वर्ष दो हजार दो में जब छिंगहाई तिब्बत रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा था , तब बड़ी संख्या में तिब्बती कुरंग घूमते हुए इस रेल लाइन को पार करते हुए देखे गए । हम ने इन पशुओं की सुविधा के लिए दस दिनों के लिए काम को बन्द किया , और घायल हुए कुरंगों का इलाज भी किया । कड़े संरक्षण कार्य की वजह से छिंगहाई तिब्बत रेल लाइन के दोनों तटों पर रहने वाले जंगली पशुओं का काफी संरक्षण किया जा चुका है । तिब्बती कुरंग की संख्या पहले के सत्तर हजार से बढ़ कर एक लाख तक जा पहुंची है । छिंगहाई तिब्बत रेल लाइन के तट पर स्थित क-क-शि-ली प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत तिब्बती युवा श्री वन-गा ने संवाददाता से कहा , हम ने रेल लाइन के निर्माताओं को यहां जीवित पशुओं की जीवन स्थितियों की खूब जानकारियां दी हैं । उन्हों ने हमारी सूचनाओं के मुताबिक पशुओं की रक्षा के लिए बहुत से कदम उठाए हैं । छिंगहाई तिब्बत रेल लाइन के किनारों पर कार्यस्थल के बाहर कार्य करने की कोई भी चीज़ नहीं दिखती है । क्योंकि इस रेल लाइन के निर्माण के बाद कार्य से जुड़े सभी उपकरणों को वापस हटाने और प्राकृतिक वातावरण की भी पूर्ण रूप से बहाली करने की कड़ी मांग की गयी है ।
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