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(GMT+08:00) 2006-06-27 14:54:38    
जोरशोर से विकास के दौर से गुरज रहा चाइना रेडियो इंटरनैशनल

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चाइना रेडियो इंटरनैशनल अपने सभी श्रोताओं की सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेने की अभिलाषा पूरी करने के लिये मैं और चाइना रेडियो इंटरनैशनल नामक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता शुरू हो गयी है ।

हम सर्वप्रथम इस प्रतियोगिता में पूछे जाने वाले दो प्रश्नों का विस्तार से परिचय देने जा रही हूं ।कृपया ध्यान से सुन लीजियेगा । प्रथम सवाल है वर्तमान चाइना रेडियो इंटरनैशनल ने विश्व भर में कितने पत्रकार कार्यालय स्थापित किये हैं , दूसरा प्रश्न है कि चाइना रेडियो इंटरनैशनल में प्रतिदिन कितनी भाषाओं का प्रसारण किया जाता है ।

गत सदी के 70 वाले दशक के अंत में चीन में रूपांतर और खुले द्वार नीति लागू होने के चलते चाइना रेडिय़ो इंटरनैशनल ने भी खुलेपन और विकास के रास्ते का विकल्प कर लिया है और उस का प्रभाव भी दिन ब दिन विस्तृत हो गया । चाइना रेडियो इंटरनैशनल के जर्मन भाषा के कार्यक्रम में जो परिवर्तन हुए हैं , जर्मनी की पत्रिका रेडियो कुरियलर ने उन की खूब प्रशंसा की है और उन्हें दूरी पर स्थित चीन से आयी तरोताजा हवा और सब से लोकप्रिय रेडियो तक भी कह दिया । साथ ही उत्तर अमरीकी रेडियो क्लब ने भी चाइना रेडियो इंटरनैशनल को विश्व में सब से बड़ा रेडियो चुन लिया ।

चीन के तेज विकास के चलते विश्व के विभिन्न देशों की चीन जानने की तीव्र जिज्ञासा के मद्देनजर चाइना रेडियो इंटरनैशनल अपने कार्यक्रमों के विषयों और रूप रेखाओं में भी बड़ा बदलाव लाया है । चीन के सब से उच्च स्तरीय प्रेस पुरस्कार विजेता , चाइना रेडियो इंटरनैशनल के असाधारण संपादक श्री वांग चो चओ ने याद करते हुए कहा कि अब हमारे रेडियो के कार्यक्रमों की संरचनाएं सरलता से विविधतापूर्ण हो गयी हैं और आज का हमारा रेडियो स्टेशन विश्व को विकास के दौर में एक वास्तविक चीन से परिचय कराने में बिल्कुल सक्षम हो गया है ।

श्री वांग चो चओ गत सदी के 60 वें दशक के शुरू में चाइना रेडियो इंटरनैशनल में नौकरी करने आये हैं । 70 वर्षिय वांग चो चओ अपनी असाधारण प्रतिभा से विदेशों में स्थित प्रखेप के चाइना रेडियो इंटरनैशनल के पत्रकार के रूप में चुन लिये गये हैं । अपनी बीसेक वर्षों की आपबीती की चर्चा में उन्हों ने कहा ऐसा कहा जा सकता है कि विदेशों में चाइना रेडियो इंटरनैशनल के पत्रकार कार्यालय की स्थापना के प्रथम दिन से हम तुरंत ही समाचार बटोरने में लग गये और विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों को दूर कर ठीक समय पर विश्व में घटित अहम घटनाओं की रिपोर्ट भेजने में सफल हुए हैं । जेनेवा में अफगान शांति समझौते के हस्ताक्षरण को मिसाल ले लीजिये , उस ऐतिहासिक घटना की रिपोर्ट देने में मैं ने भी भाग लिया था । तत्काल में जेनेवा में इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने की सिर्फ बीस मिनट बाद ही चाइना रेडियो इंटरनैशनल ने इस से जुडा समाचार भी प्रसारित कर लिया है ।

1980 से ही चाइना रेडियो इंटरनैशनल ने क्रमशः विदेशों में अपने पत्रकार कार्यालय स्थापित कर दिये है । इस संदर्भ में जापान की राजधानी तोक्यो और पूर्व युगोस्लाविया की राजधानी बेल्ग्रेड स्थापित कार्यालय सब से पुराने माने जाते हैं । विदेशों में भेजे जाने वाले जितने भी अधिक पत्रकारों में सुश्री ल्यू सु युन सब से प्रशंसनीय हैं । उन्हों ने बमबारी ग्रस्त यलुशलम में बड़ी तादाद में ताजी ताजी रिपोर्टें वापस भेज दी हैं । अभी वे स्वदेश लौट आयी हैं । उन्हों ने अपना अनुभव बताते हुए कहा अक्तूबर 2000 में फिलिस्तीन इजराइल युद्ध छिड़ गया और गाजा पट्टी सब से गम्भीर युद्धाग्नि में पड़ गयी । ऐसी स्थिति में हम बिना हिचके एक राष्ट्रीय झंडा लिये गाजा पट्टी गये । वहां पर हम ने अपनी आंखों से देखा कि एक फिलिस्तीनी व्यक्ति गोली का निशाना बनकर गिर पड़ा और ताजा खून उस की टांग से बाहर निकल गया । क्योंकि यह घायल व्यक्ति हम से केवल कई मीटर की दूरी पर गिर पड़ा था , इसलिये उस समय मुझे एकदम महसूस हुआ कि जीना मरना हम से इतना नजदीक हो गया है कि किसी भी क्षण पर यह मुसीबत हम पर भी आने की संभावना ही होगी । वास्तव में वहां ठहरने के दौरान न जाने कितनी बार ऐसी शोचनीय स्थितियों का सामना करना पड़ा है ।

