दोस्तो,चीन एक बहुलजातीय देश है,जिस में बहुसंख्यक हान जाति के अलावा 55 अल्पसंख्यक जातियां भी हैं। इन अल्पसंख्यक जातियों की सघन आबादी के अनुसार अलग-अलग जातीय स्वशासन प्रदेश कायम हुए हैं।क्वांगशी ज्वांग स्वायत्त प्रदेश उन में से एक है।कुछ समय पूर्व इस जातीय स्वायत्त प्रदेश ने अपनी विशेष कला-संस्कृति के परिचय और प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से पेइचिंग में एक सांस्कृतिक गतिविधि चलाई,जिस का नाम है क्वांगशी सांस्कृतिक नाव का पेइचिंग में प्रवेश।
"क्वांगशी सांस्कृतिक नाव का पेइचिंग में प्रवेश " गतिविधि के उद्घाटन-समारोह में सुप्रसिद्ध स्थानीय लोक गीत व नृत्य प्रस्तुत किए गए।《पा क्वे गीत-नृत्य 》नाम की यह सांस्कृतिक कार्यक्रम चीनी राजकीय कला-मंच द्वारा चुने गए एक सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में देश के दसेक प्रमुख शहरों में लगभग 120 बार प्रस्तुत की जा चुकी है औऱ इसे खूब प्रशंसा भी मिली है।
क्वांगशी ज्वांग स्वायत्त प्रदेश चीन के दक्षिणी छोर पर स्थित है।वहां क्वे नामक एक नस्ल के पेड़ बहुतायत में मिलते हैं,सो इस प्रदेश का संक्षिप्त नाम क्वे या पा क्वे रखा गया है।इस प्रदेश में ज्वांग,हान,याओ,तुंग और चिंग आदि 12 जातियों के लोग रहते हैं और उन की संस्कृतियों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं।《पा क्वे गीत-नृत्य 》सांस्कृतिक प्रस्तुतीकरण में इन जातियों के गीत-नृत्य,हस्तशिल्प औऱ वेशभूषाएँ शामिल हैं।
"क्वांगशी सांस्कृतिक नाव का पेइचिंग में प्रवेश "गतिविधि के दौरान ज्वांग जाति के प्रथम ऐतिहासिक काव्य के रूप में माने जाने वाले नृत्य-नाटक《मालर की आकाश-यात्रा》 और विख्यात परंपरागत नाच-गान नाटक《ल्यू सान-च्ये》 भी पेइचिंग के सांस्कृतिक मंच पर अपनी छाप छोड़ने में बहुत सफल रहे ।दर्शक उन की झटके जैसी बड़ी कला-शक्ति से बेहद प्रभावित हुए।इस के अतिरिक्त चित्र-प्रदर्शनी, पर्यटन-उत्सव और सेमिनार आदि आयोजनों के जरिए क्वांगशी की जीती-जागती तस्वीर दर्शायी गई।"क्वांगशी सांस्कृतिक नाव का पेइचिंग में प्रवेश "गतिविधि के संयोजक,क्वांगशी ज्वांग स्वायत्त प्रदेश के सरकारी अफसर श्री ली ची-हंग ने इस गतिविधि के नाम की व्याख्या करते हुए कहाः
"यहां इस नाम के तीन मायने हैं।पहला यह कि यह नाव पेइचिंग में आने के बाद देश के दूसरे क्षेत्रों और विदेशों के लिए भी रवाना होने को तैयार है।दूसरा यह कि यह नाव क्वांगशी के आर्थिक सुधार-कार्य में प्राप्त उपलब्धियों और क्वांगशी की विभिन्न जातियों के 4 करोड़ 90 लाख से अधिक लोगों की मैत्री लेकर पेइचिंग आयी है औऱ तीसरा यह कि नाव काव्य-रस लेने वाला एक प्रकार का यातायात-साधन है,लोग इस से प्रेरित होकर समृद्ध कल्पनाएं कर सकते हैं।"
इस गतिविधि के एक भाग के रूप में 《मनोहर क्वांगशी—चित्र-प्रदर्शनी》पेइचिग की चहल-पहल वाली छांगआन सड़क पर अवस्थित चीनी शताब्दी मंच के हॉल में लगाई गई।ये चित्र सब के सब क्वांगशी के नामी चित्रकारों की कृतियां हैं,जो स्थानीय उद्योग,कृषि,विज्ञान-
तकनीक,शिक्षा व चिकित्सा आदि के विकास की स्थिति और लोगों का जीवन प्रतिबिंबित करते हैं।चीनी ललित कलाकार संघ के अध्यक्ष श्री चिन शांग-ई ने कहाः
