मऊ उत्तर प्रदेश के रामप्यारे राम ने सी . आर .आई के हिन्दी विभाग के नाम भेजे पत्र में कहा कि सांस्कृतिक जीवन कार्यक्रम के तहत तिब्बत पठार पर खड़ा पोताला महल आज के विश्व का ऐतिहासिक स्थल बना हुआ वाला अंक काफी दिलचस्प , ज्ञान वर्धक लगा .आप ने बताया कि यह महल थूपो राजवंश का महल था , जो दलाई लामा की निवास स्थान के साथ ही साथ बौद्ध भिक्षुओं के लिए धार्मिक स्थान भी है । आप के द्वारा प्रसारित सांस्कृतिक जीवन का हर अंक नियमित सुनते हैं , पर समय के अभाव के कारण हर अंक की चर्चा पत्रों के माध्यम से नहीं कर पाते हैं , पर आज आप ने इस कार्यक्रम के द्वारा पत्र लिखने के लिए मजबूर कर दिया , इतनी सुन्दर पेशकश व ज्ञानपूर्ण कार्यक्रम से दिल लगी के लिए हम आप को ढेर सारा प्यार और बधाइयां देते हैं ।
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के काजी जेयाउद्दिन अंसारी ने हमें लिख कर कहा कि हम लोग नियमित रूप से सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रम को सुनते है और पसंद करते हैं , समय समय पर अपने क्लब सदस्यों के साथ बैठक भी करती हैं । और निर्णय करते है कि कल किस क्षेत्र में सी . आर .आई के कार्यक्रमों की चर्चा करने जाना है । ऐसा हमारे क्लब सदस्यों का प्रयास रहता है कि सी . आर .आई के प्रसारण तथा साप्ताहिक कार्यक्रमों के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी दे । अब्दुल गनी मेमोरियल वालीबाल बाल टुर्नामेंट का आयोजन किया गया , इस में क्लब के सभी सदस्यों ने अपने अपने पुरस्कार जो टीशर्ट सी . आर .आई प्रतियोगिता में पाये थे , वह सब फाइनल जीतने वाली टीमों को दे दिया , टी शर्ट देने से यह लाभ मिला कि लोगों की भीड़ जो कि हजारों की संख्या जमा थी , वह सब ने इस पुरस्कार को देखा और आपस में एक दूसरे से कहा सुना कि यह तो विदेश से पुरस्कार दिया गया , या तो विदेश से पुरस्कार मंगवा कर दिया गया है । इस पुरस्कार वितरण से हमारे वालीबाल टुर्नामेंट की सोभा बढ़ी है और लोगों को सी .आर .आई के प्रसारण के बारे में जानकारी मिली भी , इस प्रकार दोनों तरफ हमारे क्लब को लाभ मिला । आप का भेजा हुआ पुरस्कार केवल एक ही काम नहीं आता है , बल्कि अनेक मोड़ पर काम आता है ।
हम काजी जेयाउद्दिन अंसारी तथा शादाब रेडियो लिस्नर्स क्लब को कोटि कोटि धन्यावाद देते हैं कि आप ने अपने क्लब के साथ सी .आर.आई के प्रचार प्रसार के लिए बुद्धिमता व अच्छे ढंग से काम किया है , जो बहुत सराहनीय है , आप की यह अनुठी कोशिश सीखने के काबिला है , आशा है कि हमारे श्रोता कल्बों की गतिविधि अच्छी तरह चलती रहेगी।
मऊ उत्तर प्रदेश की कुमारी सपना ने हमें लिख कर कहा कि मैं सी . आर .आई केन्द्र से रोजाना चीनी भाषा का कार्यक्रम सुनती हूं और उसे अपनी हिन्दी भाषा में लिख कर अभ्यास भी करती हूं , पर चीनी शब्द ज्ञान के बगैर इस भाषा ज्ञान का क्या अर्थ जैसे सोने बीन सुहागा । क्या आप के केन्द्र से चीनी भाषा की कोई पुस्तक नहीं छपती , यदि नहीं तो क्यों । यदि आप अलग से पुस्तक नहीं छाप सकते , तो ठीक है आप अपने यहां से छपने वाली पत्रिका श्रोता वाटिका में ही थोड़ा थोड़ा शब्द ज्ञान दिया करे , तो काफी अच्छा होगा ।
मैं आप का कार्यक्रम नियमित सुनती हूं और अपने दोस्तों में खूब चर्चा करती हूं । पर आप हम बच्चों के लिए अलग से बाल मंच के कार्यक्रम के स्तर के कोई विशेष कार्यक्रम नहीं पेश करते हैं , इसलिए दिल उदास हो जाता है , आप हम बच्चों का लिखा गया पत्र भी अपने कार्यक्रमों में शामिल नहीं करते हैं , कृपया बताए कि आप अपने कार्यक्रम में जो लोग म्मी पापा बन गए है , उन के पत्र को शामिल करते हैं , लगता है कि सी .आर .आई के सभी लोग म्मी पापा बन चुके हैं ।
सपना छोटी बहन ने खूब मजा भरा पत्र हमारे पास भेजा है , जिसे पढ़ कर हमें आनंद भी आया और प्रभावित भी हुआ । तुम ने ठीक कहा है कि चीनी भाषा सीखने के लिए संदर्भ पुस्तक की आवश्यकता है , लेकिन इस समय किसी कारण से हमारे पास नहीं है , हम ने इस पुस्तक के लिए कोशिश की थी , और आगे कोशिश करेंगे । तुम ने अच्छा सुझाव रखा है कि श्रोता वाटिका में एक लघु स्तंभ खोल कर संक्षेप में चीनी भाषा पढ़ायी जाए , हम आगे इस पर सोच विचार करेंगे । चीनी जनता का कहावत है कि बच्चे हमारी मातृभूमि का फुल हैं और देश का भविष्य हैं । हम हमेशा बच्चों से प्यार स्नेह रखते हैं , हम जरूर बच्चों की आवश्यकता पर ध्यान देंगे और कार्यक्रमों में बच्चों के संदर्भ में ज्यादा रिपोर्ट देने की कोशिश करेंगे । यहां मैं तुम को एक रहस्य बताना चाहती हूं और सुनने के बाद तुम दूसरों को न बताएं कि हमारे यहां हिन्दी विभाग में बुजुर्ग और प्रौढ़ लोग ज्यादा थे , जरूर है कि वे म्मी पापा बन चुके हैं ,पर इन सालों में उन में से बहुत लोग रिटायर हो गए हैं या होने जा रहे हैं । अब हिन्दी विभाग में नई नई नौजवान बहनें और भाई आये हैं , जिन में से कुछों के फोटो श्रोता वाटिका में छप चुके हैं , वे अभी म्मी पापा तो नहीं हैं , उन के दिल भी बच्चों की भांति चंचल और यौवान है । तुम को वे पसंद आएंगे , यही मेरी उम्मीद है । पत्र लिखने तथा अच्छी अच्छी राय बताने के लिए तुम को ढेर सारा धन्यावाद । तुमारे नए पत्र के इंतजार में है ।

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