धूम्रपाल का बुरा प्रभाव विश्व भर में सर्वमानित है । और धूम्रपान विरोध के लिए धूम्रपान विरोधी दिवस भी हर साल मनाया जाता है । पर बहुत से लोग फिर भी रोज़ धूम्रपान के धुएं में फंसते हैं और धूम्रपान करने वालों की औसत उम्र भी पहले से कम हुई है । लोग जानते हैं कि धूम्रपान करने से मानव शरीर की तमाम इंद्रियों को नुकसान पहुंचता है और रक्तचाप के बाद विश्व में तंबाकू ही नम्बर दो घातक हत्यारा है ।
रिपोर्ट है कि वर्तमान में विश्व भर में कुल एक अरब दस करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं । कहा जाता है कि उन का आधा भाग अपनी इस लत से छुटकारा पाना चाहता है । लेकिन बहुत से धूम्रपान करने वालों का अनुभव है कि उन का धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने का प्रयास बार-बार असफल होता है । चीनी रोग रोकथाम केंद्र की उप प्रधान , सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुश्री यांग गूंग ह्वान ने कहा , धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने वालों के लिए सब से अधिक महत्वपूर्ण बात है-- संकल्प । साथ ही उन के आसपास का वातावरण भी सही होना चाहिये । बेशक सिग्रेट पीने वालों को कुछ दवा खाने की ज़रूरत भी है ।
सुश्री यांग का कहना है कि कल्पना , वातावरण तथा दवा धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने के सब से मूलभूत तत्व हैं । इन में सर्व प्रथम है कल्पना । क्योंकि धूम्रपान करने वालों को यह महसूस होना चाहिये कि धूम्रपान करना कोई सभ्य आदत नहीं है,और वह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकर है । पेइचिंग में रहने वाली ली क्वेइ चेन ने कहा , धूम्रपान करने वालों को कोई फायदा नहीं है । मैंने अनेक वर्षों तक धूम्रपान किया है , अब मेरी बलगम का रंग भी काला हो गया है।
दूसरे बहुत से लोगों ने भी बताया कि धूम्रपान करने की वजह से उन के गले में बहुत सी बलगम पैदा हो रही है , और इस तरह वे अक्सर खांसते रहते हैं । लेकिन कुछ दूसरे लोगों का कहना है कि धूम्रपान करने का फायदा भी है , जैसे तंबाकू से मच्छर जैसे कीड़ों को खदेड़ा जा सकता है और धूम्रपान करने वालों के मुंह में बैसीली( जीवाणुओं से होने वाला रोग) की मात्रा भी बहुत कम है । और यह कहानी भी सुनायी जाती है कि प्राचीन काल में जब एक सेना संक्रमित रोग क्षेत्र से गुज़री ,तो केवल धूम्रपान करने वाले सिपाही ही जिन्दा बाहर निकल सके। और कुछ का कहना है कि धूम्रपान करने वाले धूम्रपान छोड़ने के बाद रोगी बन सकते हैं।
उक्त गलत कथनों से धूम्रपान करने वालों के ऊपर भारी प्रभाव पड़ता है । इसलिए वैज्ञानिक जानकारी पाना बहुत महत्वपूर्ण है । वैज्ञानिक प्रयोग के जरिये इस बात की पुष्टि की गयी है कि धूम्रपान करने से लोगों के स्वास्थ्य को लाभ नहीं , सिर्फ हानि पहुंचती है । चाहे धूम्रपान करने वाले कितने ही पुराने या कितने ही लंबे अर्से से धूम्रपान कर रहे हों , उन्हें धूम्रपान छोड़ने का लाभ ही मिलेगा । धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान छोड़ने के बाद कुछ समय के लिए अजीब सा लगता है , पर वह रोग नहीं है ।
