• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2006-07-24 16:14:54    
चीनी पर्यावरण संरक्षण स्वयंसेवक छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग की रेल गाड़ी में

cri

पहली जुलाई को विश्व की सब से ऊंचाई पर निर्मित छिंग हाई तिब्बत रेल मार्ग की यातायात विधिवत रूप से शुरू हो गयी है । इस रेल मार्ग की यातायात शुरू होने से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में रेल मार्ग न होने का इतिहास समाप्ता हो गया है और उस का रेल मार्ग के आसपास इलाकों की आर्थिक व सामाजित विकास के लिये भारी महत्व है । लेकिन छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग की यातायात शुरु होने के साथ साथ छिंगहाई तिब्बत पठार के संवेदनशील पारिस्थितिकी पर्यावरण के संरक्षण पर ध्यान दिन ब दिन केंद्रित हो गया है । वर्तमान में चीन में एक गैर सरकारी पर्यावरण संरक्षण संगठन ने इस संदर्भ में कुछ स्वयंसेवकों को छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग की रेल गाड़ी में पर्यावरण संरक्षण जानकारी का प्रचार प्रसार करने को प्रोत्साहन दिया है ।

छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग चीन में प्रथम पारिस्थितिकी पर्यावरण संरक्षण वाला रेल मार्ग माना जाता है । इस रेल मार्ग की डिजाइन व उस के निर्माण के दौरान पारिस्थितिकी व पर्यावरण से जुड़े सवालों का अच्छी तरह समाधान किया जा चुका है और इस रेल मार्ग के पर्यावरण को बनाये रखने में कुल एक अरब 50 करोड़ य्वान का अनुदान दिया गया है । लेकिन इस रेल मार्ग की यातायात शुरू होने के बाद तिब्बत में अधिक मालों और यात्रियों में वृद्धि , खासकर बड़ी तादाद में बाहरी यात्रियों की संख्या बढ़ने से छिंगहाई तिब्बत पठार के संवेदनशील पर्यावरण पर भारी दबाव पड़ गया है , और तो और ये यात्री एक संभावित दूषित स्रोत बन सकते हैं ।

ऐसी स्थिति को ध्यान में रखकर गत महीने में एक गैर सरकारी पर्यावरण संरक्षण संगठन यानी हरित नदी पर्यवारण संरक्षण संवद्धन संघ ने इस रेल मार्ग की रेल गाड़ी में पर्यावरण संरक्षण धारणा को लोकप्रिय बनाने के लिये स्वयंसेवकों को दाखिला दिया है । इस संगठन के अधिकारी श्री यांग शिन ने परिचय देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन का उद्देश्य स्वयंसेवकों के प्रयासों के जरिये रेल गाड़ी के सवारियों को छिंग हाई तिब्बत पठार के पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी मूल जानकारियों पर महारत हासिल करने देना ही है , ताकि वे तिब्बत में प्रविष्ट होने के बाद स्थानीय तिब्बती निवासियों के साथ मिलकर छिंगहाई तिब्बत पठार के पर्यावरण का संरक्षण कर सके ।

उन्हों ने कहा कि छिंगहाई तिब्बत पठार के पर्यावरण संरक्षण का संस्थापन काफी संपूर्ण नहीं है और वहां का आर्थिक आधार भी अपेक्षाकृत कमजोर है , इसलिये पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कमियां मौजूद हैं । एकदम अधिक मालों व यात्रियों के तिब्बत में प्रवेश होने से छिंगहाई तिब्बत पठार के पर्यवारण संरक्षण पर बड़ा दबाव पड़ गया है । अतः हम रेल गाड़ी के सवारियों को प्रशिक्षण के जरिये पर्यावरण संरक्षण की धारणा को लोकप्रिय बनाना और इस संभावित दूषित स्रोतों को पठार के हरित दूतों के रूप में बदलना चाहते हैं , यही यह आयोजन करने का हमारा इरादा है ।

रिपोर्ट के अनुसार इस पर्यावरण संरक्षण अभियान में हिस्सेदार स्वयंसेवकों की बढ़िया शारीरिक गुणवत्ता है , साथ ही उन्हें समृद्ध पठारीय पर्यावरण संरक्षण ज्ञान और विदेशी भाषा आने की जरूरत भी है । इन स्वयंसेवकों को आयोजन शुरू होने से पहले पांच दिन की ट्रेनिंग लेनी होगी ।

वर्तमान में इस आयोजन के लिये तीसेक स्वयंसेवकों को भरती करायी गयी है , वे तीन ग्रुपों में बांटे जायेंगे और हरेक ग्रुप बीस दिन के लिये काम करेगा । वे प्रसारण , प्रचार प्रतियों के वितरण और सवारियों के साथ आदान प्रदान जैसे माध्यमों के जरिये छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग के ईर्द गिर्द पर्यटन स्थलों और जंगली जानवरों व पर्यावरण संरक्षण की मौजूदा स्थिति से अवगत करायेंगे ।

श्री यांग शुन इस पर्यावरण संरक्षण अभियान में भाग लेने वाला स्वयंसेवक हैं । उन्हों ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मुझे लगता है कि हरित नदी पर्यावरण संरक्षण संवर्द्धन संघ द्वारा आयोजित जितनी भी गतिविधियों में मौजूदा अभियान का खास महत्व है । क्योंकि इस बार हम विशाल यात्रियों के आमने सामने पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी जानकारियों का प्रचार प्रसार कर देंगे ।

वर्तमान इस पर्यावरण संरक्षण अभियान पर तिब्बती पर्यवारण संरक्षण विभाग का ध्यान आकर्षित हो गया है और सरकारी अनुदान प्राप्त करने की संभावना है । चीनी हरित नदी पर्यावरण संरक्षण संवर्द्धन संघ के अधिकारी ने कहा कि वे विभिन्न सामाजिक जगतों की ओर से समर्थन प्राप्त करने की कोशिश करेंगे , ताकि इसी प्रकार का अभियान दीर्घकालिक रूप से जारी रहेगा ।