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(GMT+08:00) 2006-07-27 09:08:20    
पेइचिंग की कई सौ वर्ष पुरानी गलियां खुद में ही एक कला भी हैं

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प्रिय दोस्तो , चीन की राजधानी पेइचिंग की गलियों के बारे आप को कुछ न कुछ मालूम हो गया है । इस संदर्भ में कहा जाता है कि पेइचिंग की गलियों ने साधारण पेइचिंग वासियों के आने-जाने के रास्ता का ही काम नहीं किया , बल्कि एक स्थानीय विशेष रीति रिवाजों के अजायब घर का रूप भी ले लिया है । सामाजिक जीवन की बहुत सी छापें भी इन पर पड़ी देखी जा सकती हैं ।

पिछले कई सौ सालों में ये बेशुमार गलियां इतनी तेजी से विकसित हुई हैं कि उन की गिनती नहीं की जा सकती । कुछ लोगों का कहना है कि पेइचिंग शहर में नामधारी गलियों की संख्या तीन सौ साठ है , जबकि अनाम गलियों की संख्या तो उतनी है जितनी गाय भैंसों के शरीर पर बाल । पेइचिंग शहर में एक समय छह हजार से अधिक गलियां थीं । देखने में पेइचिंग शहर की गलियों का रंग मटमैला सलेटी है और उन का आकार-प्रकार एक जैसा है , पर हरेक गली के पीछे अपनी कहानी छिपी हुई है । लोकाचार के विद्वान श्री ली तेह मिंग ने कहा कि गलियों के अपने-अपने नामों से तत्कालीन विशेषताओं का पता लगाया जा सकता है । कुछ गलियों के नाम पर स्थानीय लोगों की आशाएं भी बंधी हुई हैं ।

श्री ली तेह मिंग ने बताया कि एक गली का नाम है-- सौ फूलों की महक , यह नाम सुनकर बड़ा अच्छा लगता है । कुछ गलियों का नाम तो वहां रहने वाले किसी व्यक्ति के नाम पर ही रखा गया है ।

श्री ली तेह मिंग ने आगे कहा कि किसी गली का आकार-प्रकार यदि बांस जैसा है , तो उसे बांस-गली का नाम दिया गया , इसी तरह किसी गली का नाम हुक्का गली है , क्योंकि हुक्का बेचने वाले लोग ज्यादातर उस गली में रहते थे ।

आज ये गलियां पेइचिंग के निवासियों के दैनिक-जीवन से ही घनिष्ठ रूप से नहीं जुड़ी हैं , एक अर्थ में इस प्राचीन शहर की विशेष पहचान भी बन चुकी हैं । इन गलियों में घूमते हुए आप पेइचिंग की ऐतिहासिक व वर्तमान स्थिति की प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आम चीनियों का वास्तविक जीवन भी नजदीक से देख सकते हैं । दक्षिण चीन में रहने वाले प्रसिद्ध चीनी स्याही चित्रकार श्री ख्वांग हान को पेइचिंग की गलियों से विशेष लगाव है ।

पेइचिंग की कई सौ वर्ष पुरानी गलियां खुद में ही एक कला भी हैं । वे एक अनुभवी बुजुर्ग की तरह झुर्रीदार होने के साथ-साथ अपनी विशेष पहचान बना लेती हैं ।

पेइचिंग के श छा हाई क्षेत्र के इर्द-गिर्द की गलियां देखने लायक हैं । श छा हाई क्षेत्र पेइचिंग के केंद्र में स्थित है और वह छ्येन हाई , हो हाई और शी हाई नामक तीन झीलों से घिरा हुआ है । छ्येन हाई व हो हाई इन दोनों झीलों के संगम पर एक बहुत सूक्ष्म सुंदर गोलाकार इन त्येन सेतु निर्मित हुआ है । इन त्येन सेतु के दोनों ओर का प्राकृतिक दृश्य बहुत सुंदर है , साफ-सुथरे मौसम में इन त्येन सेतु पर चढ़ कर उपनगर में खड़े पर्वत देखे जा सकते हैं । और तो और श छा हाई क्षेत्र में गलियां , चार दीवारी , घर और हस्तियों के शानदार हाऊस भी बड़े ढ़ंग से सुरक्षित हुए हैं ।

इधर के सालों में शहर के निर्माण के विकास के चलते पेइचिंग शहर में गगनचुम्बी इमारतें एक के बाद बनती गयी हैं , जबकि गलियों की संख्या कम होती जा रही है । पर पेइचिंग नगर पालिका ने अब विशेष तौर पर कुछ विशेषताओं वाली गलियों के संरक्षण को महत्व देना शुरू किया है । देशी-विदेशी पर्यटकों को इसे ध्यान में रखकर पेइचिंग की अनेक पर्यटन कम्पनियां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पेइचिंग की गलियों के भ्रमण की विविध विषयों वाली गतिविधियां आयोजित करती हैं ।

जर्मनी से आये पर्यटक गोंटेर वेन ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि रिक्शे की सवारी पेइचिंग की गलियों के दौरे के लिए बेहद सुविधाजनक व मज़ेदार है और बहुत नजदीक से इन गलियों को देखने का मौका भी प्रदान करती है ।

मैं ने भारत में भी इस प्रकार का रिक्शा देखा है । यह बहुत सुविधाजनक है और टैक्सी से बेहतर है , क्योंकि आप को संकरी गलियों के हर कोने तक पहुंचाने में समर्थ है । पेइचिंग की गलियां भी अपने ढंग की हैं । गगनचुम्बी इमारतों और रौनकदार वाणिज्य केंद्रों की तुलना में मुझे इन गलियों से ज्यादा लगाव है ।