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(GMT+08:00) 2006-06-22 09:30:55    
देशपारीय विलय चीन के उद्योगों के वैदेशिक पूंजी निवेश का नया मार्ग बन गया है

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देशपारीय विलय एक समय विकसित देशों के देशपारीय कम्पनियों की शक्तिदर क्षेत्र रहा था। लेकिन गत वर्ष के आरम्भ से लोगों की नजर में केन्द्रीय तकनीक की माहिरता तक न हासिल कर पा सकने वाले चीनी उद्योगों ने लोगों को अचरज में डाल दिया, एक के बाद एक अभूतपूर्व देशपारीय विलय के सफल मामले लोगों की दृष्टि के आगे आ खड़े हो गये। चीन के लेनोवा कम्पनी ने सफलतापूर्वक आइ बी एम के पी सी कम्पयूटर व्यवसाय को खरीद लिया, चीनी समुद्र तेल कम्पनी के यूनीकाल कम्पनी को खरीदने के मामले की धमाके भरी खबर आदि कई विलय मामलों ने निरंतर विश्व की नजरों को चीन के उद्योगों की ओर खींचा है। आखिर चीन के उद्योगों ने देशपारीय पूंजी निवेश का कदम क्यों उठाया है. समुद्रपारीय बाजार में उनके आगे कौन सी समस्याए खड़ी हैं। आज के इस कार्यक्रम हम आप को इस पर कुछ जानकारी देगें।

गत वर्ष मई को चीन के सबसे बड़े पी सी कम्पयूटर निर्माता लेनोवा समूह ने 1 अरब 25 करोड़ अमरीकी डालर से आइ बी एम के पी सी कम्यूटर व्यवसाय अधिकार को खरीद लिया, विलय होने के बाद लेनोवा कम्पनी ने 13 अरब अमरीकी डालर की वार्षिक आमदनी राशि से जो एक लम्बी छलांग भरी है , उस से वह विश्व के तीसरे सबसे बड़े पी सी कम्पयूटर निर्माता की जगह में जा बैठा है।

इस बार के विलय की चर्चा करते हुए लेनोवा समूह कम्पनी के उप महा प्रबंधक ल्यू श्याओ लिंग ने खुशी भरे स्वर में हमें बताया लेनोवा कम्पनी चीन के बाजार से बहुत ही वाकिफ है और चीन की मशहूर ब्रांड भी है, उसके बाजार के कब्जे का दर चीन में एक बड़ा हिस्सा माना जाता है। आइ बी एम का चीन के बाजार का हिस्सा लेनोवा से कहीं ज्यादा कम है। हमारा सेल नेट चीन में बहुत मजबूत है, जबकि आइ बी एम का विश्व का सेल नेट मजबूत हैं। उत्पाद के पहलु में लेनोवा पी सी कम्पयूटर के निर्माण में माहिर है और आइ बी एम ने नोटबुक कम्पयूटर में अपनी श्रेष्ठता बनायी है।

लेनोवा कम्पनी के विदेशी कम्पनी खरीदने का साहस भरा कदम चीन के उद्योगों के समुद्रपार खरीददारी का एक छोटा सा भाग ही है। चीनी तेल कम्पनी ने कजाख्सतान की पी के तेल कम्पनी को, नानचिंग कार समूह ने ब्रिटेन की मशहूर ब्रांड कार उत्पादन कम्पनी रोफुर को खरीदने की सफलताओं ने पर्याप्त रूप से चीनी उद्योगों की विशाल शक्ति को दर्शाया है। चीन के तेज आर्थिक विकास के चलते चीनी उद्योग भी दिनोंदिन परिपक्व होते जा रहे हैं, उन्होने घरेलु बाजार का एक बड़ा हिस्सा ही नहीं बटोरा है, बल्कि धीरे धीरे देशपारीय खरीददारी की ओर नया कदम भी बढ़ाया है।

चीनी वाणिज्य मंत्रालय के सहायक मंत्री छन च्येन ने कहा गत वर्ष विदेशों में डाली पूंजी निवेश से पता चला है कि देशपारीय खरीददारी चीन के उद्योगों का पूंजी निवेश का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है। उन्होने कहा वर्ष 2005 में चीन ने विदेशों में 6 अरब 90 करोड़ अमरीकी डालर का पूंजी निवेश किया था, जो इस से पहले के एक साल की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक रहा। इस में केवल विदेशी कम्पनियों की खरीददारी में खर्च की गई प्रत्यक्ष पूंजी 2 अरब 30 करोड़ अमरीकी डालर दर्ज की गई है ।

चीन के विदेशों में पूंजी निवेश के तीव्र विकास से बाजार मात्रा का तेज विस्तार हुआ है, इस से देश के आर्थिक व समाज विकास को प्रेरणा ही नहीं मिली है विश्व के उद्योगों के ढांचे के समायोजन व उत्पादन कारकों के युक्तियुक्त बंटवारे में भी उसका बड़ा योगदान है। वर्तमान चुंगसिन कोम, हवावए, हाएअड़, हाएसिन आदि चीन में ख्याति प्राप्त व प्रभावशाली उद्योगो ने देशपारीय पूंजी निवेश संचालन तरीके पर निर्भर रहकर अन्तरराष्ट्रीय रणनीति निर्धारिक की है. चीन में घरेलु बिजली उपकरण, टैक्सटाइल, तयशुदा वस्त्र तथा खाद्यान्न आदि उद्योगों के पास अपनी श्रेष्ठता हासिल है, उन्होने विदेशों में अपनी संस्थाए व शाखाए खोलना शुरू कर दिया है।

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