दोस्तो , वर्ष 2004 के एथेन्स विकलांग ओलिंपिक खेलों के समापन समारोह में चीनी विकलांक कला मंडली ने जो सहस्त्र हस्त अवलोकनदेश्वरी का अद्भुत नृत्य पेश किया था , उस ने पूरे विश्व को लुभाया है । 21 चीनी विकलांग गूंगा बहरा युवतियों ने मनोहक और प्रभावकारी नृत्य कार्यक्रम पेश किया है , उसे नृत्य कला का आश्चर्य माना गया है ।
सहस्त्र हस्त अवलोकनदेश्वरी नृत्य की मधुर धुन के साथ सुश्री नोमिनछीछीग अपनी सेहलियों के साथ मिल कर ऐसा अद्भुत सुन्दर नृत्य पेश कर रही है , मानो 21 अप्सरी हवा में नाच रही हो । उन की सलोना अदाओं और मंजे हुए अंगविक्षेपों ने इस नृत्य को कला की अछूता चोटी पर पहुंचाया है । लेकिन क्या आप को मालूम है कि इन सभी युवतियों को संगीत की ध्वनि सुनाई नहीं पड़ती है , वे पूरी तरह शिक्षक के हस्त संकेत के मुताबित मन में संजोए ताल पर नाचती हैं ।
कला मंडली की मंगोल जातीय सदस्य सुश्री नोमिनछीछीग इस साल 25 साल की है , वह सुडौल और छरहरी है , चुस्त और होशियार है । बोलने की ट्रेनिंग के लिए वह हमेशा अथक कोशिश करती है।
नमस्ते , मैं नोमिनछीछीग हूं , आप लोगों से मिलने पर बहुत खुश हूं , मुझे लगता है कि जीवन बहुत सुन्दर होता है ।
सुश्री नोमिनछीछीग सिन्चांग के एक मंगोल जाति के घर में जन्मी है , लेकिन दुख की बात है कि दो साल की उम्र में बीमारी के कारण उस की श्रवण शक्ति खो गयी । लेकिन पिता नोमिनताला की नजर में वह किसी स्वस्थ बच्चे से कम नहीं है । नोमिनताला ने कहाः
वह बहुत तेज और होशियार है , एक साल की उम्र में वह बोलने लगी और संगीत पर थिरकना भी जान गयी । श्रवण शक्ति से वंचित होने के बाद भी उस की ज्ञान सीखने की जिज्ञासा और सुन्दर जीवन की मनोरथ नहीं लुप्त हुई । बहरा होने पर भी वह मेहनत से सीखती है और बहुत से क्षेत्र में स्वस्थ बच्चों से श्रेष्ठ निकली है ।
छह साल की उम्र में मां बाप ने उसे सामान्य स्कूल में पढ़ने के लिए दाखिल कराया , वह कड़ी मेहनत से उचारण करने का अभ्यास करती रही , फलस्वरूप उस की पढ़ाई भी बराबर स्कूल की अग्रिम पंक्ति में रही ।
बालावस्था में ही नोमिनछीछीग को नाचना पसंद आया था , आठ साल की उम्र में वह नृत्य सीखने लगी , संगीत सुनाई नहीं देने के कारण उस के लिए कितना कठिनाइयां मौजूद है , यह स्पष्ट बात है । लेकिन उस ने अपनी कोशिश नहीं छोड़ी । उस के दिल में नृत्य आनंदपूर्ण है , जिस से वह अपना मन का भाव व्यक्त कर सकती है । नृत्य के लिए सुश्री नोमिनछीछीग ने स्वस्थ लोगों से अकल्पनीय मेहनत अर्पित की , इस की याद करते हुए उस की छोटी बहन जाया ने आंसुओं आवाज में कहाः
मुझे गहरी याद है कि जाड़ों के एक साल मैं बड़ी बहन के साथ नृत्य कला के अभ्यास के लिए गयी , वहां मैं ने देखा कि नृत्य बहुत कठिन होने के कारण वह बार बार अभ्यास करती रही , मुह और शरीर पसीने से तरतर हो गए , लकड़ी के फर्श पर कला की भंगमा करने से दोनों घुटनियों पर जख्मी आयी और खून भी निकला । लेकिन वह सुबह से शाम तक अभ्यास पर कायम रही । इस से प्रभावित हो कर मेरी आंखों में आंसू उभर भी आयी ।