पर ऐसी कल्पना उपलब्ध होने के सिवा धूम्रपान विरोधी वातावरण भी बहुत महत्वपूर्ण है । इस वातावरण में सामाजिक वातावरण और धूम्रपान करने वालों के आसपास का वातावरण सब शामिल हैं । अब तक विश्व के 190 देशों ने तंबाकू नियंत्रण ढ़ांचागत संधि में भाग लिया है । सार्वजनिक विज्ञापनों में तंबाकू संबंधी प्रसारण पर रोक लगाई जा रही है । विभिन्न देशों ने अधिकाधिक तंबाकू विरोधी कानून जारी किये हैं और धूम्रपान विरोधी सामाजिक वातावरण को मजबूत किया जा रहा है ।
लेकिन धूम्रपान करने वालों के आसपास का वातावरण भी बहुत महत्वपूर्ण है । धूम्रपान करने वालों को अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को धूम्रपान छोड़ने की अपनी कल्पना बतानी चाहिये , ताकि वे मदद प्रदान कर सकें। और धूम्रपान करने वालों को एक दूसरे की मदद भी करनी चाहिये ।
लेकिन तंबाकू की लत में फंसने वालों के लिए केवल कल्पना ही काफी नहीं है , उन्हें अपनी लत से छुटकारा पाने के लिए दवा लेनी ही पड़ेगी । क्योंकि तंबाकू को छोड़ने के बाद धूम्रपान करने वालों को उदासीनता ,कष्टश्वास और सिरदर्द आदि होता है , उपयोगी दवा खाकर वे इन लक्षणों से छुटकारा पा सकते हैं । वर्तमान में धूम्रपान की लत से छुटकारा दिलवाने की तीन किस्म की दवाएं हैं , यानी तंबाकू विरोधी च्यूंगम, निकोटिन विरोधी दवा तथा वैलब्ट्रीन । तंबाकू विरोधी च्यूंगगम खाने से धूम्रपान करने की इच्छा को जल्द ही काबू में किया जा सकता है । दूसरी दो किस्म की दवाएं खाने से भी धूम्रपान करने वालों को इस लत से छुटकारा पाने के दौरान मदद मिल सकती है ।
बहुत से लोगों ने धूम्रपान की अपनी लत से छुटकारा पाने में विजय प्राप्त की है । पर यह बात चर्चित है कि धूम्रपान को छोड़ने के छः माह के भीतर पुनः धूम्रपान करने का भारी खतरा है । सुश्री लू श्यो श्या तीस सालों से धूम्रपान कर रहीं थीं । एक साल पहले उन्होंने तंबाकू छोड़ दिया , पर एक साल बाद उन्होंने सिग्रेट को अपनी जेब में पुनः रख लिया और अब वे पहले से और अधिक सिग्रेट पीती हैं । सुश्री लू ने कहा, दूसरों ने मुझ पर आरोप लगाते हुए पूछा है कि क्यों मैं सिग्रेट को नहीं छोड़ सकी । पर मेरी ज़िन्दगी में बचा ही क्या है , सिर्फ सिग्रेट ही तो है ।
ऐसी कहानी जगह-जगह सुनने को मिलती है । वास्तव में सिग्रेट को छोड़ने और इसे फिर से अपने मुंह से लगाने की कहानी बहुत से लोगों की आपबीती है। धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने में हारने के बावजूद उदासीनता,खेद,कष्ट या अपनी क्षमता के प्रति संदेह करने की ज़रुरत नहीं है । एक बार की कोशिश से धूम्रपान को छोड़ सकने वाले व्यक्ति बहुत कम हैं । आंकड़े बताते हैं कि धूम्रपान करने वाले औसतन सात बार कोशिश करने के बाद अपने को इस लत से मुक्त करा सकते हैं । इसलिए यह कहा जाता है कि अगर आप सचमुच धूम्रपान को छोड़ना चाहते हो , तो आप अपने कष्टों से अन्त में निश्चय ही विजय पा सकेंगे ।
|