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(GMT+08:00) 2006-08-02 14:56:51    
विश्व में चीनी भाषा बोलने पर ज़ोर

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अंग्रेज़ी विश्व में सब से अधिक प्रयोग की जाने वाली भाषा है और वह विश्व मामलों में सब से महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संपर्क भाषा भी है । लेकिन इधर के वर्षों में चीन के आर्थिक विकास तथा विश्व में चीन के स्थान की उन्नति के साथ-साथ अधिकाधिक लोगों ने चीनी भाषा सीखना शुरू किया है । आंकड़े बताते हैं कि आज विश्व में तीन करोड़ लोग , जिन की मातृभाषा चीनी नहीं है , चीनी भाषा सीख रहे हैं । वे केवल रुचि के लिए चीनी भाषा नहीं सीख रहे हैं , चीनी भाषा को वे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रतिस्पर्द्धा में अपना या अपने कारोबार के माध्यम के रुप में देख रहे हैं ।

जर्मनी के मिनस्टल विश्वविद्यालय की मिस क्रिस्टिन स्टोम को हाई स्कूल के समय से ही चीनी भाषा के प्रति रुचि पैदा हो गई थी । लेकिन उस समय उस के हाई स्कूल में चीनी भाषा का पाठ्यक्रम नहीं था। विश्वविद्यालय में दाखिल होने के बाद उस ने चीनी भाषा की उपाधि के लिए पढना तय किया । चार साल की पढ़ाई के बाद अब मिस स्टोम चीनी छात्रों के साथ फर्राटे से चीनी भाषा में बातचीत कर सकती हैं । उस के अनुसार चीनी भाषा सीखना रोजगार के लिए अच्छा है ।

उन्हों ने कहा कि चीन में वाणिज्य के बहुत से मौके हैं । बहुत सी जर्मन कंपनियों ने चीन में अपनी शाखाएं स्थापित की हैं । दोनों देशों के बीच वाणिज्य के संबंध दिन ब दिन बढ़ रहे हैं । इसलिए मेरे ख्याल में चीनी भाषा सीखने से रोजगार पाने में मदद मिल सकती है ।

मिस स्टोम के अनुसार आज जर्मन स्कूलों में अधिकाधिक छात्र चीनी भाषा सीख रहे हैं । जब वह विश्वविद्यालय में दाखिल हुई थी, तब उस की चीनी भाषा की क्लास में सिर्फ दस छात्र थे । अब उस के विश्वविद्यालय की हरेक चीनी भाषा की क्लास में चालीस से अधिक छात्र हैं ।

लेकिन चीनी भाषा का अध्ययन पश्चिमी लोगों के लिए उतना आसान नहीं है । चीनी भाषा में विशेष टोन हैं , जो यूरोपीय भाषाओं की तुलना में बिल्कुल अलग हैं । लेकिन चीन के खुलने तथा तेज़ गति से आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़ने और विदेशों के साथ संपर्क का भी दिन ब दिन विस्तार होने के कारण अधिकाधिक विदेशियों को चीनी भाषा सीखने में रुचि होने लगी है । सुश्री वांग चाओ कोरिया गणराज्य में चीनी भाषा सीखने वाली चीनी अध्यापिका हैं । उन्हों ने कहा कि बहुत से कोरियाई छात्रों ने अब चीनी भाषा को अपनी दूसरी भाषा बनाया है । उन में चीनी भाषा सीखने की भावना बहुत प्रबल है ।

सुश्री वांग ने बताया कि उन की क्लास में एक महिला है जो किसी दूसरे के यहां काम करने के कारण बहुत व्यस्त हैं , उन्हें चीनी भाषा की क्लास में आने का कम समय मिलता है। पर उन्हों ने अपनी मेहनत से चीनी भाषा के अपने अध्ययन को पूरा किया है । अध्यापन का काम करते हुए सुश्री वांग को महसूस हुआ कि कोरिया-गणराज्य में लोगों को चीनी भाषा सीखने , चीन में काम करने जाने तथा पर्यटन में गहरी रुचि है । चीन और कोरिया के बीच आपसी समझ व मैत्री का पुल बनने से उन्हें गौरव महसूस होता है ।

चीन कोरिया-गणराज्य का सब से बड़ा व्यापारी साझेदार है । बीते पांच सालों में कोरिया गणराज्य में चीनी भाषा सीखने वालों में 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई है । अब कोरिया-गणराज्य के स्कूलों में कई लाख छात्र चीनी भाषा सीख रहे हैं । चीन में चीनी भाषा सीखने आने वाले विदेशी छात्रों का 40 प्रतिशत भाग कोरिया-गणराज्य से आता है । कोरिया-गणराज्य के स्नातक छात्रों के लिए चीनी भाषा बोलना उन के रोजगार में बहुत मददगार है । वास्तव में कोरिया-गणराज्य के सिवा एशिया के दूसरे देशों , यूरोप और अमेरिका में भी चीनी भाषा बोलना भी किसी के रोजगार में मददगार बन सकता है । अधिकाधिक लोगों का मानना है कि चीनी भाषा बोलना उन के भविष्य में चीन के आर्थिक विकास में लाभ मिलने का माध्यम बन सकेगा ।