इसी तरह नृत्य नोमिनछीछीग के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया । जवान होने पर वह चीनी विकलांग कला मंडली में दाखिला की गयी , जहां वह और कड़ी मेहनत से नृत्य सीखती रही । गूंगे बहरे के लिए संगीत की धुन पर नाचना असाधारण मुश्किल काम है । अभ्यास बहुत कठोर है , एक एक भंगामे के लिए दसियों और सौ सौ बार अभ्यास करना पड़ता है । सहस्त्र हस्त अवलोकनदेश्वरी नामक नृत्य के लिए अभ्यास और असाधारण कठिन और कष्टदायक है । रोज सुबह से रात तक दसियों बार अभ्यास करती रही । लेकिन सुश्री नोमिनछीछीग इसे कष्टदायी नहीं मानती । वह समझती है कि खूबसूरत नृत्य को दर्शकों को दिखाना और दर्शकों से सराहना मिलना एक गौरव की बात है ।
सुश्री नोमिनछीछीग और उस की सेहलियों ने अद्मय मनोबल और सद्भाव का परिचय कर सहस्त्र हस्त अवलोकनदेश्वरी का नृत्य पेश किया , जिस ने सभी लोगों को भावद्राविद कर दिया । उस के पिता ने इस नृत्य कला का पूर्वाभ्यास देखा ,तो अत्यन्त प्रभावित हुआ।
गूंगा बहरा लड़कियों के लिए यह काम अत्यन्त ही कठिन है , नृत्य की हरेक भंगामे के लिए स्वस्थ लोगों से न जाने कितने गुनी मेहनत अर्पित करना पड़ा । नृत्य को उत्तम बनाने के लिए वे बारंबार अभ्यास करती रही । मुझे पक्का विश्वास है कि उन की मेहनत का असाधारण सुफल निकलेगा ।
सहस्त्र हस्त अवलोकनदेश्वरी का नृत्य हमें यह शिक्षा देता है कि जो भी व्यक्ति हो , जब वह सद्भाव से परिपूर्ण है , उस के जेहन में प्यार भरा हुआ है , तो हजार हाथ उसे मदद देने के लिए मौजूद है और वह भी हजार हाथों से दूसरों को मदद दे सकता है ।
नोमिनछीछीग और उस की सेहलियां दोनों हाथों से प्यार और दया का संदेश प्रेषित करती हैं , जब उन्हों ने एथेन्स विकलांग ओलिंपिक के समापन समारोह में खूबसूरती के साथ इस नृत्य को पेश किया , तो उस ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया । इस के बाद उन्हों ने अनेक देशों और क्षेत्रों में यह कार्यक्रम प्रस्तुत किया , उन्हें भावभीना स्वागत मिला और दर्शकों ने इस नृत्य को अद्भुत , भावोद्वेलिक और आंसू देने वाला कह कर प्रशंसा की ।
सुश्री नोमिनछीछीग ने कहा कि उस की सफलता परिवार के समर्थन और व्यक्तिगत प्रयत्न से अलग नहीं हो सकती है । नृत्य के जरिए उसे सुख आनंद भी मिला है । वह कहती हैः
मैं नहीं मानती हूं कि मेरी दुनिया ध्वनि रहित है , जब हृद्य में सुख आनंद है , तो जीवन भी सुखमय रहेगा , मुझे विश्वास है कि मेरा जीवन बहुत सुन्दर होगा ।
अब सुश्री नोमिनछीछीग चीनी विकलांग कला मंडली से सेवानिवृत्त हुई है , वह ऊरूमुची विश्वविद्यालय के पुस्तकालय की प्रबंधन कर्मचारी बन गयी । वह अपना वर्तमान काम को बहुत पसंद करती है । उस की सहकर्मी सुश्री यांग च्यान हवा ने कहा कि वह मेहनती और अध्ययनशील है और बड़ी संकल्पबद्ध है , सभी लोग उसे पसंद करते हैं ।
अब सुश्री नोमिनछीछीग का अपना परिवार भी है , उस का पति भी गूंगा बहरा है , उन का प्यार बहुत प्रगाढ है । दोनों ने अपनी विशेष हस्त भाषा तैयार की है , जिसे केवल मिया बीवी दोनों समझते हैं। सुश्री नोमिनछीछीग का कहना है कि अब वह अपने इस शांत जीवन को पसंद करती है और सभी सुखमय परिवारों की भांति उस का परिवार भी सुखद रहा है ।
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