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(GMT+08:00) 2006-07-12 17:25:07    
चीन के रास्तों पर चल रही विद्युत गाड़ियां

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हाल ही में तेल दाम में वृद्धि तथा पर्यावरण संरक्षण की मांग से विश्व भर में साफ ऊर्जा के प्रयोग वाली मोटर गाड़ियों का चलन होने लगा है । चीन के शहरों में भी ऐसी गाड़ियां नजर आ रही हैं , जो भविष्य की मोटर गाड़ियां कहलाती हैं । यह गाड़ी तेल या प्राकृतिक गैस के जरिये नहीं , विद्युत से चलती हैं ।

विद्युत गाड़ियों के अनुसंधान व उत्पादन का दर्जनों वर्षों का इतिहास है। लेकिन पर्याप्त तेल आपूर्ति के समय उच्च दाम पर विचार करने के बाद कम लोग विद्युत गाड़ियों को विकल्प के रुप में चुनते हैं । लेकिन इधर कुछ समय से विश्व में तेल व प्राकृतिक गैस समेत गैर-पुनरूत्पादनीय ऊर्जा को छोड़कर स्वच्छ ऊर्जा की ओर रूझान बढने लगा है । विद्युत ऊर्जा, ऊर्जा के इन सभी माध्यमों में सब से साफ और सुविधाजनक है । क्योंकि विद्युत का प्रयोग करने से प्रदूषण पैदा नहीं होता है और विद्युत का उत्पादन नाभिकीय और पवन आदि से किया जा सकता है । आर्थिक समाज में सब लोग दाम को नज़रांदाज नहीं कर सकते। तेल के दामों के निरंतर बढ़ने से गाड़ी चलाने वालों के कंधों पर दिन ब दिन बोझ बढ़ता जा रहा है । उत्तरी चीन के शेनयांग शहर में रहने वाले श्रई चांग ने कहा ,  तेल दाम में बड़ी तेज़ी से वृद्धि होती देख हमें बहुत भारी महसूस हो रहा है । अब गाड़ी चलाने के लिए तेल खरीदने का खर्च भी दिन ब दिन बढ़ रहा है । दूसरी तरफ तेल जलाने से जलवायु भी बिगड़ती है । इसलिए अब बिना तेल वाली गाड़ी की जरुरत है।

लेकिन श्री चांग की बात कोई बाल-कथन नहीं है । विद्युत-गाड़ी तेल का प्रयोग नहीं करती है , और इस का उत्पादन करने की तकनीक बहुत पहले परिपक्कव हो चुकी है । चीन ने वर्ष 1990 से अपनी विद्युत गाड़ी का अनुसंधान व उत्पादन शुरू किया था। अब चीन निर्मित अनेक किस्म वाली विद्युत गाड़ियां सड़कों पर दिखाई दे रही हैं । चीनी विद्युत गाड़ियों की तीन किस्में हैं , यानि बैटरी से चलने वाली शुद्ध विद्युत गाड़ी , विद्युत व तेल दोनों से चलने वाली मिश्रित विद्युत गाड़ी तथा हाइड्रोजन से विद्युत बनाने वाले ईंधन बैटरी गाड़ी ।

पेइचिंग विज्ञान व उद्योग विश्वविद्यालय की महिला तकनीशियन सुश्री हान विद्युत गाड़ी के अनुसंधान में लगी हुई हैं । उन्हों ने संवाददाता से कहा कि उन के विश्वविद्यालय में विकसित विद्युत बस अब पेइचिंग की सड़कों पर चल रही हैं। उन्हों ने कहा कि हमारे द्वारा निर्मित बस देखने में आम बसों की ही तरह है, लेकिन वह तेल नहीं, बैटरी से चलती है । इस की बैटरी और हमारे सेलफोन में उपयोग होने वाली बैटरी एक ही है । बैटरी को चार्ज करने के बाद यह बस 150 से 300 किलोमीटर दूरी तक चल सकती है । अब यह बस पेइचिंग के नम्बर 121 बस मार्ग पर चलने लगी है ।

पेइचिंग नम्बर 121 बस स्टेशन पर यह देखा जा सकता है कि स्टेशन पर दर्जनों विद्युत बसें खड़ी हैं । बस के ड्राईवर के अनुसार विद्युत बस बिना कोई आवाज किए चलती है , और कोई प्रदूषण नहीं पैदा करती । बस पर सवार यात्रियों का कहना है कि ऐसी गाड़ी में तेल के जलने की बू भी नहीं आती । इसलिए यह बस ज्यादा लोकप्रिय हो रही है ।

