जिन का रानी को कड़ाई से पालन करना था । साथ ही इन प्रदर्शित वस्तुओं में रानियों और दासियों के आभूषण भी हैं , जिन में बड़ा सफायर , प्राकृतिक मोती और एक दसेक कैरट अंगूठी लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं । इतना ही नहीं , मिंग राजवंश की रानी का विविधतापूर्ण बेहद मूल्यवान पत्थरों व दुर्लभ पक्षियों के रंगीन परों से बना ताज भी पर्यटकों को बरबस अपनी ओर खींच लेता है । यहां पर प्रदर्शित हरेक वस्तु तत्कालीन रानियों की हैसियत की प्रतीक है । सुना जाता है कि उस समय तीन मोतियों से तैयार बाली सिर्फ बड़ी रानी को पहनने का हक था , जबकि दूसरी छोटी रानियां केवल एक मोती से बनी बाली ही पहन सकती थीं ।

पुराने राज प्रासाद बेशकीमती निधि भवन में एक विशाल जेट पर तराशी गयी बाढ़ की रोकथाम में ता य्यू नामक कृति भी बेहद ध्यानाकर्षक है । यह दो मीटर ऊंची व पांच टन भारी जेट की तराशी कृति इस भवन में दो सौ साल से अधिक समय से है । इस भवन की कर्मचारी सुश्री सुन ली छ्यो ने परिचय देते हुए कहा कि यह भीमकाय जेट उत्तर पश्चिम चीन के सिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश में पैदा हुआ है । सिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश से पेइचिंग तक बड़ी मुश्किल से पहुंचाये जाने में तीन साल से अधिक समय लगा , फिर नहर के जरिये पेइचिंग से दक्षिण चीन के यांगचओ शहर तक पहुंचाकर यह बेमिसाल जेट कृति तराशने में और छह साल से अधिक का समय लग गया । कल्पना की जा सकती है कि यह अमूल्य कृति बनाने में कितनी मेहनत की गयी होगी और यह सचमुच मेहनतकश जनता की बुद्धिमत्ता का निचोड़ कहा जा सकता है । सभी देशी-विदेशी पर्यटक इसे देखकर उंगली दांतों तले रखे बिना नहीं रह सकते । अमरीका से आए पर्यटक ट्रविस को यह विशाल जेट कृति बहुत पसंद है । उन्हों ने कहा कि यह पुरानी भीमकाय बेमिसाल जेट कृति बड़ी मजेदार है , मुझे बहुत पसंद है । इस का काम बड़ी बारीकी से किया गया है और रचना व चित्र भी बेहद सुंदर है ।

बेशकीमती निधि भवन के उत्तर पूर्वी कोने में स्थित छोटे आंगन में चन फी नामक कुआं भी बहुत नामी है । तत्कालीन राजा क्वांगशू चन फी नाम की इस सुंदरी से बहुत प्रेम करते थे । पर सन 1900 में बंधन से मुक्त इस चौबीस साल की रानी को राजमाता त्स शी के राजनीतिक विचारों से असहमत होने पर इसी कुएं में गिराकर मार डाला गया था । अब बेशकीमती निधि भवन का दौरा करने के बाद पर्यटक चन फी की स्मृति में इस कुएं को भी देखने जाते हैं ।

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