चीनी भाषा का अध्ययन करने के रूझान के कारण बहुत से देशों की सरकारों ने भी चीनी भाषा के अध्ययन को महत्व देना शुरू किया है । वियतनाम के शिक्षा मंत्रालय के एक पदाधिकारी श्री वू मिंग जून ने कहा , आज अधिकाधिक वियतनामी छात्रों ने चीनी भाषा सीखना शुरू किया है । कालेज़ों के सिवा वियतनाम में बहुत से चीनी भाषा केंद्र स्थापित हो गये हैं । बहुत से वियतनामी छात्र अपने अवकाश के समय में चीनी भाषा सीख रहे हैं ।

रिपोर्ट है कि जर्मनी के मिडिल स्कूलों में छात्रों के फाइनल परीक्षा के कई पाठ्यक्रमों में से एक चीनी भाषा भी है । ब्रिटेन में शिक्षा मंत्रालय ने मिडिल स्कूलों में चीनी भाषा अध्यापन कार्यक्रम शुरु किया है । इंडोनेशिया सरकार ने देश के आठ हजार मिडिल स्कूलों में चीनी भाषा अध्ययन पाठयक्रम चलाने का फैसला कर लिया है ।

विदेशियों के चीनी भाषा स्तर की जांच करने के लिए चीन ने वर्ष 1991 से ही विदेशियों के लिए एच एस केई यानी चीनी भाषा स्तर की परीक्षा शुरू की है। अब 34 देशों में 150 एच एस केई परीक्षा केंद्र स्थापित हैं , जहां विदेशी छात्र परीक्षा में पास होकर चीनी स्कूलों में पढ़ने के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे। जैसे कि चीन के आम कालेज़ों में पढ़ने के लिए एच एस केई परीक्षा के तीन प्रमाण-पत्र होने चाहिंये , पर चीनी कालेज़ों में संस्कृति , इतिहास व दर्शन आदि उपाधि हासिल करने के लिए छः प्रमाण-पत्र होने ही चाहिंये ।

अमेरिका से आये छात्र श्री क्रिस मूत्स ने इसी उद्देश्य से चीन में पढ़ने आये हैं । उन्हों ने कहा कि अपनी चीनी भाषा के स्तर की जांच करने के लिए उन्हों ने एच एस केई परीक्षा में भाग लिया है । चीन में स्नातक स्तरीय अध्ययन करने के लिए एच एस केई के छठे स्तर तक पहुंचना चाहिये , यह उन का लक्ष्य है।

इधर के वर्षों में विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में चीनी भाषा सीखने का रूझान नजर आ रहा है । पर अनेक देशों में चीनी भाषा के अध्यापकों का अभाव है । ऐसी स्थिति में चीन सरकार ने विदेशों में चीनी भाषा और चीनी संस्कृति सिखाने के संस्थापन के रूप में कंफ्यूशियस अकादमी खोलना शुरू किया है । वर्ष 2004 में चीन ने कोरिया-गणराज्य में अपनी प्रथम कंफ्यूशियस अकादमी स्थापित की। अभी तक 36 देशों में कुल 80 कंफ्यूशियस अकादमियां स्थापित हो चुकी हैं । इन कंफ्यूशियस अकादमियों में चीनी भाषा अध्यायन , चीनी भाषा परीक्षा , चीनी भाषा बोलने की प्रतियोगिता तथा चीन में अध्ययन करने का परामर्श आदि गतिविधियां चलती हैं । कंफ्यूशर्स अकादमी विदेशियों के लिए चीनी भाषा सीखने तथा चीन की जानकारियां प्राप्त करने का महत्वपूर्ण स्थल बन गया है ।

चीनी भाषा पर ज़ोर देने के चलते चीनी भाषा अध्ययन की पाठ्य पुस्तकों के प्रकाशन में भी गरमी दिखाई पड़ी है । विदेशों में चीनी भाषा सिखाने के लिए चीनी राजकीय दफ्तर की प्रधान सुश्री शू लिन ने यह चिन्ता प्रकट की कि चीनी भाषा पर पड़ रहे ज़ोर के सामने मौजूदा चीनी भाषा पाठ्य पुस्तक पिछड़ी साबित हो रही हैं ,विदेशियों को चीनी भाषा सिखाने वाली सामग्री कम है । चीनी-अंग्रेज़ी पाठ्य पुस्तक अपेक्षाकृत अधिक हैं । पर रूसी , जापानी , फ्रांसीसी , स्पेनिश और अरबी में लिखित चीनी भाषा अध्ययन सामग्री बहुत ही कम है । साथ ही यह सवाल भी चर्चा का विषय बन रहा है कि विदेशियों को चीनी भाषा सिखाने का तरीका अलग ही होना चाहिये , पर हमारी मौजूदा सामग्री में इस बात पर काफी ध्यान नहीं रखा गया है ।

पता चला है कि चीन के उच्च शिक्षालय तथा प्रकाशघर विदेशियों को चीनी भाषा सिखाने वाली सामग्री का पुनः संशोधन करेंगे , मौजूदा चीनी भाषा अध्ययन पाठ्य पुस्तकों का नवीनकरण करेंगे। साथ ही चीनी भाषा अध्ययन की डिजिडल सामग्री के प्रकाशन पर भी जोर दिया जाएगा ।

भविष्य में चीन विदेशों में चीनी भाषा सिखाने के लिए अधिक स्वयंसेवक भेजने के साथ-साथ अपने यहां चीनी भाषा सिखाने वाले उपकरणों व शर्तों का निरंतर सुधार करेगा , ताकि चीन में आने वाले विदेशी छात्रों को चीनी भाषा सीखने की अच्छी सुविधा मिल सके ।