वर्तमान में चाइना रेडियो इंटरनैशन विश्व के विभिन्न देशों में कुल 27 पत्रकार कार्यालय स्थापित कर चुका है । इन कार्यालयों में कार्यरत पत्रकार विश्व के कोने कोने में घ़टित हर अहम घटना से जुड़ी रिपोर्ट ठीक ही समय पर वापस भेजने के काबिल हैं । अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण कार्य के लगातार विस्तार व विकास के चलते चाइना रेडियो इंटरनैशनल अब प्रतिदिन 43 भाषाओं में 780 से अधिक घंटे का कार्यक्रम प्रसारित करता है । अतः भाषाओं , प्रसारण समय और श्रोताओं के पत्रों की दृष्टि से देखा जाये , आज चाइना रेडियो इंटरनैशनल विश्व के तीन सब से बड़े अंतर्राष्ट्रीय रेडियो की गिननती में आ गया है ।

रूपांतर और खुले द्वार नीति के कार्यांवयन के बाद काम करने , सीखने , पर्यटन करने और व्यापार करने के लिये अधिकाधिक विदेशी चीन आते जाते हैं । समय समय पर उन्हें चीन की देशी विदेशी नीतियों व वास्तविक चीन से अवगत कराने और देश के विज्ञान व तकनालोजी , संस्कृति व शिक्षा व वैदेशिक मामलों से जुड़े विशाल कर्मचारियों और जवान छात्रों को सुवाधाएं उपलब्ध कराने के लिये 1984 में चाइना रेडियो इंटरनैशनल ने सर्वप्रथम पेइचिंग क्षेत्र में अंग्रेजी कार्यक्रम का चैनल खोल दिया है । इस चैनल की मौजूदा उप महा निर्देशक सुश्री वांग लू ने बहुत गर्व के साथ इस का परिचय देते हुए कहा ,अभी तक यह चैनल चीन के भीतर सब से व्यवसायिक अंग्रेजी प्रसारण कार्यक्रम कहा जा सकता है । चाहे संगीत और अंग्रेजी कार्यक्रम हो या किसी दूसरे संबंधित क्षेत्र क्यों न हो , हम इस संदर्भ में चीन की मुख्य भूमि का स्वभाविक प्रवर्तक ही हैं ।

चीनी विदेशी प्रसारण दिन ब दिन विस्तृत होने के साथ साथ चाइना रेडियो इंटरनैशनल का रेडियो प्रसारण समाज के विकासक्रम के अनुरूप होना जरूरी हो गया है ।

1998 में चाइना रेडियो इंटरनैशनल ने सक्रिय रूप से सी आर आई ओन लाइंन प्रसारण करने पर जोर दिया है और अपनी बहुभाषी वैबसाइट खोल दी है । वर्तमान में यह वैबसाइट चीन में एक ऐसी अगल वैबसाइट बन गयी है कि जिस पर 43 भाषाओं के कार्यक्रम देखे जा सकते हैं और 48 भाषाओं का प्रसारण सुना जा सकता है । आंकड़ों के अनुसार सारी पृथ्वी पर जितने भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय रेडियो स्टेशनों द्वारा खुली वैबसाइटों में चाइना रेडियो इंटरनैशनल की वैबसाइट भी काफी नामी है ।

चाइना रेडियो इंटरनैशनल में कार्यरत विदेशी भाषी कर्चचारियों ने विदेशी उपन्यासों , पिक्चरों , धारावाहक टी वी फिल्मों और अन्य बहुत सी आकादमिक रचनाओं का अनुवाद किया है , ताकि चीनी नागरिक दुनिया के विभिन्न देशों की संस्कृतियों से परिचित हो सके । साथ ही उन्हों ने कुछ चीनी प्रसिद्ध रचनाओं का विदेशी भाषाओं में अनुवाद कर चीन की संस्कृतियों को विभिन्न देशों तक प्रसारित कर दिया है । उन में से कुछों ने चीनी व विदेशी सांस्कृतिक आदान प्रदान में असाधारण योगदान किया है । उदाहरण के लिये विभिन्न राष्ट्रीय उपाधियों से पुरस्कृत श्री लू श्वी लिन उन में से एक हैं । श्री लू श्वी लिन उर्दू भाषा के विद्वान हैं और अब चाइना रेडियो इंटरनैशनल के उर्दू विभाग में कार्यरत हैं । 1997 में वे पाकिस्तान सरकार द्वारा श्रेष्ट कामयाबी पदक से संमांनित हो गये । इस बात की चर्चा में श्री लू श्वी लिन ने बड़ी नम्रता से कहा,मैं केवल अपने अवकाश के समय यथासंभव पसंदीदा काम किया है । यदि इसे चीन पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदार करने के लिये योगदान माना जाये , तो वह अपनी छोटी सी तमन्ना ही है ।

आज का यह परिचयात्मक लेख यही तक , अब मैं इस लेख में पूछे जाने वाले दो प्रश्न एक बार फिर दोहरा दूं , पहला है वर्तमान चाइना रेडियो इंटरनैशनल ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में कितने पत्रकार कार्यालय स्थापित किये हैं और दूसरा है चाइना रेडियो इंटरनैशनल प्रतिदिन कितनी भाषाओं में कार्यक्रम प्रसारित करता है । हमें आशा है कि हमारे सभी श्रोता दोस्तो , बढ़ चढ़कर इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे । हम आप के पत्रों की प्रतीक्षा में हैं ।