• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Monday   Jun 2th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2006-07-19 08:45:52    
छिंगहाई तिब्बत रेलवे लाइन के दोनों किनारों पर रमणीक प्राकृतिक पर्यटन स्थल

cri

प्रिय मित्रो , शायद आप को इधर दिनों में हमारे कार्यक्रम में विश्व की सब से लम्बी पठारीय रेलवे लाइन छिंगहाई तिब्बत रेलमार्ग का नाम बार बार सुना ही होगा । क्योंकि यह नवनिर्मित रेलमार्ग विश्व में सब से लम्बी पठारीय रेलमार्ग ही नहीं , उस की यातायात सेवा भी पहली जुलाई को शुरू होने वाली है , इसलिये हाल ही यह नवनिर्मित रेलमार्ग चीनी लोगों के बीच एक चर्चित विषय बन गया है । आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ इस रेल मार्ग के दोनों किनारों पर स्थित मनमोहक प्राकृतिक दृश्य देखने ले चलते हैं ।

प्रिय दोस्तो , नवनिर्मित छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग छिंगहाई प्रांत की राजधानी शिनिंग शहर से शुरू होकर तिब्बत की राजधानी ल्हासा शहर तक पहुंच जाती है । शिनिंग शहर चीन का एक प्राचीन पठारीय शहर माना जाता है और इस शहर की ह्वांगचुंग कांऊटी के ल्येनह्वा पर्वत की तलहटी में खड़ा ताल्स मठ यानी पगोड़ा मठ सब से विख्यात है । ताल्स मठ तिब्बती बौद्ध धर्म की गलुबा शाखा के संस्थापक आचार्य चुंगकाबा का जन्म स्थान ही नहीं , वह उत्तर पश्चिम चीन के बौद्ध धर्म यानी लामा धर्म का केंद्र भी रहा है । ताल्स मठ के तिब्बती व हान जातीय विशेष वास्तु शैलियों से सुसज्जित प्रमुख भव्यदार भवनों ने अपनी अलग पहचान बनाई है ।

पर्यटक शिनिंग शहर से प्रस्थान होकर उत्तर पूर्वी छिंगहाई तिब्बत पठार में स्थित छिंगहाई झील तक पहुंच सकता है । यह झील चीन की सब से बड़ी नमकीन पानी वाली झील के नाम से काफी नामी है और वह समुद्र की सतह से तीन हजार दो सौ साठ मीटर की ऊंचाई पर स्थित है । हर वर्ष के अप्रैल से जुलाई तक इस दस हजार हैक्टर विशाल झील के बीचोंबीच खड़े द्वीप पर कई लाख मौसमी पक्षियां एकत्र हो जाते हैं , उन में कुछ नीले आकाश पर मंडराते उड़ते नजर आते हैं , कुछ झील के स्वच्छ पानी में क्रीड़ा करते हुए दिखाई देते हैं और अन्य कुछ झील के तटीय रेत पर बैठे हुए चहचहा करने में होड़ सी लगाते जान पड़ते हैं । कोई भी व्यक्ति इस प्राकृतिक विनोदपूर्ण दृश्य को देखकर एकदम प्रसन्न हो उठता है ।

छिंगहाई झील से रवाना होकर और आठ सौ किलोमीटर का रास्ता तय कर गोबिस्तान पर स्थापित नये शहर कोरमू तक पहुंच जाता है । यहां पर चीन की सब से बड़ी क्षार झील ---छालहान क्षार झील पायी जाती है , धूप में यह विशाल झील एक भीमकाय आइने की तरह सफेद या हल्का नीला रंग छोड़ कर बहुत सुंदर दिखाई देती है , और तो और यह चमकदार प्राकृतिक दृश्य समय समय पर भी बदलता रहता है । उत्तर पश्चिम तोरमू में सौ किलोमीटर लम्बी और दसियों किलोमीटर चौड़ी यादाल भूसूरत भी अजीबोगरीब है । छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग के निर्माण से देशी विदेशी पर्यटकों को यहां का अद्भुत प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलेगा ही नहीं , यहां के आर्थिक विकास को बढ़ावा भी दिया जायेगा । इस शहर में रहने वाले यांग चंग सन नामक युवक ने प्रसन्नता से इस नव निर्मित रेल मार्ग की चर्चा में कहा कि इस रेल मार्ग की यातायात शुरू होने के बाद हम तिब्बत के दौरे पर जाकर वहां का मनोहर प्राकृतिक दृश्य और प्रसिद्ध पोताला महल आंखे भरकर देख सकेंगे , इतना ही नहीं , इस रेल मार्ग के निर्माण से हमारे तोरमू के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा , बिजनेज करने के लिये सुविधाएं उपलब्ध होंगी , जिस से हमारा जीवन स्तर और आमदनी अवश्य ही बढ़ जायेगी ।

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040