आम बसों में और विद्युत बसों में सवार होने में कोई फर्क नहीं है । लेकिन विद्युत बस कम प्रदूषण पैदा करती है । अगर हम अधिक विद्युत गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं , तो शहर में वायु भी अधिक साफ होगी । वर्तमान में पेइचिंग के सिवा वूहान , थिएनचिन और वेइहाई आदि शहरों में विद्युत बसें चलने लगी हैं । ऐसी बसें दिन में चलती हैं और रात को इन्हें चार्ज किया जाता है । शहरों में रात को विद्युत का कम प्रयोग होता है , इसलिए विद्युत बस रात को शहरों की अतिरिक्त विद्युत का प्रयोग कर सकती हैं ।

लेकिन विद्युत बस की एक कमजोरी है कि वह तेल गाड़ी की तरह उतनी तेज़ी से नहीं चल सकती है । इसी कमी को दूर करने के लिए गैस-विद्युत मिश्रित गाड़ी के विकल्प को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये । ऐसी गाड़ियों के दो इंजिन, यानी गैस व विद्युत दोनों इंजिन होते हैं । लेकिन दो इंजिन वाली गाड़ी चलाने में ड्राईवरों को क्या अधिक दिक्कत होती है ? ऐसी चिन्ता की कोई आवश्यकता नहीं है । चीन की तुंगफंग मोटर गाड़ी कंपनी ने मिश्रित विद्युत गाड़ियों का उत्पादन शुरू किया है । इस कंपनी के तकनीशियन श्री शी के अनुसार मिश्रित गाड़ियां चलाने की दृष्टि से आम गाड़ियों की तुलना में अलग नहीं हैं ।  मिश्रित गाड़ियों का उपकरण पटल आम गाड़ियों जैसा ही सरल है । गैस व विद्युत के बीच बदलने के लिए सिर्फ एक छोटा सा बटन दबाना पड़ता है । पर इसी गाड़ी में एक विशेष स्क्रीन है , जिसपर ड्राईवर बस का चलना देख सकता है । ऐसी गाड़ी चलाना बहुत आसान है ।

श्री शी का कहना है कि मिश्रित गाड़ियों में स्वचलित गियरबॉक्स की व्यवस्था रखी जाती है । ड्राईवर को हाथ से गियर बदलने की जरूरत नहीं है । जब गाड़ी बड़ी तेज़ी से चलने लगती है , तो गाड़ी में गैस और विद्युत दोनों व्यवस्थाओं का प्रयोग होने लगता है । और जब गाड़ी धीमी होती है तो स्वंय विद्युत व्यवस्था का प्रयोग होने लगता है । ऐसी व्यवस्था से शोर और धुआं भी नहीं पैदा होता है । अब इस कंपनी से उत्पादित गैस-विद्युत मिश्रित बसों का बाजार में बहुत स्वागत किया जा रहा है ।

लेकिन तकनीशियनों का कहना है कि मिश्रित गाड़ी से प्रदूषण का पूर्ण समाधान नहीं किया जा सकता है । और प्रयोग की गयीं बैटरी से निपटना भी बहुत मुश्किल है । ऐसी स्थिति को बदलने के लिए चीनी तकनीशियन नये ईंधन वाली गाड़ियों का अनुसंधान कर रहे हैं । हाइड्रोजन उन का प्रथम विकल्प लक्ष्य है । ईंधन बैटरी ऐसी तकनीक का केंद्र कहलाता है । ईंधन बैटरी प्रत्यक्ष तौर पर हाइड्रोजन को विद्युत बना सकती है । ऐसी तकनीक से चलने वाली गाड़ी कोई भी प्रदूषण पैदा नहीं करती है ।

विद्युत गाड़ियों का भविष्य उज्ज्वल है । तकनीकी विकास के चलते चीन में विद्युत गाड़ियों का अधिकाधिक प्रयोग किया जाएगा । चीन सरकार की एक योजना के मुताबिक वर्ष 2008 के पेइचिंग ओलंपियाड के दौरान पेइचिंग शहर में सभी बसों को विद्युत बसों में बदल दिया जाएगा । वर्ष 2010 का शांघाई विश्व मेला विद्युत बस का स्वर्णयुग साबित होगा ।

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