"क्वांशी के चित्रकार देश के ललितकला जगत में काफी सक्रिय हैं।इधर कुछ वर्षो में उन्हो ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विभिन्न विषयों वाली चित्र-प्रदर्शियां लगाई हैं।उन की कृतियां देखकर हमें महसूस हुआ है कि उन के विचार बहुत सक्रिय हैं और कला-स्तर बहुत ऊंचा है।एक समूह के रूप में उन की क्षमता औऱ प्रगति आश्चर्यजनक है।"
ललितकला की तरह क्वांगशी का साहित्य,फिल्में,संगीत और मंचन-कला भी ध्यानाकर्षक है।चीन में सुप्रसिद्ध साहित्यकार क्वे-ची और तुंग-शी ही क्वांगशीवासी हैं और दोनों को देश के साहित्य जगत के प्रमुख पुरस्कार—"लु-श्युन साहित्य पुरस्कार" से नवाजा गया है।इधर के वर्षों में दर्शकों में धूम मचाने वाली फिल्मों 《हीरो》,《सुख के दिन》,《जाल》और 《नाई》के निर्माता व निर्देशक भी क्वांशीवासी हैं।इस के अलावा क्वांगशी की राजधानी नाननिंग में लोकगीत उत्सव का वार्षिक आयोजन भी और ज्यादा मशहूर है।अब यह आयोजन एक अंतर्राष्ट्रीय नाच-गान मंच बन गया है।
"सांस्कृतिक नाव"में सवार होकर क्वांगशी के साहित्यकारों,फिल्मकारों,चित्रकारों,
गायक-गायिकाओं और गतिविधि के संयोजकों ने पेइचिंग के अनेक उच्च शिक्षालयों का दौरा किया और शिक्षकों व विद्यार्थियों के साथ सीधी बातचीत की।पेइचिंग के विमनना व अंतरिक्ष विश्वविद्यालय में गायकों और गायिकाओं ने लोकगायन प्रस्तुत किया।सुश्री ल्यू ली-लिंग उन गायिकाओं में से एक है,जो पिछले 8 सालों से नाननिंग अंतर्राष्ट्रीय लोककला उत्सव की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रही हैं।उन का कहना हैः
"मेरी आशा है कि यहां शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ विचारों के आदान-प्रदान से उन लोगों की जो पहले से ही लोकगीत पसन्द करते हैं, लोकगीतों में दिलचस्पी और अधिक बढ जाएगी। और जो लोग लोकगीत पसन्द नहीं करते हैं,वे हमारा अभिनय देखकर और हमारे साथ बातचीत कर लोकगीतों की ज्यादा जानकारी प्राप्त करेंगे और लोकगीतों में कुछ रूचि लेंगे।"
क्वांगशी के इन गायकों और गायिकाओं द्वारा गाए गए स्थानीय लोकगीत सुनने के बाद शिक्षकों और विद्यार्थियों ने कहा कि उन्हें पहले ये विशिष्ट लोकगीत सुनने का मौका कभी नहीं मिला है।वे इन गीतों से बड़े प्रभावित हुए हैं।
"गायकों और गायिकाओं को लोकगायन प्रस्तुत करते देखना और नज़दीक से गाते हुए सुनना बहुत अच्छा अनुभव है।इन गायकों और गायिकाओं के हमारे बीच आने से लोकगीतों और हमारे बीच की दूरी स्वाभाविक रूप से कम हो गई है या मिट गई है।"
"मैं पेइचिंगवासी हूं, कभी भी क्वांगशी नहीं गई।लेकिन मेरे कई सहपाठी क्वांगशी से हैं।उन्हो ने मुझे बताया कि क्वांगशी का 'सान य्वे सान 'लोकगीत उत्सव काफी नामी है।मुझे लगा कि आज यहां हम ने क्वांगशी के गायकों और गायिकाओं के साथ ही जैसे उस उत्सव को मनाने का आनन्द उठाया है।यह सचमुच एक अच्छा अनुभव है "
"क्वांगशी सांस्कृतिक नाव" पेइचिंग में जहां कहीं पहुंची,वहां उस का उत्साहपूर्ण स्वागत किया गया।क्योंकि उस ने क्वांगशी की संस्कृति व कला का प्रचार-प्रसार करने के साथ साथ पेइचिंगवासियों तक अपनी यह शुभकामना भी पहुंचाई है कि पेइचिंग वर्ष 2008 में ऑलंपिक खेलों के आयोजन में सफल रहे।ध्यान रहे इस गतिविधि के अंतर्गत "खुला क्वांगशीःचीन—एशियान मेला प्रदर्शनी" भी लगाई गई,जिस में चीन और एशियान के बीच पुल के रूप में क्वांगशी द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका का परिचय दिया गया।
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